नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा पुलिस ने विदेशी नागरिकों के कंप्यूटर सिस्टम में छेड़छाड़ कर ठगी करने वाले दो कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस मामले में 43 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं. ठगी का कॉल सेंटर सेक्टर-63 और फेज तीन थानाक्षेत्र में संचालित हो रहा था.
सेंट्रल नोएडा डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि विभिन्न एजेंसियों से इनपुट मिला था कि जिले में ऐसे कॉल सेंटर संचालित हो रहे हैं, जो अमेरिका और कनाडा के नागरिकों के साथ ठगी करता है. इसके बाद कॉल सेंटर का पर्दाफाश करने के कई टीमें बनाई गई. बुधवार को पुलिस ने अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर दो कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से भारी संख्या में लैपटॉप, राउटर, मोबाइल, हेडफोन, फेडरल रिजर्व सिस्टम का फर्जी दस्तावेज समेत अन्य सामान बरामद किया.
डीसीपी ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह विदेशी नागरिकों के कंप्यूटर सिस्टम के साथ छेड़छाड़ कर पॉपअप मैसेज भेजकर उनके बैंक खातों की जानकारी प्राप्त करते हैं. विदेशी नागरिक मैसेज के लिंक से आरोपियों के पास कॉल करते हैं, ताकि उनके सिस्टम में जो समस्या आई है उसे दूर किया जाए. इसके बाद आरोपी आईवीआर कॉलिंग के जरिए विदेशी नागरिकों के साथ जुड़ जाते हैं. आरोपियों के पास जो कंप्यूटर होता है, उसमें एक्सलाइट और वीसीडॉयल सॉफ्टवेयर होता है. इसके माध्यम से विदेशी नागरिकों के सिस्टम का एक्सेस हासिला कर लिया जाता है.
आरोपी विदेशी ग्राहकों के पास फेडरल रिजर्व सिस्टम के नाम का फर्जी दस्तावेज भेजते हैं. विश्वास में लेने के बाद पैसे के लिए बारकोड भेजकर आरोपी रकम को बिट क्वाइन और क्रिप्टो करेंसी में ट्रांसफर करा लेते हैं. असुविधा को दूर करने के लिए सारी रकम गिफ्ट कार्ड और क्रिप्टो के जरिए ली जाती है.
आरोपियों ने बताया कि विदेशी नागरिकों की कॉल हमेशा कॉल सेंटर के मालिक द्वारा लैंड कराई जाती है. इसके बाद अमेरिकी नागरिकों को सोशल सिक्योरिटी नंबर से संबंधित आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने का डर दिखाया जाता है. जेल जाने की धमकी दी जाती है. डर दिखाकर ही विदेशी नागरिकों से क्रिप्टो करेंसी और गिफ्ट कार्ड के जरिए रकम हासिल होती है.
ये भी पढ़ें: