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दिल्ली वक्फ बोर्ड घोटाले में आरोप तय करने को लेकर CBI ने पूरी की दलीलें, 18 मई को सुनवाई - Delhi Waqf Board Scam

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 17, 2024, 10:33 PM IST

सीबीआई ने शुक्रवार को दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट में वक्फ बोर्ड घोटाले में AAP विधायक अमानतुल्ला खान समेत 11 आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामले में आरोप तय करने को लेकर अपनी दलीलें पूरी कर ली है. इस मामले में 18 मई को फैसला सुनाया जाएगा.

दिल्ली वक्फ बोर्ड घोटाले में आरोप तय करने में सीबीआई ने पूरी की दलील
दिल्ली वक्फ बोर्ड घोटाले में आरोप तय करने में सीबीआई ने पूरी की दलील (ETV BHARAT)

नई दिल्ली: सीबीआई ने शुक्रवार को दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट में वक्फ बोर्ड घोटाले में AAP विधायक अमानतुल्ला खान समेत 11 आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामले में आरोप तय करने को लेकर अपनी दलीलें पूरी कर ली. इस मामले में स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने 18 मई को फैसला सुनाने का आदेश दिया. दरअसल, इस मामले में कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान को छोड़कर दिल्ली वक्फ बोर्ड के तत्कालीन सीईओ महबूब आलम, हामिद अख्तर, किफायतुल्लाह खान, रफीऊशान खान, इमरान अली, मोहम्मद अबरार, आकिब जावेद, अजहर खान, जाकिर खान और अब्दुल मन्नर को 1 मार्च 2023 को सभी आरोपियों को जमानत दे दी थी.

इसके पहले 3 नवंबर 2022 को कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने इन आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(2), 13((1)(डी) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था. इस मामले में 23 नवंबर 2016 को एफआईआर दर्ज की गई थी. जांच के बाद सीबीआई ने 21 अगस्त 2022 को चार्जशीट दाखिल किया था.

सीबीआई के मुताबिक, दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ और संविदा पर दूसरी नियुक्तियों में गड़बड़ी पाई गई. चार्जशीट में कहा गया कि इन नियुक्तियों के लिए अमानतुल्लाह खान ने महबूब आलम और दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर साजिश रची, जिन्हें वक्फ बोर्ड में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था. चार्जशीट के मुताबिक, इन नियुक्तियों में मनमानी करते हुए अमानतुल्लाह खान और महबूब आलम ने अपने पद का दुरुपयोग किया.

ये भी पढ़ें : AAP विधायक अमानतुल्लाह पर नोएडा पुलिस की कार्रवाई तेज, गिरफ्तारी के लिए लगातार कर रही छापेमारी

दिल्ली वक्फ बोर्ड मामले में सीबीआई के बाद ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. कोर्ट ने ईडी की ओर से दाखिल की गई चार्जशीट पर संज्ञान लिया है. ईडी ने 9 जनवरी को करीब पांच हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी और जावेद इमाम सिद्दीकी, दाऊद नासिर, कौसर इमाम सिद्दीकी और जीशान हैदर को आरोपी बनाया था. ईडी ने पार्टनरशिप फर्म स्काई पावर को भी आरोपी बनाया. ईडी के मुताबिक, ये मामला 13 करोड़ 40 लाख रुपए की जमीन की बिक्री से जुड़ा है.

आप विधायक अमानतुल्ला खान द्वारा अज्ञात स्रोतों से अर्जित संपत्ति से जमीनें खरीदी और बेची गई. आरोपी कौसर इमाम सिद्दीकी की डायरी में 8 करोड़ रुपये की एंट्री पाई गई. जावेद इमाम को यह संपत्ति सेल डीड के जरिये मिली है. जावेद इमाम ने यह संपत्ति 13 करोड़ 40 लाख रुपये में बेची. इसके लिए जीशान हैदर ने जावेद को नकद रकम दी गई थी.

ये भी पढ़ें : AAP विधायक अमानतुल्लाह खान को राहत, दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती से जुड़े मामले में मिली जमानत

नई दिल्ली: सीबीआई ने शुक्रवार को दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट में वक्फ बोर्ड घोटाले में AAP विधायक अमानतुल्ला खान समेत 11 आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामले में आरोप तय करने को लेकर अपनी दलीलें पूरी कर ली. इस मामले में स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने 18 मई को फैसला सुनाने का आदेश दिया. दरअसल, इस मामले में कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान को छोड़कर दिल्ली वक्फ बोर्ड के तत्कालीन सीईओ महबूब आलम, हामिद अख्तर, किफायतुल्लाह खान, रफीऊशान खान, इमरान अली, मोहम्मद अबरार, आकिब जावेद, अजहर खान, जाकिर खान और अब्दुल मन्नर को 1 मार्च 2023 को सभी आरोपियों को जमानत दे दी थी.

इसके पहले 3 नवंबर 2022 को कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने इन आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(2), 13((1)(डी) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था. इस मामले में 23 नवंबर 2016 को एफआईआर दर्ज की गई थी. जांच के बाद सीबीआई ने 21 अगस्त 2022 को चार्जशीट दाखिल किया था.

सीबीआई के मुताबिक, दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ और संविदा पर दूसरी नियुक्तियों में गड़बड़ी पाई गई. चार्जशीट में कहा गया कि इन नियुक्तियों के लिए अमानतुल्लाह खान ने महबूब आलम और दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर साजिश रची, जिन्हें वक्फ बोर्ड में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था. चार्जशीट के मुताबिक, इन नियुक्तियों में मनमानी करते हुए अमानतुल्लाह खान और महबूब आलम ने अपने पद का दुरुपयोग किया.

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दिल्ली वक्फ बोर्ड मामले में सीबीआई के बाद ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. कोर्ट ने ईडी की ओर से दाखिल की गई चार्जशीट पर संज्ञान लिया है. ईडी ने 9 जनवरी को करीब पांच हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी और जावेद इमाम सिद्दीकी, दाऊद नासिर, कौसर इमाम सिद्दीकी और जीशान हैदर को आरोपी बनाया था. ईडी ने पार्टनरशिप फर्म स्काई पावर को भी आरोपी बनाया. ईडी के मुताबिक, ये मामला 13 करोड़ 40 लाख रुपए की जमीन की बिक्री से जुड़ा है.

आप विधायक अमानतुल्ला खान द्वारा अज्ञात स्रोतों से अर्जित संपत्ति से जमीनें खरीदी और बेची गई. आरोपी कौसर इमाम सिद्दीकी की डायरी में 8 करोड़ रुपये की एंट्री पाई गई. जावेद इमाम को यह संपत्ति सेल डीड के जरिये मिली है. जावेद इमाम ने यह संपत्ति 13 करोड़ 40 लाख रुपये में बेची. इसके लिए जीशान हैदर ने जावेद को नकद रकम दी गई थी.

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