बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में सरकार ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है. बेगूसराय में छात्रों को नोटिस भेजने के सिलसिला शुरू हो चुका है. नोटिस रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से भेजा जा रहा है. नोटिस मिलने के बाद 30 दिनों का समय छात्रों को अपना पक्ष रखने के लिए दिया जा रहा है.
छात्रों पर सरकार का एक्शन: बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम बेगूसराय के सहायक प्रबंधक अजय कुमार राय ने बताया कि सीएम नीतीश कुमार के सात निश्चय योजना के तहत आर्थिक हल युवाओं को बल देने के उद्देश्य सें तीन से चार साल तक तकनीकी शिक्षा के लिए मिलने वाले मुख्यमंत्री स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना ऋण की अदायगी नहीं करने वाले छात्रों पर बिहार राज्य वित्त निगम द्वारा कारवाई शुरू कर दी है.
924 छात्रों पर केस दर्ज: उन्होंने बताया कि 2016 सें लेकर 2020 के बीच इस योजना का लाभ लेने वाले छात्रों द्वारा ऋण की अदायगी नहीं करने पर उन पर मुकदमा दर्ज करने की कारवाई शुरू कर दी गयी है. अब तक इस योजना का लाभ लेने वाले लगभग दो हजार छात्र डिफॉल्टर साबित हुए है, जिसमें 924 छात्रों पर नीलामी केस दर्ज किया गया है. वहीं एक हजार चार सौ छात्रों को नोटिस भेज दिया गया है.
साढ़े ग्यारह हजार छात्रों को लोन स्वीकृत: वर्ष 2016 सें 2024 तक लगभग साढ़े ग्यारह हजार छात्रों को लोन स्वीकृत किया गया है. जिसमे साढ़े ग्यारह हजार छात्रों को लोन की राशि उपलब्ध कराई जा रही है. इस वित्तीय वर्ष मे 2612 छात्रों को देना है. जिसमें से 2200 छात्रों को ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है. इस वित्तीय वर्ष मे यह उपलब्धि लगभग 85 प्रतिशत के करीब है.
16 करोड़ का ऋण बकाया है: अजय कुमार ने बताया की इन छात्रों पर पंद्रह सें 16 करोड़ का ऋण बकाया है. जो राशि इंटरेस्ट के साथ लगभग सतरह करोड़ के लगभग है. अजय कुमार ने बताया की अब तक इन छात्रों सें दो करोड़ के लगभग की राशि वसूली जा चुकी है. ऋण वसूली के मामले मे बेगूसराय बिहार मे पहले स्थान पर है, जबकि पटना दूसरे स्थान पर है.
"बेगूसराय में वर्ष 2016 सें 2020 तक के बीच इस योजना का लाभ लेने वाले लगभग दो हजार छात्र डिफॉल्टर साबित हुए है. जिसके ऊपर सर्टिफिकेट केस दर्ज करने का आदेश द्वारा बेगूसराय को प्राप्त हुआ है. जिसमे 1400 छात्रों को नोटिस भेजी जा चुकी है. इस चौदह सौ छात्रों मे सें 924 के खिलाफ नीलामी केस दर्ज किया गया है. जबकि वहीं छह सौ नोटिस प्रक्रियाधीन है." -अजय कुमार, सहायक प्रबंधक, बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम
198 छात्रों को राहत: बताते चले कि ये वैसे डिफॉल्टर छात्र हैं जिन्होने पढ़ाई पूरा होने के एक साल बाद भी किस्त जमा नहीं किया है. इस मामले मे 198 छात्रों को राहत दी गयी है जो तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने के बाद या तो बेरोजगार है या फिर उच्य शिक्षा ग्रहण कर रहे है.
ऋण पांच वर्षों मे साठ किस्त चुकाना है: जानकारी के मुताबिक अगर यह ऋण दो लाख सें कम है तो यह ऋण पांच वर्षों मे साठ किस्त चुकाना है. वहीं यह ऋण अगर चार लाख है तो इसे 84 किस्तों मे चुकाना पड़ता है. अगर तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते है तो उन्हें एक मुश्त यह राशि अदा करना पड़ता है.
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