जयपुर. सीबीआई ने 820 करोड़ रुपए के संदिग्ध ट्रांजेक्शन के मामले को लेकर राजस्थान के छह शहरों के 60 से ज्यादा ठिकानों पर बुधवार को छापेमारी की. इस दौरान मौके पर 30 संदिग्धों से पूछताछ और जांच की गई. जबकि 130 संदिग्ध दस्तावेज, 40 मोबाइल, दो हार्ड डिस्क और एक इंटरनेट डोंगल जब्त किया है, जिन्हें जांच के लिए एफएसएल भेजा गया है. इसके अलावा महाराष्ट्र के पुणे में भी कई ठिकानों पर इसी केस को लेकर छापेमारी की गई. सीबीआई की ओर से गुरुवार को प्रेस बयान जारी कर इस कार्रवाई की जानकारी दी गई.
सीबीआई की ओर से जारी प्रेस बयान के अनुसार यूको बैंक की शिकायत पर सीबीआई ने 21 नवंबर, 2023 को एक केस दर्ज किया था. इस शिकायत के मुताबिक 10 से 13 नवंबर 2023 के बीच सात निजी बैंकों के 14,600 खाताधारकों के आतंरिक त्वरित भुगतान सुविधा (आईएमपीएस) से भुगतान गलती से यूको बैंक के 41,000 खातों में दर्ज हो गया था. इनमें से 820 करोड़ रुपए की राशि यूको बैंक के खाताधारकों के खातों में जमा हो गई लेकिन मूल बैंक के खाते से डेबिट नहीं हुई. कई खाताधारकों ने अलग-अलग बैंकिंग चैनल्स के जरिए राशि निकलवा ली. इसी मामले को लेकर दिसंबर 2023 में कोलकाता और मंगलोर में खाताधारकों और यूको बैंक के अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी.
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इन शहरों में पहुंची सीबीआई की टीमें : इसी कड़ी में 6 फरवरी को राजस्थान के जोधपुर, जयपुर, जालोर, नागौर, बाड़मेर और फलौदी में और महाराष्ट्र के पुणे में छापेमारी की गई. इस छापेमारी में यूको बैंक और आईडीएफसी से जुड़े 130 संदिग्ध दस्तावेज, 40 मोबाइल, दो हार्ड डिस्क और एक इंटरनेट डोंगल फोरेंसिक अनुसंधान के लिए जब्त किए गए हैं. इसके साथ ही 30 संदिग्धों से मौके पर ही जांच और पूछताछ की गई है.
210 कर्मचारियों की 40 टीम जुटी : इस छापेमारी में राजस्थान पुलिस के 120 हथियारबंद जवान तैनात किए गए. इसके साथ ही सीबीआई के 210 कर्मचारियों की 40 टीमों ने इस छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया है. जबकि अलग-अलग विभागों के 80 कर्मचारी-अधिकारियों को बतौर स्वतंत्र गवाह इस कार्रवाई में शामिल किया गया.