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दिल्ली: कूड़े के पहाड़ों में लगने वाली आग पर निगरानी के लिए लगेंगे CCTV कैमरे - delhi Landfill Site Fire Case

दिल्ली नगर निगम ने कूड़े के पहाड़ों पर लगने वाली आग की घटनाओं को रोकने के लिए CCTV कैमरे लगाने का निर्देश दिया है. इसके साथ लैंडफिल साइटों के चारों ओर मजबूत घेराबंदी करने का भी निर्देश दिया.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 8, 2024, 5:02 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कूड़े के पहाड़ों पर लगने वाली आग को लेकर दिल्ली नगर निगम अलर्ट है. अब कूड़े के पहाड़ों की 24 घंटे सीसीटीवी कैमरे से निगरानी जाएगी. इसके अलावा डंपिंग यार्ड के चारों ओर मजबूत घेराबंदी की जाएगी. फिलहाल, दिल्ली की तीन लैंडफिल साइट गाजीपुर लैंडफिल साइट पर 31, भलस्वा लैंडफिल साइट पर 31 और ओखला लैंडफिल साइट पर 32 सीसीटीवी कैमरे लगा है. इन जगहों पर माचिस, लाइटर, धूम्रपान करने पर भी रोक है.

दरअसल, गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आए दिन आग लगने की घटनाएं होते रहती है. हाल ही में 22 अप्रैल को लैंडफिल साइट पर बड़ी आग की घटना हुई थी. 24 घंटे से ज्यादा समय तक लैंडफिल साइड से धुएं का गब्बर निकलता रहा. इससे दिल्ली के अलावा गाजियाबाद और नोएडा की रिहायशी कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. इस घटना के बाद एनजीटी ने दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया था.

इसके बाद आग की घटना दोबारा ना हो इसको लेकर निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया. निगम अधिकारियों का कहना है कि सीसीटीवी कैमरे की निगरानी बढ़ाई जा रही है. इसके लिए सीसीटीवी कैमरे की संख्या बढ़ाई जाएगी, ताकि कहीं भी आग की घटनाएं सामने आए तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जा सके. निगम अधिकारियों का कहना है कि कचरे के निष्पादन के लिए दिल्ली नगर निगम गंभीर है. कूड़ का निस्तारण किया जा रहा है. अग्नि प्रबंधन के लिए विशेष एजेंसी लगाने की भी तैयारी की जा रही है.

मीथेन गैस निकलने से लगती है आग: एक्सपर्ट का कहना है कि कूड़े के पहाड़ से निकलने वाली मिथेन गैस से लैंडफिल साइट पर आग लगती है. मीथेन गैस काफी ज्वलनशील होता है, अत्यधिक गर्मी की वजह से उसमें आग लग जाती है और आग डंपिंग यार्ड में जमा कूड़े को अपनी चपेट में ले लेता है.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कूड़े के पहाड़ों पर लगने वाली आग को लेकर दिल्ली नगर निगम अलर्ट है. अब कूड़े के पहाड़ों की 24 घंटे सीसीटीवी कैमरे से निगरानी जाएगी. इसके अलावा डंपिंग यार्ड के चारों ओर मजबूत घेराबंदी की जाएगी. फिलहाल, दिल्ली की तीन लैंडफिल साइट गाजीपुर लैंडफिल साइट पर 31, भलस्वा लैंडफिल साइट पर 31 और ओखला लैंडफिल साइट पर 32 सीसीटीवी कैमरे लगा है. इन जगहों पर माचिस, लाइटर, धूम्रपान करने पर भी रोक है.

दरअसल, गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आए दिन आग लगने की घटनाएं होते रहती है. हाल ही में 22 अप्रैल को लैंडफिल साइट पर बड़ी आग की घटना हुई थी. 24 घंटे से ज्यादा समय तक लैंडफिल साइड से धुएं का गब्बर निकलता रहा. इससे दिल्ली के अलावा गाजियाबाद और नोएडा की रिहायशी कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. इस घटना के बाद एनजीटी ने दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया था.

इसके बाद आग की घटना दोबारा ना हो इसको लेकर निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया. निगम अधिकारियों का कहना है कि सीसीटीवी कैमरे की निगरानी बढ़ाई जा रही है. इसके लिए सीसीटीवी कैमरे की संख्या बढ़ाई जाएगी, ताकि कहीं भी आग की घटनाएं सामने आए तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जा सके. निगम अधिकारियों का कहना है कि कचरे के निष्पादन के लिए दिल्ली नगर निगम गंभीर है. कूड़ का निस्तारण किया जा रहा है. अग्नि प्रबंधन के लिए विशेष एजेंसी लगाने की भी तैयारी की जा रही है.

मीथेन गैस निकलने से लगती है आग: एक्सपर्ट का कहना है कि कूड़े के पहाड़ से निकलने वाली मिथेन गैस से लैंडफिल साइट पर आग लगती है. मीथेन गैस काफी ज्वलनशील होता है, अत्यधिक गर्मी की वजह से उसमें आग लग जाती है और आग डंपिंग यार्ड में जमा कूड़े को अपनी चपेट में ले लेता है.

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