फरीदाबाद: अगर सच्ची निष्ठा से कड़ी मेहनत की जाए तो नामुमकिन जैसा कुछ भी नहीं होता. कितनी भी उंची सफलता पाना चाहते हो लेकिन उसके लिए मेहनत भी उतनी ही कड़ी करनी पड़ती है और इसकी मिसाल है फरीदाबाद का छात्र गगन गुप्ता. हम उस छात्र की बात कर रहे हैं जिसने CBSE 12th रिजल्ट में कॉमर्स विद मैथ सब्जेक्ट में 94.2 फीसदी अंक लाकर अपने माता-पिता को गौरवान्वित किया है. वहीं, जिलेभर में स्कूल का नाम भी रोशन कर दिया है. लेकिन गगन के लिए इतनी बड़ी सफलता पाना बिल्कुल भी आसान नहीं था. उसने दिन-रात कड़ी मेहनत से शानदार सफलता हासिल की है.
रेहड़ी पर काम के साथ पढ़ाई: बता दें कि गगन के पिता सड़क किनारे फुटपाथ पर समोसे, कचोरी और छोले-भटूरे की रेहड़ी लगाते हैं और उस रेहड़ी पर गगन भी अपने पिताजी की मदद करता है. सुबह शाम गगन करीब 4 घंटे पढ़ाई के बाद अपने पिताजी के साथ रेहड़ी पर काम करता है. गरीब परिवार से होने के बावजूद भी संसाधनों की कमी के बावजूद भी रेहड़ी पर काम करते-करते गगन ने जो सफलता हासिल की है उसकी हर तरफ तारीफ हो रही है.
मुश्किल से निकल पाता है घर का खर्च: गगन के पिता रामकुमार गुप्ता ने ईटीवी भारत को बताया कि 'गगन बचपन से ही पढ़ने में होशियार है. गगन एक निजी स्कूल में पढ़ता है. जिसकी फीस बड़ी ही मुश्किलों से निकाल पाते हैं. यही वजह है कि चार साल पहले फैसला लिया था कि गगन को उस स्कूल से निकालकर सरकारी स्कूल में एडमिशन दिला दूं. तो वहां के प्रिंसिपल ने कहा कि गगन पढ़ने में होशियार है इसको सही गाइडेंस की जरूरत है. आपके पास पैसे न भी हो तो कोई बात नहीं पैसे मत दीजिए लेकिन फिर भी हर महीने गगन की फीस पूरी भरता हूं. गगन के इस परिणाम से बहुत खुश हूं. मैं यहां रेहड़ी लगाता हूं और इसी रेहड़ी से अपने परिवार और गगन की पढ़ाई का खर्च पूरा करता हूं'.
पुलिस ने की फोटो शेयर: रामकुमार ने बताया कि 'जब गगन का रिजल्ट आया तो यहां पर सब इंस्पेक्टर सुबे सिंह मौजूद थे. जिनको मैंने मिठाई खिलाई तो उन्होंने पूछा कि किस खुशी में मिठाई बांट रहे हो. तो मैंने बताया कि मेरे बेटे गगन ने 94.2 परसेंट अंक हासिल किए हैं. जिसके बाद उन्होंने फोटो खींचे और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी. उसी के बाद लोगों को पता चला कि गगन के इतने अच्छे अंक आए हैं'.
CA बनने के लिए कोशिश जारी: वहीं, ईटीवी भारत की टीम से बातचीत में गगन ने बताया कि 'मैं अपने रिजल्ट से बहुत खुश हूं और मैं पढ़ाई के साथ-साथ पापा की हेल्प भी करता हूं. सुबह-शाम रेहड़ी पर काम करने के साथ-साथ पढ़ाई भी करता हूं और स्कूल जाता हूं. स्कूल और ट्यूशन से आने के बाद फिर से रेहड़ी पर काम करता हूं, पढ़ाई के लिए समय बहुत कम मिलता है, तो कभी-कभी मैं यहीं पर पढ़ाई कर लेता हूं. सीए बनना मेरा सपना है. जिसके लिए कड़ी मेहनत जारी है.
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