नई दिल्ली: दिल्ली के अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को उनके मकान का मालिकाना हक देने और उनके मकान की पक्की रजिस्ट्री करने की जो शुरुआत पीएम उदय योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी, उसे आगे बढ़ाने की पहल की गई है. इसी के तहत अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों की समस्याओं को सुलझाने के अब दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में विशेष कैंप लगाया जा रहा है, जिससे कि लोगों को घर के नजदीक ही इससे संबंधित सुविधा मिल सके.
डीडीए द्वारा पीएम-उदय योजना अभियान: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश पर शुरू हुए इस अभियान के तहत डीडीए द्वारा पीएम-उदय योजना के तहत दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए कैंप लगाए जा रहे हैं. दिल्ली के उन चिन्हित इलाकों में कैंप लगाया जा रहा है जहां लोगों को इसकी ज्यादा जरूरत है. दशकों से चली आ रही संपत्ति के मालिकाना हक की समस्या को देखते हुए वर्ष 2019 में दिल्ली में पीएम-उदय योजना शुरू की गई.
दिल्ली के लोगों को इस सुविधा का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके इसी उद्देश्य से अब विभिन्न कालोनियों में कैंप लगाए जा रहे हैं ताकि लोग यहां पर आकर इस सुविधा का लाभ ले सकें. दिल्ली के विजय विहार में लगे कैंप की तस्वीर भी कुछ ऐसी ही देखने को मिली. यहां पर न केवल विजय विहार बल्कि दूर दराज से भी लोग अपनी जमीन के मालिकाना हक की समस्या को लेकर पहुंचे. इस दौरान लोगों की अलग अलग प्रतिक्रिया देखने को मिली.
कुछ लोग संतुष्ट तो कुछ लोगों नाराज: कुछ लोग इस कैंप से बेहद संतुष्ट दिखाई दिए तो कुछ लोगों ने इस पर अपनी नाराजगी भी जाहिर की. हालांकि लोगों ने एक बात स्पष्ट कही कि इस तरह के कैंप लगातार आयोजित किए जाने चाहिए, ताकि लोगों को अपनी समस्या को लेकर इधर उधर के चक्कर न काटना पड़े. इस कैंप के माध्यम से दस्तावेजों में कमी, अधिकृत लोगों के हस्ताक्षर जैसे मामूली त्रुटियों की वजह से लंबित आवेदनों की समस्या का निस्तारण मिलने की संभावना बढ़ जाती है.
ऑथराइज कराने की प्रक्रिया है लंबी: इसके साथ ही कैंप में पहुंची वंदना ने बताया कि शनिवार को उन्होंने आवेदन किया था. उसके बाद उनके फॉर्म में कुछ कमियां थीं. उन कमियों को आज दूर कर दिया है. अब रजिस्ट्री वाले स्टेज की प्रक्रिया का काम चल रहा है. रजिस्ट्री की फीस जमा होने का इंतजार कर रहे हैं. फीस जमा होने के बाद फिर सिर्फ रजिस्ट्री का काम रह जाएगा. यहां से जो पेपर और रसीद मिलेगी उसे ले जाकर फिर रजिस्ट्री करानी होगी.
कैंप लगने से हो रहा है फायदा: इसके साथ ही एक अन्य महिला सोनी गुप्ता से बात करने पर उन्होंने बताया कि कैंप लगने की जानकारी मिली थी. इसलिए कैंप में यह देखने और पता करने आई थी कि योजना का लाभ लेने के लिए कौन-कौन से कागज लाने पड़ेंगे. पता करने के बाद जो समझ में आएगा उसके अनुसार कागज तैयार करेंगे.
गौरतलब है कि वर्तमान समय में दिल्ली में करीब 1700 के करीब अवैध कॉलोनी बसी हुई है, जिसमें रहने वाले तकरीबन 40 लाख है. यह वो लोग है जिन्होंने अनधिकृत कॉलोनी में अपना आशियाना बनाया, लेकिन इन लोगों के पास अपने मकान के पुख्ता दस्तावेज नहीं है. इसके चलते इन कॉलोनी में रहने वाले लोगों को अधिकृत रूप से उसे संपत्ति का मालिकाना हक नहीं मिल सका है. इसी को लेकर पीएम-उदय योजना के तहत आवेदनों को शीघ्र निपटाने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा आयोजित विशेष शिविर में लोगों की भागीदारी भी देखने को मिल रही है.
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