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नालंदा में 6 फर्जी शिक्षकों पर मामला दर्ज, एक को भेजा गया जेल, निगरानी की कार्रवाई से खलबली - Fake teacher in Nalanda

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 11, 2024, 10:26 PM IST

fake teacher arrested बिहार में फर्जी तरीके से शिक्षकों की बहाली की शिकायत मिलती रही है. नालंदा में इसकी जांच तेज हो गयी है. नालंदा में 6 फर्ज़ी शिक्षकों पर मामला दर्ज कियाय गया.24 घंटे के भीतर गिरफ्तार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. निगरानी विभाग की इस कार्रवाई से जिले के शिक्षकों में खलबली मच गई है. पढ़ें, विस्तार से.

फर्जी शिक्षकों पर मामला दर्ज
फर्जी शिक्षकों पर मामला दर्ज (सांकेतिक तस्वीर) (ETV Bharat)

नालंदा: बिहार के नालंदा स्थित सिलाव प्रखंड के विभिन्न स्कूलों में फर्जी तरीके से नियुक्त किए गए 6 शिक्षकों पर कार्रवाई तेज कर दी गई है. निगरानी विभाग के पुलिस निरीक्षक सह जांचकर्ता लाल मोहम्मद ने नालंदा थाना क्षेत्र के बडगांव प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक विनोद कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया. जबकि 5 के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. जिससे शिक्षकों में खलबली मच गई है.

इन पर किये गये मुकदमेः सिलाव प्राथमिक मध्य विद्यालय दरियासराय के शिक्षक गिरियक थाना क्षेत्र के दुर्गापुर निवासी मुकेश कुमार, प्राथमिक विद्यालय जगदीशपुर की शिक्षिका पटना जिला के नौबतपुर थाना क्षेत्र के अमरपुरा निवासी पूनम कुमारी, मध्य विद्यालय सिथौरा में प्रतिस्थापित शिक्षक गिरियक रोड राजगीर निवासी सच्चिदानंद कुमार, मध्य विद्यालय जुनैदी में पदस्थापित शिक्षिका सिलाव थाना क्षेत्र के नानंद गांव निवासी विभा कुमारी, और मध्य विद्यालय सिथौरा के शिक्षक धनंजय कुमार शामिल हैं.

क्या कहते हैं जांच अधिकारीः निगरानी विभाग के पुलिस निरीक्षक सह जांचकर्ता लाल मोहम्मद ने बताया कि "जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नालंदा एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सिलाव और राजगीर द्वारा उपलब्ध कराए गए फोल्डर के अवलोकन के उपरांत प्रमाण पत्रों की जांच में फ़र्ज़ी पाया गया है. अन्य प्रमाणपत्र की जांच में सत्यापन प्रतिवेदन गलत पाया गया है. उक्त शिक्षकों को धोखाधड़ी कर नियुक्ति पत्र हासिल कराया गया है."

क्या है मामलाः बता दें कि सिर्फ सिलाव प्रखंड क्षेत्र में 127 शिक्षकों का नियोजन फर्जी तरीके से किए जाने का मामला पूर्व में प्रकाश में आया था. जिसके बाद किए जा रहे जांच में उक्त सूची के अलावा भी कई शिक्षकों का बहाली फर्जी पाया गया है और उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है. अब तक दो दर्जनों से अधिक शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है, जबकि मामला प्रकाश में आने के बाद कई शिक्षक विद्यालय त्याग दिया है.

इसे भी पढ़ेंः अररिया में फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी करने वाले 4 शिक्षक बर्खास्त, फेक डॉक्यूमेंट के आधार पर सालों से कर रहे थे काम - Bihar Fake Teacher

नालंदा: बिहार के नालंदा स्थित सिलाव प्रखंड के विभिन्न स्कूलों में फर्जी तरीके से नियुक्त किए गए 6 शिक्षकों पर कार्रवाई तेज कर दी गई है. निगरानी विभाग के पुलिस निरीक्षक सह जांचकर्ता लाल मोहम्मद ने नालंदा थाना क्षेत्र के बडगांव प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक विनोद कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया. जबकि 5 के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. जिससे शिक्षकों में खलबली मच गई है.

इन पर किये गये मुकदमेः सिलाव प्राथमिक मध्य विद्यालय दरियासराय के शिक्षक गिरियक थाना क्षेत्र के दुर्गापुर निवासी मुकेश कुमार, प्राथमिक विद्यालय जगदीशपुर की शिक्षिका पटना जिला के नौबतपुर थाना क्षेत्र के अमरपुरा निवासी पूनम कुमारी, मध्य विद्यालय सिथौरा में प्रतिस्थापित शिक्षक गिरियक रोड राजगीर निवासी सच्चिदानंद कुमार, मध्य विद्यालय जुनैदी में पदस्थापित शिक्षिका सिलाव थाना क्षेत्र के नानंद गांव निवासी विभा कुमारी, और मध्य विद्यालय सिथौरा के शिक्षक धनंजय कुमार शामिल हैं.

क्या कहते हैं जांच अधिकारीः निगरानी विभाग के पुलिस निरीक्षक सह जांचकर्ता लाल मोहम्मद ने बताया कि "जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नालंदा एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सिलाव और राजगीर द्वारा उपलब्ध कराए गए फोल्डर के अवलोकन के उपरांत प्रमाण पत्रों की जांच में फ़र्ज़ी पाया गया है. अन्य प्रमाणपत्र की जांच में सत्यापन प्रतिवेदन गलत पाया गया है. उक्त शिक्षकों को धोखाधड़ी कर नियुक्ति पत्र हासिल कराया गया है."

क्या है मामलाः बता दें कि सिर्फ सिलाव प्रखंड क्षेत्र में 127 शिक्षकों का नियोजन फर्जी तरीके से किए जाने का मामला पूर्व में प्रकाश में आया था. जिसके बाद किए जा रहे जांच में उक्त सूची के अलावा भी कई शिक्षकों का बहाली फर्जी पाया गया है और उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है. अब तक दो दर्जनों से अधिक शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है, जबकि मामला प्रकाश में आने के बाद कई शिक्षक विद्यालय त्याग दिया है.

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