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बाल कल्याण समिति के तीन सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, अध्यक्ष ने लगाए ये आरोप - CASE AGAINST CWC MEMBERS

धौलपुर में बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष ने समिति के 3 सदस्यों पर जालसाजी का मामला दर्ज कराया है.

बाल कल्याण समिति के तीन सदस्यों के खिलाफ मुकदमा
बाल कल्याण समिति के तीन सदस्यों के खिलाफ मुकदमा (ETV Bharat Dholpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 14, 2024, 8:27 PM IST

धौलपुर : बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष मधु शर्मा ने समिति के सदस्य मजीद शरीफि, कविता शर्मा और सोनपाल के खिलाफ सदर पुलिस थाने में जालसाजी का मामला दर्ज कराया है. आरोप है कि इन सदस्यों ने बाल विवाह के एक मामले में पिता के झूठे शपथ पत्र के आधार पर नाबालिग लड़की को बालिग घोषित कर दिया.

नाबालिग होने की पुष्टि : सीओ मुनेश कुमार मीणा ने जानकारी दी कि मधु शर्मा ने अपनी शिकायत में बताया कि 27-28 नवंबर की मध्य रात्रि को राजाखेड़ा थाना क्षेत्र के एक गांव में नाबालिग बालिका के बाल विवाह की सूचना समिति को मिली थी. पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर बाल विवाह को रुकवाया और नाबालिग को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया. तीनों सदस्यों ने मामले की जांच करते हुए पिता के झूठे शपथ पत्र को मान्यता दी और नाबालिग को बालिग घोषित कर स्वतंत्र छोड़ दिया. बाद में नाबालिग के आयु संबंधी दस्तावेजों की जांच की गई, जिसमें लड़की की जन्मतिथि 7 जुलाई 2007 पाई गई. शादी के समय लड़की की आयु 17 साल 3 महीने और 12 दिन थी. मेडिकल रिपोर्ट से भी उसकी नाबालिग होने की पुष्टि हुई है.

इसे भी पढ़ें- 30 के युवक ने की 13 वर्ष की नाबालिग से शादी, बिहार ले जाने को आया अजमेर स्टेशन, आरपीएफ को देख हुआ फरार - 30 year old youth marry minor

शिकायत में बताया गया कि लड़की को उसके पिता ने आकाश नाम के युवक को सौंप दिया, जो उसे दिल्ली ले गया. जांच में यह भी खुलासा हुआ कि नाबालिग ने बयान में अपने साथ शारीरिक संबंध स्थापित होने की बात कही है. अध्यक्ष मधु शर्मा का आरोप है कि बाल कल्याण समिति के तीनों सदस्यों ने नाबालिग के अधिकारों का हनन किया और आरोपी आकाश को पोक्सो की धाराओं से बचाया. इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच की जिम्मेदारी सीओ मुनेश कुमार मीणा को सौंपी गई है. सीओ ने बताया कि शिकायत के आधार पर जांच जारी है और दोषी पाए जाने पर संबंधित आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

धौलपुर : बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष मधु शर्मा ने समिति के सदस्य मजीद शरीफि, कविता शर्मा और सोनपाल के खिलाफ सदर पुलिस थाने में जालसाजी का मामला दर्ज कराया है. आरोप है कि इन सदस्यों ने बाल विवाह के एक मामले में पिता के झूठे शपथ पत्र के आधार पर नाबालिग लड़की को बालिग घोषित कर दिया.

नाबालिग होने की पुष्टि : सीओ मुनेश कुमार मीणा ने जानकारी दी कि मधु शर्मा ने अपनी शिकायत में बताया कि 27-28 नवंबर की मध्य रात्रि को राजाखेड़ा थाना क्षेत्र के एक गांव में नाबालिग बालिका के बाल विवाह की सूचना समिति को मिली थी. पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर बाल विवाह को रुकवाया और नाबालिग को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया. तीनों सदस्यों ने मामले की जांच करते हुए पिता के झूठे शपथ पत्र को मान्यता दी और नाबालिग को बालिग घोषित कर स्वतंत्र छोड़ दिया. बाद में नाबालिग के आयु संबंधी दस्तावेजों की जांच की गई, जिसमें लड़की की जन्मतिथि 7 जुलाई 2007 पाई गई. शादी के समय लड़की की आयु 17 साल 3 महीने और 12 दिन थी. मेडिकल रिपोर्ट से भी उसकी नाबालिग होने की पुष्टि हुई है.

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शिकायत में बताया गया कि लड़की को उसके पिता ने आकाश नाम के युवक को सौंप दिया, जो उसे दिल्ली ले गया. जांच में यह भी खुलासा हुआ कि नाबालिग ने बयान में अपने साथ शारीरिक संबंध स्थापित होने की बात कही है. अध्यक्ष मधु शर्मा का आरोप है कि बाल कल्याण समिति के तीनों सदस्यों ने नाबालिग के अधिकारों का हनन किया और आरोपी आकाश को पोक्सो की धाराओं से बचाया. इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच की जिम्मेदारी सीओ मुनेश कुमार मीणा को सौंपी गई है. सीओ ने बताया कि शिकायत के आधार पर जांच जारी है और दोषी पाए जाने पर संबंधित आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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