कोटा. भजनलाल सरकार ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत, चंद्रकांता मेघवाल और अनिल जैन सहित 47 भाजपा नेताओं को बड़ी राहत दी है. उनके खिलाफ नेशनल हाईवे को जाम करने का मुकदमा दर्ज था, जिसे न्यायालय से वापस ले लिया गया है. रामगंज मंडी कोर्ट के वकील घनश्याम धाकड़ ने बताया कि साल 2012 में कोटा से झालावाड़ की तरफ जा रहे नेशनल हाईवे 52 की दुर्दशा के मामले को लेकर भाजपा नेताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया था. अक्टूबर 2012 में हुए इस विरोध-प्रदर्शन के दौरान करीब 4 से 5 घंटे तक नेशनल हाईवे को ढाबादेह के नजदीक नेताओं ने जाम कर दिया था.
इस दौरान तत्कालीन विधायक ओम बिरला, भवानी सिंह राजावत, चंद्रकांता मेघवाल, अनिल जैन सहित रामगंज मंडी क्षेत्र के कई नेता प्रदर्शन में शामिल रहे थे. उस समय अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार प्रदेश में थी और मुकदमा इन नेताओं के खिलाफ मोड़क थाने में दर्ज किया गया. जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल बताए गए थे, जिसकी जांच के तहत 49 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया गया था. शेष अन्य की पहचान नहीं हो पाई थी. इस मामले में रामगंज मंडी न्यायालय में सुनवाई चल रही थी.
साल 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और उसने इस मुकदमे में वापसी के लिए काम शुरू किया था. जिसके तहत हाई कोर्ट से केस को वापस लेने की अनुमति मांगी गई थी. इसकी स्वीकृति मिलने के बाद सोमवार को रामगंज मंडी कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई और इस केस को सरकार की तरफ से वापस ले लिया गया. जबकि करीब 11 साल से कोर्ट में चल रही कानूनी कार्रवाई के दौरान ही दो भाजपा नेताओं का देहांत भी हो गया. इस समय उनके खिलाफ कार्रवाई को विड्रोल किया गया था. अब केस वापस होने से 47 नेताओं को भी राहत मिली है.