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कैरोल गीतों की मधुरता से खुशनुमा है अजमेर, घर-घर जाकर प्रभु यीशु के जन्म का संदेश दे रही युवाओं की टोलियां - CHRISTMAS 2024

क्रिसमस को लेकर मसीह समाज में जबरदस्त उत्साह है. अजमेर में भी इसकी झलक नजर आ रही है. पढ़िए ये रिपोर्ट...

क्रिसमस 2024
क्रिसमस 2024 (ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

Updated : 3 hours ago

अजमेर: देश और दुनिया में क्रिसमस की तैयारियां जोर शोर से की जा रही हैं. क्रिसमस का पर्व प्रभु यीशु के जन्म के रूप में मनाया जाता है. क्रिसमस के पर्व के लिए मसीह समाज के लोगों में उत्साह और उमंग का माहौल है. खासकर युवाओं ने क्रिसमस को लेकर कई प्लानिंग की है. अजमेर में भी क्रिसमस की तैयारियां जोर शोर से की जा रही हैं, विभिन्न चर्चों से जुड़े युवाओं की टोलियां घर घर जाकर प्रभु यीशु के जन्म का संदेश पारंपरिक गीत कैरोल गाकर दे रही हैं.

चर्च को रंग रोगन कर रौशनी से सजाया जा रहा : अजमेर हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई फारसी, जैन, यहूदी समेत कई धर्मों की धर्मस्थली है. ऐसे में यहां हर धर्म के त्योहार मिलकर मनाए जाते हैं. क्रिसमस के पर्व पर मसीह समाज के घर और चर्च को रंग रोगन कर रौशनी से सजाया जा रहा है. चर्चों में प्रार्थना सभाएं होने लगी हैं. प्रभु यीशु की स्तुतियां और आराधना की जा रही है. वहीं, देर शाम को विभिन्न चर्चों से युवाओं की टोलियां अलग अलग क्षेत्रों में जाकर प्रभु यीशु के आगमन का संदेश दे रही हैं. युवाओं की टोलियां मसीह समाज के घर घर जाकर कैरोल सांग ( पारंपरिक गीत ) गा रहे हैं. इन गीतों के माध्यम से बताया जाता है कि पापों से मुक्ति दिलाने के लिए प्रभु यीशु जन्म लेने वाले हैं.

कैरोल गीतों की मधुरता से खुशनुमा है अजमेर का माहौल (ETV Bharat Ajmer)

डायसिज ऑफ राजस्थान से जुड़े विभिन्न चर्चों मिलकर कैरोल सिंगिंग का कार्यक्रम रख रहे हैं. ऐसे ही एक कार्यक्रम में ईटीवी भारत ने मसीह समाज के लोगों से कैरोल गीत गाने की परंपरा और क्रिसमस की तैयारियों के बारे में बातचीत की. आगरा गेट स्थित रोबसन मेमोरियल कैथेड्रल चर्च के फादर जेके शर्मा ने बताया कि कैरोल गीत प्रभु यीशु के जन्म पर ईश्वर के दूतों ने गाए थे. तब से यह परंपरा बन गई है. क्रिसमस से पहले यीशु मसीह के पैदाइश के परंपरागत गीत गाए जाते हैं. प्रभु की पैदाइश की खुशखबरी घर घर तक कैरोल सांग के माध्यम से पहुंचाते हैं.

पढ़ें. प्रदेश में सबसे पहले मिशनरी का यहां से हुआ प्रादुर्भाव, शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्र में 150 वर्षो से रहा खासा योगदान

मन उत्साह से भर जाता है : मसीह समाज की एलिस बताती हैं कि प्रभु यीशु के जन्म की खुशी सबको होती है और दुगने उत्साह के साथ प्रभु के जन्म का संदेश दिया जाता है. क्रिसमस पर्व को लेकर काफी उत्साहित हैं. घर को रंग रोगन कर सजाया गया है. चर्चों में सजावट की गई है. घरों में पकवान बनाए जा रहे हैं. पार्टी के लिए प्लान किया जा रहा है. क्रिसमस पर चर्च जाने के लिए नए कपड़े पहनना, अच्छे से तैयार होना सभी को अच्छा लगता है. सबके साथ खुशी मनाना मन मे उमंग भर देता है. इसी तरह युवाओं की टोलियां मसीह समाज के घरों में जाकर कैरोल गाते हैं. देर शाम को ही कैरोल की मधुर आवाज माहौल को खुशनुमा बना देती है. कैरोल गाने वाले युवाओं का मसीह समाज के लोग स्वागत करते हैं क्रिसमस तक कैरोल सांग का यह दौर जारी रहेगा.

स्थानीय निवासी रीना ने बताया कि क्रिसमस की खुशिया केक के बिना अधूरी हैं. मसीह समाज के घरों में केक की तैयारी 6 माह पहले से की गई है और अब केक बेक करने की तैयारियां हो रही हैं. क्रिसमस पर रिश्तेदार, परिचितों को घर के लिए आमंत्रित किया जा रहा है. घरों में मेहमान नवाजी के लिए पकवान बनाए जाएंगे. वहीं, स्थानीय निवासी प्रेरणा ने बताया कि क्रिसमस को लेकर उमंग और खुशी का माहौल है. घरों में सफाई करने के साथ ही सजावट की जा रही है. घरों में क्रिसमस ट्री भी सजाया गया. क्रिसमस पर अपनों को गिफ्ट देने की भी परंपरा है. ऐसे में एक दूसरे को देने के लिए गिफ्ट खरीदे जा रहे हैं. क्रिसमस पर इन गिफ्ट्स को खोला जाता है. इसके लिए सभी में उत्साह का माहौल होता है. क्रिसमस के लिए नए कपड़े खरीदे जा रहे हैं. क्रिसमस पर परिवार के साथ चर्च जाएंगे, प्रवचन सुनेंगे, प्रार्थना करेंगे और एक दूसरे से गले लगकर क्रिसमस की मुबारकबाद देंगे.

अजमेर: देश और दुनिया में क्रिसमस की तैयारियां जोर शोर से की जा रही हैं. क्रिसमस का पर्व प्रभु यीशु के जन्म के रूप में मनाया जाता है. क्रिसमस के पर्व के लिए मसीह समाज के लोगों में उत्साह और उमंग का माहौल है. खासकर युवाओं ने क्रिसमस को लेकर कई प्लानिंग की है. अजमेर में भी क्रिसमस की तैयारियां जोर शोर से की जा रही हैं, विभिन्न चर्चों से जुड़े युवाओं की टोलियां घर घर जाकर प्रभु यीशु के जन्म का संदेश पारंपरिक गीत कैरोल गाकर दे रही हैं.

चर्च को रंग रोगन कर रौशनी से सजाया जा रहा : अजमेर हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई फारसी, जैन, यहूदी समेत कई धर्मों की धर्मस्थली है. ऐसे में यहां हर धर्म के त्योहार मिलकर मनाए जाते हैं. क्रिसमस के पर्व पर मसीह समाज के घर और चर्च को रंग रोगन कर रौशनी से सजाया जा रहा है. चर्चों में प्रार्थना सभाएं होने लगी हैं. प्रभु यीशु की स्तुतियां और आराधना की जा रही है. वहीं, देर शाम को विभिन्न चर्चों से युवाओं की टोलियां अलग अलग क्षेत्रों में जाकर प्रभु यीशु के आगमन का संदेश दे रही हैं. युवाओं की टोलियां मसीह समाज के घर घर जाकर कैरोल सांग ( पारंपरिक गीत ) गा रहे हैं. इन गीतों के माध्यम से बताया जाता है कि पापों से मुक्ति दिलाने के लिए प्रभु यीशु जन्म लेने वाले हैं.

कैरोल गीतों की मधुरता से खुशनुमा है अजमेर का माहौल (ETV Bharat Ajmer)

डायसिज ऑफ राजस्थान से जुड़े विभिन्न चर्चों मिलकर कैरोल सिंगिंग का कार्यक्रम रख रहे हैं. ऐसे ही एक कार्यक्रम में ईटीवी भारत ने मसीह समाज के लोगों से कैरोल गीत गाने की परंपरा और क्रिसमस की तैयारियों के बारे में बातचीत की. आगरा गेट स्थित रोबसन मेमोरियल कैथेड्रल चर्च के फादर जेके शर्मा ने बताया कि कैरोल गीत प्रभु यीशु के जन्म पर ईश्वर के दूतों ने गाए थे. तब से यह परंपरा बन गई है. क्रिसमस से पहले यीशु मसीह के पैदाइश के परंपरागत गीत गाए जाते हैं. प्रभु की पैदाइश की खुशखबरी घर घर तक कैरोल सांग के माध्यम से पहुंचाते हैं.

पढ़ें. प्रदेश में सबसे पहले मिशनरी का यहां से हुआ प्रादुर्भाव, शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्र में 150 वर्षो से रहा खासा योगदान

मन उत्साह से भर जाता है : मसीह समाज की एलिस बताती हैं कि प्रभु यीशु के जन्म की खुशी सबको होती है और दुगने उत्साह के साथ प्रभु के जन्म का संदेश दिया जाता है. क्रिसमस पर्व को लेकर काफी उत्साहित हैं. घर को रंग रोगन कर सजाया गया है. चर्चों में सजावट की गई है. घरों में पकवान बनाए जा रहे हैं. पार्टी के लिए प्लान किया जा रहा है. क्रिसमस पर चर्च जाने के लिए नए कपड़े पहनना, अच्छे से तैयार होना सभी को अच्छा लगता है. सबके साथ खुशी मनाना मन मे उमंग भर देता है. इसी तरह युवाओं की टोलियां मसीह समाज के घरों में जाकर कैरोल गाते हैं. देर शाम को ही कैरोल की मधुर आवाज माहौल को खुशनुमा बना देती है. कैरोल गाने वाले युवाओं का मसीह समाज के लोग स्वागत करते हैं क्रिसमस तक कैरोल सांग का यह दौर जारी रहेगा.

स्थानीय निवासी रीना ने बताया कि क्रिसमस की खुशिया केक के बिना अधूरी हैं. मसीह समाज के घरों में केक की तैयारी 6 माह पहले से की गई है और अब केक बेक करने की तैयारियां हो रही हैं. क्रिसमस पर रिश्तेदार, परिचितों को घर के लिए आमंत्रित किया जा रहा है. घरों में मेहमान नवाजी के लिए पकवान बनाए जाएंगे. वहीं, स्थानीय निवासी प्रेरणा ने बताया कि क्रिसमस को लेकर उमंग और खुशी का माहौल है. घरों में सफाई करने के साथ ही सजावट की जा रही है. घरों में क्रिसमस ट्री भी सजाया गया. क्रिसमस पर अपनों को गिफ्ट देने की भी परंपरा है. ऐसे में एक दूसरे को देने के लिए गिफ्ट खरीदे जा रहे हैं. क्रिसमस पर इन गिफ्ट्स को खोला जाता है. इसके लिए सभी में उत्साह का माहौल होता है. क्रिसमस के लिए नए कपड़े खरीदे जा रहे हैं. क्रिसमस पर परिवार के साथ चर्च जाएंगे, प्रवचन सुनेंगे, प्रार्थना करेंगे और एक दूसरे से गले लगकर क्रिसमस की मुबारकबाद देंगे.

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