वाराणसी: कैंट जीआरपी ने स्टेशन पर ट्रेनों में चेकिंग के दौरान दो कोच से 8 बैग में भरे 237 कछुए बरामद किए हैं. इन कछुओं को कौन ले जा रहा था, इसका पता नहीं चल पाया है. जीआरपी के अफसरों के मुताबिक बरामद किए गए कछुओं की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 1 करोड़ रुपये के आसपास है. मादक दवाओं और तंत्रमंत्र के लिए इनकी तस्करी की जाती है.
इस संबंध में जीआरपी सीओ कुंवर प्रभात सिंह ने बताया कि माघ मेले के दृष्टिगत चलाए जा रहे अभियान के तहत रेलवे स्टेशन, प्लेटफार्मों व सर्कुलेटिंग एरिया में चोरी की घटनाओं की रोकथाम और अपराधियों की गिरफ्तारी की जा रही है. इसी क्रम में कछुओं की तस्करी का यह मामला सामने आया है. कैंट जीआरपी प्रभारी निरीक्षक हेमन्त सिंह की टीम और आरपीएफ की टीम की ओर से चेकिंग की जा रही थी. इस दौरान प्लेटफार्म नं. 5 पर मालदा टाउन विकली एक्सप्रेस की चेकिंग में टीम जब कोच S-2 व S-3 में पहुंची तो वहां 8 अलग-अलग बैग लावारिस पड़े मिले.
जब इसके बारे में यात्रियों से पूछा गया कि आठों बैग किसके हैं, किसी हामी नहीं भरी. इस पर आठों बैग को चेक किया गया तो कुल 237 जिंदा कछुए मिले. बताया कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बरामद किए गए कछुओं की कीमत एक करोड़ के करीब होगी. बरामद सभी कछुओं को वन विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है. हालांकि यह नहीं पता चल पाया है कि कछुए कौन और कहां ले जाया जा रहा था. बताया कि इन कछुओं का इस्तेमाल मादक दवाओं व तंत्र मंत्र में भी किया जाता है.
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