अंता (बारां): अंता थाना पुलिस ने चार कांग्रेस नेताओं को लोकसभा चुनाव के दौरान हुए झगड़े के मामले में गिरफ्तार किया है. इन्हें न्यायालय में पेश किया और वहां से उन्हें जमानत मिल गई है. इस पूरे प्रकरण में कांग्रेस पदाधिकारी ने आरोप लगाया कि भाजपा विधायक और नेताओं के इशारे पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को परेशान किया जा रहा है, जबकि इसी प्रकरण में उनकी एफआईआर पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है.
अंता थाना अधिकारी दिग्विजय सिंह ने बताया कि चारों आरोपियों अंता कांग्रेस नगर अध्यक्ष ललित गालव, कोटा के रामपुरा निवासी कविश जैन, अंता निवासी इसरार खान उर्फ शेरू और विजय सुमन उर्फ बिट्टू को गिरफ्तार किया था. इन चारों को बुधवार को न्यायालय में पेश कर दिया था, जहां से उन्हें जमानत मिल गई.
कार्रवाई राजनीतिक दबाव में: कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रामचरण मीणा का कहना है कि पुलिस की यह कार्रवाई पूरी तरह से राजनीतिक दबाव में की गई थी. अंता नगर अध्यक्ष ललित गालव को गिरफ्तार किया गया है, जबकि उनके पिता की मृत्यु को 20 दिन भी नहीं हुए. झूठ बोलकर उनको थाने में बुलाया गया था कि तुरंत ही जमानत हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया. अब परिजनों से भी मिलने नहीं दिया गया. कांग्रेस जिला अध्यक्ष मीणा का यह भी कहना था कि 17 अप्रैल की रात को एक घटनाक्रम हुआ था. तब भी पुलिस ने एक तरफा कार्रवाई की थी. वहां हमने पूरी रात प्रदर्शन किया, तब जाकर तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ की जा रही इस अराजक कार्रवाई को सहन नहीं किया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी तरफ से दर्ज एफआईआर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. उस पर एफआर लगाई जा रही है.
गालव की ओर से दर्ज मामले में हो रही जांच: दूसरी तरफ इस मामले में पुलिस उपाधीक्षक अंता सोजी लाल मीणा का कहना है कि ललित गालव की तरफ से दर्ज मुकदमे में जांच की जा रही है. आपको बता दें कि इस मामले में पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया के करीबी अंता कांग्रेस नगर अध्यक्ष ललित गालव, कोटा के रामपुरा निवासी कविश जैन, अंता निवासी इसरार खान उर्फ शेरू और विजय सुमन उर्फ बिट्टू को गिरफ्तार किया था.