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सुरक्षा के मद्देनजर ट्रेनों के इंजन में लगाए जा रहे कैमरे, रेल पटरियों पर रखी जाएगी नजर - CAMERAS TO INSTALL IN RAIL ENGINE - CAMERAS TO INSTALL IN RAIL ENGINE

रेल की पटरियों पर नजर रखने के लिए रेलवे की ट्रेनों के इंजन में कैमरे इंस्टॉल करने की योजना है. इससे हादसा होने की स्थिति में वजहों का पता लगाया जा सकेगा.

ट्रेन के इंजनों में लगाए जा रहे कैमरे
ट्रेन के इंजनों में लगाए जा रहे कैमरे (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 27, 2024, 5:12 PM IST

Updated : Aug 27, 2024, 5:34 PM IST

नई दिल्ली: देश में आए दिन ट्रेन हादसे हो रहे हैं, जिसमें यात्रियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है. उत्तर रेलवे की तरफ से ट्रेन के लोकोमोटिव में सामने, दाएं और बाएं कुल तीन कैमरे लगाए जाएंगे जो ट्रेन की पटरी पर नजर रखेंगे. इससे ट्रेन हादसा होने पर पटरी की स्थिति का पता लगाया जा सकेगा. इसके साथ ही ट्रेन के इंजन में ब्लैक बॉक्स लगाया जाएगा. ब्लैक बॉक्स में रिकॉर्डिंग होगी कि लोको पायलट को क्या दिशा निर्देश दिए गए थे.

आए दिन ट्रेन हादसे देखने को मिल रहे हैं जिसमें ट्रेनें पटरी से उतर जाती हैं या किसी दूसरी ट्रेन से टकरा जाती हैं. हादसे में यात्रियों की जान-माल का नुकसान हो रहा है. हादसे के कारणों की पड़ताल के लिए बाद लंबे समय इसकी जांच होती है. इन बातों के मद्देनजर रेल हादसों का पता लगाने के लिए रेलवे की तरफ से इंजन के ऊपर कैमरे लगाने की योजना पर काम हो रहा है.

सीसीटीवी फुटेज से पता चल सकेगा हादसे का कारण

रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक नए बन रहे लोकोमोटिव यानी ट्रेन के इंजन में पहले से ही हाई रेजोल्यूशन, नाइट विजन और अच्छी गुणवत्ता के कैमरे लगाए गए हैं. लेकिन जो पुराने लोकोमोटिव हैं उनमें कैमरे नहीं लगे हैं. रेलवे की तरफ से इन लोकोमोटिव में कैमरे लगाने का काम चल रहा है. अधिकारियों के मुताबिक कुछ ट्रेनों में इस तरह के कैमरे लगा दिए गए हैं. ट्रेन के इंजन के ऊपर लाइट के पास दाएं और बाएं तरफ कुल 3 कैमरे लगे हैं. कैमरे की रिकॉर्डिंग 3 माह तक सुरक्षित रखी जाएगी. हादसा होने की स्थिति में कैमरे की फुटेज से वजह का पता लगाया जा सकेगा.

ट्रेनों के इंजन में ब्लैक बॉक्स लगाने की भी योजना

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक रेलवे के लोकोमोटिव में ब्लैक बॉक्स लगाने की भी योजना है. इससे ट्रेन के लोको पायलट को क्या निर्देश दिए गए थे, ब्लैक बॉक्स में सुरक्षित रहेगा. भले ही लोको मोटिव में आग लग जाए या वह दुर्घटनाग्रस्त हो जाए लेकिन ब्लैक बॉक्स सुरक्षित रहेगा. इससे भी घटना के बारे में पता लगाया जा सकेगा.

" ट्रेन हादसे क्यों हो रहे हैं इसका पता लगाने के लिए इंजन के ऊपर कैमरे लगाने की योजना थी. इस पर काम हो रहा है. पुराने इंजनों पर कैमरे लगाए जा रहे हैं. अब जो नए इंजन बन रहे हैं उनमें पहले से कैमरे लगे आ रहे हैं. इंजन के ऊपर लगा कैमरा पटरी पर फोकस करेगा जिससे ट्रेन के सामने कुछ भी आता है तो उसका पता लगाया जा सकेगा. सुरक्षा की दृष्टि से ये काम किया जा रहा है" - हिमांशु शेखर उपाध्याय, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर रेलवे

हाल में हुए ट्रेन हादसे :

  1. 18 अगस्त को दिल्ली के पटेल नगर में ट्रेन के दो कोच पटरी से उतर गए.
  2. 17 अगस्त को कानपुर में दो ट्रेनों की आपस में टक्कर से यात्री परेशान हुए.
  3. 20 जुलाई अमरोहा में मालगाड़ी के आठ डिब्बे पटरी से उतरकर पलट गए.
  4. 19 जुलाई को गोंडा में ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई. कई यात्रियों की मौत हो गई.
  5. 17 जून को पश्चिम बंगाल में ट्रेन हादसे में पांच रेल यात्रियों की जान चली गई.

ये भी पढ़ें: ट्रेन हादसों पर लगेगी लगाम, दिल्ली मंडल में 150 ट्रेनें 'कवच' से हो जाएंगी पूरी तरह सुरक्षित

नई दिल्ली: देश में आए दिन ट्रेन हादसे हो रहे हैं, जिसमें यात्रियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है. उत्तर रेलवे की तरफ से ट्रेन के लोकोमोटिव में सामने, दाएं और बाएं कुल तीन कैमरे लगाए जाएंगे जो ट्रेन की पटरी पर नजर रखेंगे. इससे ट्रेन हादसा होने पर पटरी की स्थिति का पता लगाया जा सकेगा. इसके साथ ही ट्रेन के इंजन में ब्लैक बॉक्स लगाया जाएगा. ब्लैक बॉक्स में रिकॉर्डिंग होगी कि लोको पायलट को क्या दिशा निर्देश दिए गए थे.

आए दिन ट्रेन हादसे देखने को मिल रहे हैं जिसमें ट्रेनें पटरी से उतर जाती हैं या किसी दूसरी ट्रेन से टकरा जाती हैं. हादसे में यात्रियों की जान-माल का नुकसान हो रहा है. हादसे के कारणों की पड़ताल के लिए बाद लंबे समय इसकी जांच होती है. इन बातों के मद्देनजर रेल हादसों का पता लगाने के लिए रेलवे की तरफ से इंजन के ऊपर कैमरे लगाने की योजना पर काम हो रहा है.

सीसीटीवी फुटेज से पता चल सकेगा हादसे का कारण

रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक नए बन रहे लोकोमोटिव यानी ट्रेन के इंजन में पहले से ही हाई रेजोल्यूशन, नाइट विजन और अच्छी गुणवत्ता के कैमरे लगाए गए हैं. लेकिन जो पुराने लोकोमोटिव हैं उनमें कैमरे नहीं लगे हैं. रेलवे की तरफ से इन लोकोमोटिव में कैमरे लगाने का काम चल रहा है. अधिकारियों के मुताबिक कुछ ट्रेनों में इस तरह के कैमरे लगा दिए गए हैं. ट्रेन के इंजन के ऊपर लाइट के पास दाएं और बाएं तरफ कुल 3 कैमरे लगे हैं. कैमरे की रिकॉर्डिंग 3 माह तक सुरक्षित रखी जाएगी. हादसा होने की स्थिति में कैमरे की फुटेज से वजह का पता लगाया जा सकेगा.

ट्रेनों के इंजन में ब्लैक बॉक्स लगाने की भी योजना

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक रेलवे के लोकोमोटिव में ब्लैक बॉक्स लगाने की भी योजना है. इससे ट्रेन के लोको पायलट को क्या निर्देश दिए गए थे, ब्लैक बॉक्स में सुरक्षित रहेगा. भले ही लोको मोटिव में आग लग जाए या वह दुर्घटनाग्रस्त हो जाए लेकिन ब्लैक बॉक्स सुरक्षित रहेगा. इससे भी घटना के बारे में पता लगाया जा सकेगा.

" ट्रेन हादसे क्यों हो रहे हैं इसका पता लगाने के लिए इंजन के ऊपर कैमरे लगाने की योजना थी. इस पर काम हो रहा है. पुराने इंजनों पर कैमरे लगाए जा रहे हैं. अब जो नए इंजन बन रहे हैं उनमें पहले से कैमरे लगे आ रहे हैं. इंजन के ऊपर लगा कैमरा पटरी पर फोकस करेगा जिससे ट्रेन के सामने कुछ भी आता है तो उसका पता लगाया जा सकेगा. सुरक्षा की दृष्टि से ये काम किया जा रहा है" - हिमांशु शेखर उपाध्याय, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर रेलवे

हाल में हुए ट्रेन हादसे :

  1. 18 अगस्त को दिल्ली के पटेल नगर में ट्रेन के दो कोच पटरी से उतर गए.
  2. 17 अगस्त को कानपुर में दो ट्रेनों की आपस में टक्कर से यात्री परेशान हुए.
  3. 20 जुलाई अमरोहा में मालगाड़ी के आठ डिब्बे पटरी से उतरकर पलट गए.
  4. 19 जुलाई को गोंडा में ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई. कई यात्रियों की मौत हो गई.
  5. 17 जून को पश्चिम बंगाल में ट्रेन हादसे में पांच रेल यात्रियों की जान चली गई.

ये भी पढ़ें: ट्रेन हादसों पर लगेगी लगाम, दिल्ली मंडल में 150 ट्रेनें 'कवच' से हो जाएंगी पूरी तरह सुरक्षित

Last Updated : Aug 27, 2024, 5:34 PM IST
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