लखनऊः प्रयागराज के चर्चित पूर्व बसपा विधायक राजूपाल हत्याकांड के सातवें एवं अंतिम आरोपी इसरार अहमद को दोषी करार देते हुए सीबीआई की विशेष न्यायाधीश कविता मिश्रा ने उम्रकैद की सजा के साथ-साथ एक लाख नब्बे हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. इसके पहले 29 मार्च को अदालत ने इसी मामले में आबिद, जावेद, रंजीत पाल, अब्दुल कवि, गुल हसन एवं फरहान को हत्या, हत्या के प्रयास एवं विधि विरुद्ध जमावड़ा करने के आरोप में उम्रकैद की सजा के साथ-साथ प्रत्येक को 1 लाख 90 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी.
जबकि दोषसिद्ध इसरार अहमद के अदालत में मौजूद न होने के कारण अदालत ने उसकी हाजिरी माफी अर्जी को खारिज करते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. सोमवार को आरोपी इसरार अहमद ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अदालत में आत्म समर्पण किया था. जिसे अभिरक्षा में लेने के बाद अदालत ने सजा के प्रश्न पर सुनने के लिए 4 अप्रैल के लिए तलब किया था. सजा के प्रश्न पर सुनवाई के समय विशेष लोक अभियोजक दीप नारायण एवं वादिनी पूजा पाल के अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल तथा मिथिलेश चौधरी ने अदालत को बताया कि अभियुक्त ने अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर क्रूरतम रूप से घटना को अंजाम देकर अंधाधुंध गोलियां चलाते हुए विधायक राजू पाल एवं दो अन्य की हत्या कर दी थी. इसके साथ ही तीन लोगों को घायल कर दिया था. वहीं, अदालत में इसरार अहमद की ओर से कहा गया था कि वह 80 वर्षीय वृद्ध व्यक्ति है. अनेकों बीमारियों से ग्रसित होने के कारण उसे कम से कम सजा दी जाए.
अदालती पत्रावली के अनुसार 25 जनवरी 2005 को इलाहाबाद पश्चिम से बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस गोलाबारी में देवीपाल एवं संदीप यादव की भी मौत हो गई थी और दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. इस घटना की रिपोर्ट राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने थाना धूमनगंज में दर्ज कराई थी. जिसमें अतीक अहमद उसके भाई अशरफ उर्फ खालिद आदिम को भी नामजद किया गया था.
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