जयपुर. झुंझुनू में किडनी का गलत ऑपरेशन होने से पीड़ित महिला रोगी ईद बानो का उच्च स्तरीय उपचार अब जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में किया जाएगा. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के निर्देश पर महिला रोगी को बेहतर उपचार के लिए जयपुर लाया गया है. सिंह के निर्देश पर महिला के उपचार की स्थिति को लेकर मेडिकल बोर्ड गठित किया गया था. मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार रोगी को नेफ्रोलॉजिस्ट, यूरोलॉजिस्ट एवं क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट की निगरानी में उच्च स्तरीय उपचार की आवश्यकता है. इसे देखते हुए झुंझुनूं से रोगी को लाइफ सपोर्ट एम्बूलेंस से सवाई मानसिंह अस्पताल लाया गया.
नोटिस जारी : इससे पहले उपचार में लापरववाही और रोगी को असंवेदनशील तरीके से डिस्चार्ज कर देने पर राज्य सरकार ने बीकानेर के पीबीएम अस्पताल के दो चिकित्सकों, मेडिसिन यूनिट के हैड डॉ. बाल किशन गुप्ता, नेफ्रोलॉजी विभाग के आचार्य डॉ. जितेन्द्र फलोदिया एवं नर्सिंग प्रभारी रमजान तंवर के खिलाफ एक्शन लिया है. चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के निर्देश पर तीनों को सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज बीकानेर के प्रधानाचार्य ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
ये था मामला : दरअसल, झुंझुनूं के धनखड़ हॉस्पिटल में एक महिला मरीज को किडनी की समस्या के चलते भर्ती करवाया गया था, लेकिन चिकित्सक ने महिला मरीज की संक्रमित किडनी की जगह सही किडनी निकाल दी. इसके बाद भी जब महिला की तबियत ठीक नहीं हुई, तो उसे सवाई मानसिंह अस्पताल भेज दिया गया और इसके बाद ही पता चला कि महिला की ग़लत किडनी निकाली गई है. इस घटना के बाद चिकित्सा विभाग ने एक्शन लिया है और अस्पताल का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड कर दिया गया था. इस मामले को लेकर चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा था कि ये गंभीर मामला है. इसके बाद अस्पताल का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड करने के साथ ही विभिन्न सरकारी योजनाओं की लिस्ट से अस्पताल का नाम हटा दिया गया है. डॉ. संजय धनखड़ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए और पूरे मामले को लेकर 5 सदस्यों की कमेटी जांच के लिए गठित कर दी गई थी.