श्रीनगर: इन दिनों चारधाम यात्रा बड़ी की तेज गति से आगे बढ़ रही है. यात्रा सीजन के दौरान स्वास्थ्य को सही रखना सबसे बड़ी चुनौती यात्रा पर आये यात्रियों के लिए है. जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ रही है, वैसे ही कार्डियक अरेस्ट और दुर्घटनाओं की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. इन सबके बावजूद भी गढ़वाल क्षेत्र के पर्वतीय इलाके के एकमात्र मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में आज तक ना कार्डियोलॉजिस्ट और ना ही न्यूरोलॉजिस्ट की तैनाती की गई है.
मेडिकल कॉलेज श्रीनगर बदरीनाथ, केदारनाथ का हायर सेंटर है. जनपद चमोली और रुद्रप्रयाग में मरीजों की हालत बिगड़ने पर इसी अस्पताल में मरीजों को रेफर किया जाता है. लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के चलते यहां से भी मरीजों को देहरादून, ऋषिकेश रेफर कर दिया जाता है. मेडिकल कॉलेज श्रीनगर मात्र रेफरल सेंटर बन कर रह गया है.
मेडिकल कॉलेज श्रीनगर जनपद चमोली, रुद्रप्रयाग, पौडी और टिहरी का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां हर दिन हजारों की संख्या में मरीज अपना इलाज करवाने आते हैं. लेकिन अपनी स्थापना के 15 साल बीत जाने के बाद भी आज तक यहां ना तो कार्डियोलॉजिस्ट न ही न्यूरोलॉजिस्ट की तैनाती की गई है. हालात ये हो जाते हैं कभी किसी व्यक्ति को हार्ट या न्यूरो सम्बधी दिक्कत आती है, तो उसे सीधे देहरादून, दिल्ली या ऋषिकेश जाना पड़ता है.
स्थानीय निवासी ओर केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश नौटियाल कहते हैं कि अगर मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में विशेषज्ञ डॉक्टर मिल जाते हैं, तो इससे हर साल गढवाल मंडल के अनेक लोगों की जान बचाई जा सकती है. वहीं बदरी-केदार मंदिर समिति के पूर्व सदस्य जगदीश भट्ट कहते हैं कि स्वास्थ्य मंत्री इसी श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के हैं. तब भी आज तक यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती नहीं हो पायी है. ऐसे में बाकी जिलों के क्या हालात होंगे इसे समझा जा सकता है. विशेषज्ञ डॉक्टर की कमी के चलते लोग असमय मौत के मुंह में चले जाते हैं.
बेस अस्पताल के एमएस डॉक्टर अजय विक्रम सिंह कहते हैं कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती के लिए विज्ञप्ति जारी की जाती रही है. कोशिश होगी कि जल्द मेडिकल कॉलेज श्रीनगर को विशेषज्ञ डॉक्टर मिल जाएंगे. इससे स्थानीय लोगों को तो लाभ होगा ही, चारधाम आए यात्रियों को भी चिकित्सीय सुविधा मिल पाएगी.
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