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उत्तराखंड की एकल महिलाओं को स्वरोजगार के लिए मिलेगी डेढ़ लाख तक की सब्सिडी, ड्राफ्ट तैयार, ऐसे मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना को लेकर कैबिनेट की उप समिति ने योजना का फाइनल ड्राफ्ट तैयार किया.

SINGLE WOMEN SELF EMPLOYMENT SCHEME
उत्तराखंड की एकल महिलाओं को लाभ देगी धामी सरकार (PHOTO-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 22, 2024, 3:22 PM IST

Updated : Oct 22, 2024, 4:57 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में मौजूद एकल महिलाओं के स्वरोजगार को लेकर सरकार एक बड़ी योजना शुरू करने की तैयारी कर रही है. जिसके संबंध में 22 अक्टूबर को विधानसभा में कैबिनेट के उप समिति की बैठक में योजना का फाइनल ड्राफ्ट तैयार किया गया. कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में की गई बैठक में महिला बाल विकास सचिव चंद्रेश यादव और निर्देशक प्रशांत आर्य मौजूद रहे.

बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना को लेकर मंगलवार को फाइनल ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. अब जल्द ही कैबिनेट बैठक में मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री इस योजना को प्रदेश की सभी एकल महिलाओं के लिए लॉन्च करेंगे.

उत्तराखंड की एकल महिलाओं को स्वरोजगार के लिए मिलेगी डेढ़ लाख तक की सब्सिडी (VIDEO-ETV Bharat)

मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना: योजना के बारे में जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि इस योजना के तहत प्रदेश की एकल महिलाएं यानी सिंगल वूमेन लाभांवित होंगी. योजना के अंतर्गत अलग-अलग कैटेगरी में महिलाओं को स्वरोजगार के लिए डेढ़ लाख तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी. इस योजना के अंतर्गत उत्तराखंड की स्थायी निवासी 21 से 50 वर्ष तक की विधवा, तलाकशुदा, प्रत्यक्ता, किन्नर, अपराध और एसिड अटैक की पीड़ित महिला के अलावा वो एकल महिलाएं, जिनके बच्चे अविवाहित या फिर अवयस्क होंगे, उन्हें लाभ मिलेगा.

पहले चरण में 2 हजार महिलाओं को दिया जाएगा लाभ: शुरुआत में मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना 1 साल के लिए लॉन्च की जाएगी. इस दौरान सरकार इस योजना पर 20 करोड़ रुपए खर्च करेगी. पहले साल इस योजना को 'पहले आओ पहले पाओ' की तर्ज पर धरातल पर उतरा जाएगा. योजना की स्क्रीनिंग के लिए एक जिलास्तरीय समिति का भी गठन किया जाएगा, जिसमें मुख्य विकास अधिकारी समिति के अध्यक्ष होंगे और जिला कार्यक्रम अधिकारी सदस्य सचिव और जिला समाज कल्याण अधिकारी सचिव होंगे. जिलों से आवेदन आने के बाद शासन स्तर एक से डेढ़ महीने के बीच में स्क्रीनिंग होने के स्क्रीनिंग कमेटी पहले चरण में 2000 महिलाओं को इस योजना का लाभ 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर दिया जाएगा.

लोन पर अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक का मिलेगा अनुदान: इस योजना के तहत महिलाओं को कृषि, बागवानी पशुपालन, कुक्कुट पालन, भेड़-बकरी पालन, मत्स्य पालन, उद्यान फल एवं खाद्य प्रसंस्करण, ब्यूटी पार्लर, बुटीक रिपेयरिंग, ऑल्टरेशन, टेलरिंग, सौंदर्य इक्विपमेंट, जनरल स्टोर, जलपान, प्लंबर, कैंटीन, रेस्टोरेंट, इलेक्ट्रीशियन, डाटा एंट्री, कॉल सेंटर जैसे स्वरोजगार से जुड़े व्यवसाय के लिए प्रेरित किया जाएगा. इस योजना के तहत लाभ देने के लिए लोन में अधिकतम डेढ़ लाख तक की सब्सिडी यानी अनुदान दिया जाएगा.

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत 75 फीसदी या फिर डेढ़ लाख तक की अधिकतम सब्सिडी विभाग देगा. लेकिन जब उसमें 25 फीसदी पहले लाभार्थी द्वारा बैंक में जमा किया जाएगा, उसके बाद ही विभाग द्वारा सब्सिडी दी जाएगी.

ये भी पढ़ेंः मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना से 'एकल' महिलाएं बनेगी अत्मनिर्भर, विधानसभा में हुूई पहली बैठक

देहरादून: उत्तराखंड में मौजूद एकल महिलाओं के स्वरोजगार को लेकर सरकार एक बड़ी योजना शुरू करने की तैयारी कर रही है. जिसके संबंध में 22 अक्टूबर को विधानसभा में कैबिनेट के उप समिति की बैठक में योजना का फाइनल ड्राफ्ट तैयार किया गया. कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में की गई बैठक में महिला बाल विकास सचिव चंद्रेश यादव और निर्देशक प्रशांत आर्य मौजूद रहे.

बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना को लेकर मंगलवार को फाइनल ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. अब जल्द ही कैबिनेट बैठक में मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री इस योजना को प्रदेश की सभी एकल महिलाओं के लिए लॉन्च करेंगे.

उत्तराखंड की एकल महिलाओं को स्वरोजगार के लिए मिलेगी डेढ़ लाख तक की सब्सिडी (VIDEO-ETV Bharat)

मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना: योजना के बारे में जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि इस योजना के तहत प्रदेश की एकल महिलाएं यानी सिंगल वूमेन लाभांवित होंगी. योजना के अंतर्गत अलग-अलग कैटेगरी में महिलाओं को स्वरोजगार के लिए डेढ़ लाख तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी. इस योजना के अंतर्गत उत्तराखंड की स्थायी निवासी 21 से 50 वर्ष तक की विधवा, तलाकशुदा, प्रत्यक्ता, किन्नर, अपराध और एसिड अटैक की पीड़ित महिला के अलावा वो एकल महिलाएं, जिनके बच्चे अविवाहित या फिर अवयस्क होंगे, उन्हें लाभ मिलेगा.

पहले चरण में 2 हजार महिलाओं को दिया जाएगा लाभ: शुरुआत में मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना 1 साल के लिए लॉन्च की जाएगी. इस दौरान सरकार इस योजना पर 20 करोड़ रुपए खर्च करेगी. पहले साल इस योजना को 'पहले आओ पहले पाओ' की तर्ज पर धरातल पर उतरा जाएगा. योजना की स्क्रीनिंग के लिए एक जिलास्तरीय समिति का भी गठन किया जाएगा, जिसमें मुख्य विकास अधिकारी समिति के अध्यक्ष होंगे और जिला कार्यक्रम अधिकारी सदस्य सचिव और जिला समाज कल्याण अधिकारी सचिव होंगे. जिलों से आवेदन आने के बाद शासन स्तर एक से डेढ़ महीने के बीच में स्क्रीनिंग होने के स्क्रीनिंग कमेटी पहले चरण में 2000 महिलाओं को इस योजना का लाभ 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर दिया जाएगा.

लोन पर अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक का मिलेगा अनुदान: इस योजना के तहत महिलाओं को कृषि, बागवानी पशुपालन, कुक्कुट पालन, भेड़-बकरी पालन, मत्स्य पालन, उद्यान फल एवं खाद्य प्रसंस्करण, ब्यूटी पार्लर, बुटीक रिपेयरिंग, ऑल्टरेशन, टेलरिंग, सौंदर्य इक्विपमेंट, जनरल स्टोर, जलपान, प्लंबर, कैंटीन, रेस्टोरेंट, इलेक्ट्रीशियन, डाटा एंट्री, कॉल सेंटर जैसे स्वरोजगार से जुड़े व्यवसाय के लिए प्रेरित किया जाएगा. इस योजना के तहत लाभ देने के लिए लोन में अधिकतम डेढ़ लाख तक की सब्सिडी यानी अनुदान दिया जाएगा.

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत 75 फीसदी या फिर डेढ़ लाख तक की अधिकतम सब्सिडी विभाग देगा. लेकिन जब उसमें 25 फीसदी पहले लाभार्थी द्वारा बैंक में जमा किया जाएगा, उसके बाद ही विभाग द्वारा सब्सिडी दी जाएगी.

ये भी पढ़ेंः मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना से 'एकल' महिलाएं बनेगी अत्मनिर्भर, विधानसभा में हुूई पहली बैठक

Last Updated : Oct 22, 2024, 4:57 PM IST
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