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संजौली मस्जिद विवाद का सरकार ने लिया संज्ञान, कोर्ट से फैसला आने पर गिराया जाएगा अवैध निर्माण: विक्रमादित्य सिंह - Sanjauli Mosque controversy

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 11, 2024, 10:01 PM IST

Updated : Sep 11, 2024, 10:19 PM IST

Vikramaditya Singh on Sanjauli Mosque controversy: संजौली मस्जिद विवाद मामले में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि संजौली मस्जिद मामले में सरकार ने संज्ञान लिया है. कोर्ट से अगर मस्जिद के अवैध निर्माण होने का फैसला आता है तो उसे गिराया जाएगा.

संजौली मस्जिद विवाद पर विक्रमादित्य सिंह ने दी प्रतिक्रिया
संजौली मस्जिद विवाद पर विक्रमादित्य सिंह ने दी प्रतिक्रिया (ETV Bharat)
संजौली मस्जिद विवाद पर विक्रमादित्य सिंह ने दी प्रतिक्रिया (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल की राजधानी शिमला के उपनगर में मस्जिद के अवैध निर्माण का मामला देश भर की सुर्खियों में हैं. हिंदू संगठन मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने के लिए सड़कों पर उतर गए हैं. संजौली में बुधवार को भी अवैध मस्जिद निर्माण के खिलाफ विभिन्न हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने पानी की बौछारें और लाठीचार्ज किया. जिसको लेकर हिंदू संगठन, सरकार और प्रशासन के खिलाफ और भड़क गए. वहीं, इस मामले पर सुक्खू सरकार में शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने प्रतिक्रिया दी है. विक्रमादित्य ने कहा, "संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर सरकार ने संज्ञान लिया हैं. नगर निगम कमिश्नर की कोर्ट से अगर मस्जिद के अवैध निर्माण होने का फैसला आता है तो इसे गिराया जाएगा".

'कानून करेगा अपना काम': विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "संजौली में जो घटना क्रम हुआ हैं. उस पर मुख्यमंत्री ने मजबूती के साथ विधानसभा सदन में अपना पक्ष रखा है. मैने भी शहरी विकास मंत्री होने के नाते तथ्य के साथ सभा पोर्टल पर सरकार का पक्ष रखा है. हम हिमाचल के लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं. वहीं, अगर मस्जिद के अवैध निर्माण की बात की जाए तो मामला कमिश्नर कोर्ट में पिछले 10 सालों से लंबित है. इस बीच भाजपा की जयराम सरकार भी 5 साल प्रदेश की सत्ता पर रही. इसी तरह से नगर निगम में भी भाजपा का राज था. वही उससे पहले नगर निगम में सीपीएम के मेयर और डिप्टी मेयर थे. लेकिन मैं इसमें कोई राजनीति नहीं करना चाहता हूं. हिमाचल में शांति और प्यार का माहौल बना रहे सरकार इसके लिए प्रयास कर रही है. हिमाचल देश का पहला राज्य था, जहां पर कांग्रेस की वीरभद्र सरकार ने 2006 में धर्मांतरण पर कानून लागू किया था. वहीं कांग्रेस सरकार ने मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिए करोड़ों रुपए दिए हैं".

मुझे हिंदू होने पर गर्व: विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मुझे हिंदू और सनातनी होने पर गर्व है. मैं खुद भी प्रभु श्री राम का आशीर्वाद लेने अयोध्या गया था, लेकिन कानून एक प्रक्रिया के तहत चलता है. यहां सेंटीमेंट में सरकार कार्य नहीं कर सकती है. भविष्य में इस तरह की घटना न घटे, इसके लिए हिमाचल में स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी लाई जा रही है. जिसके लिए मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने को कहा है. जिसमें सरकार के मंत्री और विधायकों को भी लिया जाएगा. अब बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की पूरी छानबीन होगी. नगर निगम और पुलिस प्रशासन दोनों अपने-अपने स्तर पर ऐसे लोगों की वेरिफिकेशन करेंगे. ताकि प्रदेश में कोई विपरीत हालात न बने. इसको लेकर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी विधानसभा में मामला उठाया था.

ये भी पढ़ें: थमा नहीं है संजौली मस्जिद विवाद, सभी जिलों के डीसी व एसपी को अलर्ट रहने के आदेश, कल व्यापार मंडल शिमला का बंद

संजौली मस्जिद विवाद पर विक्रमादित्य सिंह ने दी प्रतिक्रिया (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल की राजधानी शिमला के उपनगर में मस्जिद के अवैध निर्माण का मामला देश भर की सुर्खियों में हैं. हिंदू संगठन मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने के लिए सड़कों पर उतर गए हैं. संजौली में बुधवार को भी अवैध मस्जिद निर्माण के खिलाफ विभिन्न हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने पानी की बौछारें और लाठीचार्ज किया. जिसको लेकर हिंदू संगठन, सरकार और प्रशासन के खिलाफ और भड़क गए. वहीं, इस मामले पर सुक्खू सरकार में शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने प्रतिक्रिया दी है. विक्रमादित्य ने कहा, "संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर सरकार ने संज्ञान लिया हैं. नगर निगम कमिश्नर की कोर्ट से अगर मस्जिद के अवैध निर्माण होने का फैसला आता है तो इसे गिराया जाएगा".

'कानून करेगा अपना काम': विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "संजौली में जो घटना क्रम हुआ हैं. उस पर मुख्यमंत्री ने मजबूती के साथ विधानसभा सदन में अपना पक्ष रखा है. मैने भी शहरी विकास मंत्री होने के नाते तथ्य के साथ सभा पोर्टल पर सरकार का पक्ष रखा है. हम हिमाचल के लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं. वहीं, अगर मस्जिद के अवैध निर्माण की बात की जाए तो मामला कमिश्नर कोर्ट में पिछले 10 सालों से लंबित है. इस बीच भाजपा की जयराम सरकार भी 5 साल प्रदेश की सत्ता पर रही. इसी तरह से नगर निगम में भी भाजपा का राज था. वही उससे पहले नगर निगम में सीपीएम के मेयर और डिप्टी मेयर थे. लेकिन मैं इसमें कोई राजनीति नहीं करना चाहता हूं. हिमाचल में शांति और प्यार का माहौल बना रहे सरकार इसके लिए प्रयास कर रही है. हिमाचल देश का पहला राज्य था, जहां पर कांग्रेस की वीरभद्र सरकार ने 2006 में धर्मांतरण पर कानून लागू किया था. वहीं कांग्रेस सरकार ने मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिए करोड़ों रुपए दिए हैं".

मुझे हिंदू होने पर गर्व: विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मुझे हिंदू और सनातनी होने पर गर्व है. मैं खुद भी प्रभु श्री राम का आशीर्वाद लेने अयोध्या गया था, लेकिन कानून एक प्रक्रिया के तहत चलता है. यहां सेंटीमेंट में सरकार कार्य नहीं कर सकती है. भविष्य में इस तरह की घटना न घटे, इसके लिए हिमाचल में स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी लाई जा रही है. जिसके लिए मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने को कहा है. जिसमें सरकार के मंत्री और विधायकों को भी लिया जाएगा. अब बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की पूरी छानबीन होगी. नगर निगम और पुलिस प्रशासन दोनों अपने-अपने स्तर पर ऐसे लोगों की वेरिफिकेशन करेंगे. ताकि प्रदेश में कोई विपरीत हालात न बने. इसको लेकर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी विधानसभा में मामला उठाया था.

ये भी पढ़ें: थमा नहीं है संजौली मस्जिद विवाद, सभी जिलों के डीसी व एसपी को अलर्ट रहने के आदेश, कल व्यापार मंडल शिमला का बंद

Last Updated : Sep 11, 2024, 10:19 PM IST
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