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उत्तराखंड उद्यान घोटाला, सीबीआई ने एचएस बवेजा को बनाया मुख्य आरोपी, कईयों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज - Uttarakhand Horticulture Scam

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 13, 2024, 11:05 PM IST

Uttarakhand Horticulture Scam, CBI in Horticulture Scam उद्यान घोटाला मामले में सीबीआई एक्शन में है. सीबीआई ने इस मामले में पूर्व उद्यान निदेशक एचएस बवेजा को मुख्य आरोपी बनाया है. कई अन्य अधिरकारियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है. सीबीआई ने इस मामले की जांच के लिए 12 टीमों की गठन किया है.

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उत्तराखंड बहुचर्चित उद्यान घोटाला (Etv Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड बहुचर्चित उद्यान घोटाले में सीबीआई ने उत्तराखंड समेत उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की. इस दौरान पूर्व उद्यान निदेशक एचएस बवेजा और कई उद्यान अधिकारियों समेत 26 व्यक्तियों से गहन पूछताछ की गई. इनमें मुख्य उद्यान अधिकारी नैनीताल राजेंद्र कुमार, कुछ अन्य अधिकारियों समेत जम्मू कश्मीर व हिमाचल प्रदेश की नर्सरी से जुड़े कारोबारी और कर्मचारी भी शामिल हैं. प्रकरण में देहरादून की तत्कालीन मुख्य उद्यान अधिकारी मीनाक्षी जोशी भी लपेटे में आ गई हैं.

सीबीआइ ने अधिकारियों और कर्मचारियों के ठिकानों से महत्वपूर्ण दस्तावेज जुटाए हैं. सीबीआइ जल्द कुछ आरोपियों को गिरफ्तार भी कर सकती है. यह मामला मुख्य रूप से 15 लाख पौध के नाम पर करीब 70 करोड़ रुपए के खर्च से जुड़ा है. करोड़ों रुपए के भुगतान में सीधे तौर पर फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है.

सीबीआई ने यह कार्रवाई गुरुवार को 3 अलग अलग एफआईआर दर्ज करने के साथ ही शुरू की. तीनों एफआईआर में तत्कालीन उद्यान निदेशक को मुख्य आरोपी बनाया, जबकि 15 नामजद और 2 के विरुद्ध अज्ञात में मामला दर्ज किया गया है. पहली एफआईआर में तत्कालीन निदेशक एचएस बवेजा के साथ तत्कालीन मुख्य उद्यान अधिकारी देहरादून मीनाक्षी जोशी (अब उप निदेशक जलागम प्रबंधन), अनिल रावत (यूके हाइटेक नर्सरी, ग्राम बनपुर त्यूणी), अज्ञात सरकारी सेवक, दूसरी एफआईआर में पूर्व उद्यान निदेशक एच एस बवेजा, नर्सरी विकास अधिकारी त्रिलोकी राय (अब मुख्य उद्यान अधिकारी पिथौरागढ़), तत्कालीन राजेंद्र कुमार सिंह आलू विकास अधिकारी ऊधमसिंहनगर (अब मुख्य उद्यान अधिकारी नैनीताल), तत्कालीन उद्यान निरीक्षक सर्किट हाउस देहरादून नारायण सिंह बिष्ट, सहायक विकास अधिकारी उद्यान नैनीताल भोपाल राम, सुनील सिंह निवासी मजरा प्रभु बाजपुर ऊधमसिंहनगर, मो. फारूक डार निवासी नवपुरा कुलगाम (जम्मू कश्मीर), सजद अहमद निवासी बोना देवासर कुलगाम जम्मू कश्मीर, शामी उल्ला भट अवंतीपुर पुलवामा, विनोद शर्मा निवासी राजगढ़ सिरमौर हिमाचल प्रदेश और अन्य, जबकि तीसरी एफआईआर में पूर्व उद्यान निदेशक एचएस बवेजा, तत्कालीन मुख्य उद्यान अधिकारी उत्तरकाशी अनिल कुमार मिश्रा, नितिन शर्मा निवासी अनिका ट्रेडर्स हमीरपुर कला रायवाला देहरादून और हरजीत सिंह निवासी राजपुर रोड धोरण देहरादून को आरोपी बनाया गया है.

सीबीआई ने जांच के लिए 12 टीमों की गठन किया: सीबीआई ने इस मामले में जांच के लिए कुल 12 टीमों का गठन किया है. इससे पूर्व वसंत विहार सीबीआइ कार्यालय में एचएस बवेजा समेत कुल 26 अधिकारियों और कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया. इसके साथ ही इनके ठिकानों पर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के नैनीताल, रानीखेत, देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी, चंबा आदि और जम्मू कश्मीर में तलाशी भी ली गई है. इस दौरान सीबीआइ की टीमों ने बड़ी संख्या में दस्तावेज व अन्य सामग्री कब्जे में ली है. अभी किसी की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हो पाई है. बहुत जल्द सीबीआई मामले में गिरफ्तारी कर सकती है. प्रकरण में शासन की जांच के साथ ही हाईकोर्ट के समक्ष दायर याचिका में घोटाले से संबंधित तमाम आरोपों को पुष्ट किया जा चुका है.

पढे़ं- उद्यान घोटाले में सीबीआई की एंट्री, तीन कर्मचारियों की हुई गिरफ्तारी, विपक्ष ने सरकार को घेरा - Uttarakhand Horticulture Scam

देहरादून: उत्तराखंड बहुचर्चित उद्यान घोटाले में सीबीआई ने उत्तराखंड समेत उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की. इस दौरान पूर्व उद्यान निदेशक एचएस बवेजा और कई उद्यान अधिकारियों समेत 26 व्यक्तियों से गहन पूछताछ की गई. इनमें मुख्य उद्यान अधिकारी नैनीताल राजेंद्र कुमार, कुछ अन्य अधिकारियों समेत जम्मू कश्मीर व हिमाचल प्रदेश की नर्सरी से जुड़े कारोबारी और कर्मचारी भी शामिल हैं. प्रकरण में देहरादून की तत्कालीन मुख्य उद्यान अधिकारी मीनाक्षी जोशी भी लपेटे में आ गई हैं.

सीबीआइ ने अधिकारियों और कर्मचारियों के ठिकानों से महत्वपूर्ण दस्तावेज जुटाए हैं. सीबीआइ जल्द कुछ आरोपियों को गिरफ्तार भी कर सकती है. यह मामला मुख्य रूप से 15 लाख पौध के नाम पर करीब 70 करोड़ रुपए के खर्च से जुड़ा है. करोड़ों रुपए के भुगतान में सीधे तौर पर फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है.

सीबीआई ने यह कार्रवाई गुरुवार को 3 अलग अलग एफआईआर दर्ज करने के साथ ही शुरू की. तीनों एफआईआर में तत्कालीन उद्यान निदेशक को मुख्य आरोपी बनाया, जबकि 15 नामजद और 2 के विरुद्ध अज्ञात में मामला दर्ज किया गया है. पहली एफआईआर में तत्कालीन निदेशक एचएस बवेजा के साथ तत्कालीन मुख्य उद्यान अधिकारी देहरादून मीनाक्षी जोशी (अब उप निदेशक जलागम प्रबंधन), अनिल रावत (यूके हाइटेक नर्सरी, ग्राम बनपुर त्यूणी), अज्ञात सरकारी सेवक, दूसरी एफआईआर में पूर्व उद्यान निदेशक एच एस बवेजा, नर्सरी विकास अधिकारी त्रिलोकी राय (अब मुख्य उद्यान अधिकारी पिथौरागढ़), तत्कालीन राजेंद्र कुमार सिंह आलू विकास अधिकारी ऊधमसिंहनगर (अब मुख्य उद्यान अधिकारी नैनीताल), तत्कालीन उद्यान निरीक्षक सर्किट हाउस देहरादून नारायण सिंह बिष्ट, सहायक विकास अधिकारी उद्यान नैनीताल भोपाल राम, सुनील सिंह निवासी मजरा प्रभु बाजपुर ऊधमसिंहनगर, मो. फारूक डार निवासी नवपुरा कुलगाम (जम्मू कश्मीर), सजद अहमद निवासी बोना देवासर कुलगाम जम्मू कश्मीर, शामी उल्ला भट अवंतीपुर पुलवामा, विनोद शर्मा निवासी राजगढ़ सिरमौर हिमाचल प्रदेश और अन्य, जबकि तीसरी एफआईआर में पूर्व उद्यान निदेशक एचएस बवेजा, तत्कालीन मुख्य उद्यान अधिकारी उत्तरकाशी अनिल कुमार मिश्रा, नितिन शर्मा निवासी अनिका ट्रेडर्स हमीरपुर कला रायवाला देहरादून और हरजीत सिंह निवासी राजपुर रोड धोरण देहरादून को आरोपी बनाया गया है.

सीबीआई ने जांच के लिए 12 टीमों की गठन किया: सीबीआई ने इस मामले में जांच के लिए कुल 12 टीमों का गठन किया है. इससे पूर्व वसंत विहार सीबीआइ कार्यालय में एचएस बवेजा समेत कुल 26 अधिकारियों और कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया. इसके साथ ही इनके ठिकानों पर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के नैनीताल, रानीखेत, देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी, चंबा आदि और जम्मू कश्मीर में तलाशी भी ली गई है. इस दौरान सीबीआइ की टीमों ने बड़ी संख्या में दस्तावेज व अन्य सामग्री कब्जे में ली है. अभी किसी की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हो पाई है. बहुत जल्द सीबीआई मामले में गिरफ्तारी कर सकती है. प्रकरण में शासन की जांच के साथ ही हाईकोर्ट के समक्ष दायर याचिका में घोटाले से संबंधित तमाम आरोपों को पुष्ट किया जा चुका है.

पढे़ं- उद्यान घोटाले में सीबीआई की एंट्री, तीन कर्मचारियों की हुई गिरफ्तारी, विपक्ष ने सरकार को घेरा - Uttarakhand Horticulture Scam

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