जयपुर. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 48.06 करोड़ के बैंक घोटाले के एक मामले में जयपुर की एक कंपनी, उसके निदेशक व प्रमोटर्स और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. इस मामले में सीबीआई ने जयपुर में पांच ठिकानों पर तलाशी भी ली. दरअसल, सीबीआई ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एक शिकायत के आधार पर जयपुर स्थित निजी एक कंपनी, उसके निदेशक व गारंटरों के साथ ही अज्ञात सरकारी कर्मचारियों और निजी लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इसमें बैंक के साथ 48.06 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है. बताया जा रहा है कि यह कंपनी बिजली वितरण ट्रांसफार्मर के विनिर्माण और मरम्मत के व्यवसाय से जुड़ी थी.
सीबीआई की ओर से जारी प्रेस बयान के अनुसार यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ 48.06 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में मैसर्स स्वास्तिक कॉपर्स प्राइवेट लिमिटेड, जयपुर, उसके डायरेक्टर व गारंटर संदीप जैन, पूर्व डायरेक्टर व गारंटर नीलम जैन, डायरेक्टर व गारंटर इंद्रा जैन, गारंटर शरद कुमार बाकलीवाल के साथ ही अज्ञात सरकारी कर्मचारी और निजी व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है. सीबीआई की ओर से जयपुर में आरोपी व्यक्तियों के कारखाने, कार्यालय और आवासीय परिसरों सहित लगभग पांच स्थानों पर तलाशी ली जा रही है. इस मामले में जांच जारी है.
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झूठे दस्तावेज से नकद साख सीमा का लिया लाभ : आरोप है कि आरोपी व्यक्तियों ने आपराधिक षड्यंत्र कर बैंक के साथ करीब 48.06 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की. कंपनी ने कथित तौर पर झूठे व बढ़े हुए दस्तावेज जमा करके नकद साख सीमा का लाभ उठाया. साथ ही यह भी आरोप है कि आरोपियों ने इनलैंड एलसी (inland LCs), बीजी (BGs) पर चूक (Defaulted) की और अपने संबंधित पक्षों के साथ लेनदेन के माध्यम से बैंक धनराशि का दुरुपयोग किया.