शिमला: आईजीएमसी शिमला में समय पर इंजेक्शन ना मिलने से एक कैंसर मरीज की मौत का मामला सामने आया है. मृतक की बेटी ने इसको लेकर प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है. जानकारी के मुताबिक देवराज शर्मा नाम के एक शख्स का IGMC शिमला में कैंसर का इलाज चल रहा था.
नवंबर महीने में शख्स को डॉक्टरों ने इंजेक्शन लगवाने को बोला था. मृतक की बेटी जाह्नवी शर्मा ने बताया "इंजेक्शन की कीमत 50 हजार रुपये या इससे अधिक थी. मेरा पापा का इलाज हिमकेयर कार्ड से चल रहा था और कार्ड में बैलेंस भी था लेकिन जब इंजेक्शन लेने गए तो हमें कहा गया कि हिमकेयर कार्ड वालों ने पेमेंट नहीं की है इसलिए हम आपको इंजेक्शन नहीं दे सकते".
मेरे पिता का आईजीएमसी से इलाज चल रहा था, उन्हें कीमोथेरेपी के इंजेक्शन की जरूरत थी, जिसकी कीमत पचास हज़ार रुपए या उससे ज़्यादा थी।
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) January 17, 2025
मेरे पास हिम केयर का कार्ड था लेकिन हिम केयर की पेमेंट न होने की वजह से हमें वह इंजेक्शन नहीं मिला।
अस्पताल ने कहा कि आप अपने पैसे से इंजेक्शन… pic.twitter.com/98TlIfMRET
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर उठाए सवाल
वहीं, इस मामले में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुखविंदर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. X पर पीड़ित बच्ची का वीडियो पोस्ट करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने लिखा "यह व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार की हकीकत है, बिटिया की बातें सुनकर मन बहुत व्यथित है. प्रदेश के लोगों को इस स्थिति का सामना ना करना पड़े. इसी सोच के साथ हिमकेयर योजना की शुरुआत की थी लेकिन वर्तमान सरकार ने सब चौपट कर दिया है."
परिवार की आर्थिक स्थिति नहीं थी ठीक
मृतक की बेटी जाह्नवी शर्मा ने बताया "हमें एक महीने तक इंजेक्शन के लिए उलझाए रखा और बाद में कहा गया अगर आपको इतनी ही जरूरत है तो आप अपने पैसे से ये इंजेक्शन खरीद लो. हमारी आर्थिक स्थिती इतनी अच्छी नहीं थी कि हम इतना महंगा इंजेक्शन ले पाएं. ऐसे में जब तक हम पैसे इकट्ठे कर पाते उतने समय में मेरा पिता जी की मौत हो गई."
सीएम हेल्पलाइन में की शिकायत
जाह्नवी शर्मा ने बताया "मेरा पिता की मौत बीते 3 दिसंबर को हुई थी. इंजेक्शन ना मिलने की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में भी की गई." शिकायत दर्ज करवाते हुए मृतक की बेटी ने बताया "हमने हिमकेयर कार्ड का पूरा प्रीमियम लिया था लेकिन सरकार ने हिमकेयर कार्ड में पेमेंट नहीं डाली थी" सीएम हेल्पलाइन से मिले जवाब में पीड़ित परिवार को कहा गया "यह हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. अगर डॉक्टर को लेकर आपकी कोई शिकायत है तो आप बता सकते हैं". जाह्नवी शर्मा ने सीएम हेल्पलाइन को लेकर कहा कि जब हमने बार-बार शिकायत की तो हेल्पलाइन वालों ने हमें बैक कॉल करना ही बंद कर दिया.
डॉक्टरों ने किया अच्छा इलाज
मृतक की बेटी जाह्नवी शर्मा ने बताया IGMC शिमला के डॉक्टरों ने उनके पिता को अच्छा इलाज दिया है. डॉक्टरों के इलाज में कोई कमी नहीं थी. मेरे पिता की मौत का कारण हिमकेयर कार्ड से इंजेक्शन उपलब्ध ना हो पाना रहा. हमारे घर में मेरे पिता ही कमाने वाले थे उनके जाने के बाद परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा रहा है. मेरी माता जी भी बीमार रहती हैं. मेरा एक भाई है और हम दोनों की अभी पढ़ाई चल रही है. ऐसे में हमारी प्रशासन से मांग है कि इस मामले में जिसकी भी गलती है उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए.
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