देहरादून: सल्ट से भाजपा विधायक महेश जीना और देहरादून नगर निगम आयुक्त आईएएस अधिकारी गौरव कुमार के बीच विवाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मामले में सचिव नगर निगम वाहन चालक संघ यशपाल सिंह की तहरीर के आधार पर नगर कोतवाली में सल्ट विधायक महेश जीना सहित अन्य चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. सल्ट विधायक महेश जीना के खिलाफ 147, 186, 504 और 506 के तहत नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है.
तहरीर के अनुसार पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई है कि विधायक ने अपने चार साथियों के साथ मिलकर नगर निगम में आकर वरिष्ठ लिपिक पवन थापा और अंकुश सोनी के साथ गाली गलौच की. इस दौरान उन्होंने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी. उसके बाद नगर आयुक्त के कमरे में पहुंचकर अधिकारियों और कर्मचारियों के सामने नगर आयुक्त को गंदी गालियां देते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी दी. पीड़ित की तहरीर के आधार मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है.
IAS एसोसिएशन ने जताई आपत्ति: वहीं, इस मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा संघ की उत्तराखंड इकाई ने प्रतिक्रिया दी है. आईएएस एसोसिएशन की उत्तराखंड कैडर ने इस मामले में पत्र लिखकर महेश जीना के व्यवहार को लेकर आपत्ति जताई है. पत्र में इस घटना की निंदा करने के साथ इसे कानूनी प्रक्रिया में अवैध हस्तक्षेप बताया है. पत्र में लिखा गया है कि जनप्रतिनिधियों का इस तरह का व्यवहार कर्मचारियों और अधिकारियों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है. उन्हें इस तरह की भाषा और व्यवहार से बचना चाहिए. आईएएस एसोसिएशन उत्तराखंड के अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन और सचिव अरविंद सिंह हयांकी ने ये बयान जारी किया है.
ये है मामला: दरअसल, मामला राजधानी देहरादून के सहस्त्रधारा रोड पर नगर निगम के पुराने ट्रंचिंग ग्राउंड में कूड़ा निस्तारण की टेंडर प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है. जिसमें भाजपा विधायक के परिचित को किसी वजह से अयोग्य कर टेंडर से बाहर कर दिया गया. नगर निगम ने विधायक के परिचित की फर्म को टेंडर प्रक्रिया से बाहर क्यों किया? यह जानने के लिए विधायक नगर निगम पहुंचे. जहां पहुंचकर उन्होंने पहले नगर आयुक्त को फोन किया. जिस पर नगर आयुक्त में उपस्थित न होने का बहाना बनाया, जबकि नगर आयुक्त वहीं अंदर बैठे हुए थे.
विधायक महेश जीना ने बताया बड़ी मुश्किल के बाद नगर निगम के कुछ कर्मचारियों द्वारा किसी एक गैर सरकारी व्यक्ति को मुलाकात के लिए भेजा. विधायक ने बताया नगर निगम के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा मुलाकात के लिए भेजा गया या व्यक्ति डिपार्टमेंट का व्यक्ति नहीं था. इसके द्वारा एक जनप्रतिनिधि को नहीं पहचान गया और अभद्रता की गई. मामला जब ज्यादा बढ़ा तो अंदर बैठे नगर आयुक्त के पास मामला पहुंचा. उनके द्वारा भी लगातार बदसलूकी गई. जिसका जवाब लगातार विधायक ने दिया. इसी दौरान हो रही बहस का वीडियो वायरल हो गया. उन्होंने कहा वह इस मामले में बिल्कुल भी कोताही नहीं बरतेंगे. वे विधानसभा में विशेष अधिकार हनन के तहत इस मामले को उठाएंगे. उन्होंने कहा वह पत्र लिखकर मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और संसदीय कार्य मंत्री से भी इस मामले की शिकायत करेंगे.
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