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किसानों के खाद में निकले बजरी पत्थर , नकली खाद सप्लाई का आरोप, कृषि विभाग का दावा जांच के बाद होगी कार्रवाई - fake fertilizer

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 13, 2024, 7:20 PM IST

Case of fake fertilizer छत्तीसगढ़ सरकार किसानों की पैदावार बढ़ाने के लिए कई तरह की योजनाएं ला रही है. लेकिन गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में किसानों को बांटी जा रही सिंगल सुपर फास्फेट खाद में मिलावट का मामला सामने आय़ा है.दानेदार सिंगल सुपर फास्फेट में खाद के साथ छोटे पत्थर, मिट्टी और बालू की मिलावट देखने को मिली है. किसानों ने खाद निर्माता कंपनी पर घटिया खाद बेचने और किसानों के साथ ठगी करने का आरोप लगाया है.

fake fertilizer
किसानों के खाद में निकले पत्थर बजरी (ETV Bharat Chhattisgarh)

गौरेला पेंड्रा मरवाही : जीपीएम जिले के किसानों ने नकली खाद बेचे जाने की शिकायत अधिकारियों से की है.बताया जा रहा है कि बिलासपुर की सिरगिट्टी में कंपनी खाद बनाती है.जिसने किसानों को खाद की बोरियां सप्लाई की है. आपको बता दें कि खेतों में उपजाऊ क्षमता बढ़ाने और जड़ों का विकास करने के साथ खाद पत्तियों में क्लोरोफिल का निर्माण कर पौधों को प्रोटीन देता है.जिससे फसल की पैदावार बढ़ती है. इस खाद का इस्तेमाल धान की उपजाऊ क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता है.

किसानों के खाद में निकले बजरी पत्थर (ETV Bharat Chhattisgarh)

कैसे पता चला खाद नकली है : किसानों ने जब खाद का क्रय सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से किया.लेकिन जब इसे खोलकर खेत में डाला तो कई दिनों तक खाद दाने के रूप में पड़ी रही.इसके बाद किसानों ने इस खाद को पानी भरकर बर्तन में रात भर छोड़ दिया. लेकिन रात भर भीगने के बाद भी खाद वैसी की वैसी ही रही. इसके बाद किसानों ने कैमरे के सामने इसे रगड़ कर भी दिखाया पर कोई खास परिवर्तन देखने को नहीं मिला. बल्कि खाद के अंदर से रेत और बजरी के टुकड़े निकलने लगे.

किसानों को अब नुकसान का अंदेशा : इसकी शिकायत किसानों ने सेवा सहकारी समिति तक की. लेकिन कमीशन एजेंट के रूप में काम करने वाली सेवा सहकारी समिति के प्रबंधन से कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद पूरे मामले की जानकारी मीडिया तक पहुंची. कैमरे के सामने किसानों ने खाद को धोकर भी दिखाया जिससे रेत, बजरी निकला. किसानों का आरोप है कि खाद निर्माता कंपनी उनके साथ ठगी कर रही है. यदि खाद ने अपना काम नहीं किया तो उन्हें 30% तक उपज का नुकसान हो सकता है.

Case of fake fertilizer
किसानों के खाद में निकले बजरी पत्थर (ETV Bharat Chhattisgarh)
अफसरों ने झाड़ा पल्ला : आदिम जाति सेवा सहकारी समितियां में खाद बीज का भंडारण विपणन संघ की ओर से होता है इसलिए मामले पर विपणन संघ के अधिकारियों से बात की गई जिस पर उन्होंने पल्ला झाड़ लिया. वहीं मामले पर कृषि विभाग में सैंपल कलेक्शन और जांच की बात की. साथ ही ये भी कहा कि खाद निर्माता कंपनी का पहले भी नमूना लिया जा चुका है और तत्व कम पाया गया था. इस बार भी नमूना लिया जाएगा फिर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी. पत्थर या रेत का मिलना बिल्कुल भी वैधानिक नहीं है.

'' किसी भी खाद की बोरी में पत्थर या रेत नहीं मिलना चाहिए.खाद तो खाद ही होता है.पहले कंपनी का नमूना लिया गया था तब से कम शिकायत आ रही थी.लेकिन यदि अब रेत औऱ पत्थर मिले हैं तो जांच के बाद कार्रवाई होगी.'' -सएस पैकरा, सहायक संचालक कृषि विभाग



छत्तीसगढ़ में धान की फसल और उसका उत्पादन से किसानों का जीवन सीधे जुड़ा हुआ है. यदि खाद बीज में थोड़ी ही गड़बड़ी हुई. तो उस धान के उत्पादन पर सीधे प्रभाव पड़ेगा. इसका प्रभाव किसानों के जीवन पर पड़ना तय है.

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गौरेला पेंड्रा मरवाही : जीपीएम जिले के किसानों ने नकली खाद बेचे जाने की शिकायत अधिकारियों से की है.बताया जा रहा है कि बिलासपुर की सिरगिट्टी में कंपनी खाद बनाती है.जिसने किसानों को खाद की बोरियां सप्लाई की है. आपको बता दें कि खेतों में उपजाऊ क्षमता बढ़ाने और जड़ों का विकास करने के साथ खाद पत्तियों में क्लोरोफिल का निर्माण कर पौधों को प्रोटीन देता है.जिससे फसल की पैदावार बढ़ती है. इस खाद का इस्तेमाल धान की उपजाऊ क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता है.

किसानों के खाद में निकले बजरी पत्थर (ETV Bharat Chhattisgarh)

कैसे पता चला खाद नकली है : किसानों ने जब खाद का क्रय सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से किया.लेकिन जब इसे खोलकर खेत में डाला तो कई दिनों तक खाद दाने के रूप में पड़ी रही.इसके बाद किसानों ने इस खाद को पानी भरकर बर्तन में रात भर छोड़ दिया. लेकिन रात भर भीगने के बाद भी खाद वैसी की वैसी ही रही. इसके बाद किसानों ने कैमरे के सामने इसे रगड़ कर भी दिखाया पर कोई खास परिवर्तन देखने को नहीं मिला. बल्कि खाद के अंदर से रेत और बजरी के टुकड़े निकलने लगे.

किसानों को अब नुकसान का अंदेशा : इसकी शिकायत किसानों ने सेवा सहकारी समिति तक की. लेकिन कमीशन एजेंट के रूप में काम करने वाली सेवा सहकारी समिति के प्रबंधन से कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद पूरे मामले की जानकारी मीडिया तक पहुंची. कैमरे के सामने किसानों ने खाद को धोकर भी दिखाया जिससे रेत, बजरी निकला. किसानों का आरोप है कि खाद निर्माता कंपनी उनके साथ ठगी कर रही है. यदि खाद ने अपना काम नहीं किया तो उन्हें 30% तक उपज का नुकसान हो सकता है.

Case of fake fertilizer
किसानों के खाद में निकले बजरी पत्थर (ETV Bharat Chhattisgarh)
अफसरों ने झाड़ा पल्ला : आदिम जाति सेवा सहकारी समितियां में खाद बीज का भंडारण विपणन संघ की ओर से होता है इसलिए मामले पर विपणन संघ के अधिकारियों से बात की गई जिस पर उन्होंने पल्ला झाड़ लिया. वहीं मामले पर कृषि विभाग में सैंपल कलेक्शन और जांच की बात की. साथ ही ये भी कहा कि खाद निर्माता कंपनी का पहले भी नमूना लिया जा चुका है और तत्व कम पाया गया था. इस बार भी नमूना लिया जाएगा फिर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी. पत्थर या रेत का मिलना बिल्कुल भी वैधानिक नहीं है.

'' किसी भी खाद की बोरी में पत्थर या रेत नहीं मिलना चाहिए.खाद तो खाद ही होता है.पहले कंपनी का नमूना लिया गया था तब से कम शिकायत आ रही थी.लेकिन यदि अब रेत औऱ पत्थर मिले हैं तो जांच के बाद कार्रवाई होगी.'' -सएस पैकरा, सहायक संचालक कृषि विभाग



छत्तीसगढ़ में धान की फसल और उसका उत्पादन से किसानों का जीवन सीधे जुड़ा हुआ है. यदि खाद बीज में थोड़ी ही गड़बड़ी हुई. तो उस धान के उत्पादन पर सीधे प्रभाव पड़ेगा. इसका प्रभाव किसानों के जीवन पर पड़ना तय है.

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