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नागरिकता संशोधन अधिनियम को मंजूरी मिलने से श्रीगंगानगर में भी पाक विस्थापितों के खिले चेहरे

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 12, 2024, 6:39 PM IST

Updated : Mar 12, 2024, 8:35 PM IST

सीएए नोटिफिकेशन के बाद श्रीगंगानगर में भी पाक विस्थापितों के चेहरे खिल उठे हैं. अब उन्हें यकीन हो गया है कि उनको नागरीकता मिलेगा और इसके बाद देश में उन्हें नागरिक के रूप में अधिकार मिलेंगे.

Pak displaced in Sriganganagar feels happy
श्रीगंगानगर में भी पाक विस्थापितों के खिले चेहरे
सीएए के नोटिफिकेशन पर पाक विस्थापितों का रिएक्शन

श्रीगंगानगर. देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम को मंजूरी मिल चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संबंध में घोषणा की, तो देश में रह रहे उन गैर मुस्लिमों के चेहरों पर रौनक लौट आई, जो नागरिकता के लिए कई सालों से संघर्ष कर रहे थे. नागरिकता संशोधन अधिनियम के अनुसार उन लोगों को इसका लाभ मिलेगा, जोकि 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान या बांग्लादेश से भारत में आए. इस घोषणा के बाद देशभर में करीबन दो करोड़ विस्थापितों को इसका लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.

सरहदी जिले श्रीगंगानगर में भी कई ऐसे परिवार हैं जो नागरिकता के लिए लंबे समय से जद्दोजहद कर रहे थे. सीमा के नजदीक बसे गांव कालियां में रहने वाले मनोहर राम का परिवार भी उन्ही में शामिल है, जो तकरीबन तीन दशक पहले पाकिस्तान से भारत आए थे. परिवारजनों की मानें, तो मनोहर राम पाकिस्तान के खानपुर जिले में रहते थे. वहां परिस्थितियां विपरीत हुईं, तो मनोहर राम अपनी पत्नी जसोदा और बच्चों के साथ 1995 में भारत आ गए. शुरुआती दौर में वे परिवार सहित हरियाणा के रानियां तहसील के गांव हरिपुरा रहने लगे. कुछ समय बाद वे हरियाणा से श्रीगंगानगर जिले के गांव कालियां में आकर रहने लगे.

पढ़ें: CAA के नोटिफिकेशन पर बोले मुस्लिम धर्म गुरु हाफिज मंजूर, भाजपा पर लगाया धार्मिक मुद्दों पर राजनीति का आरोप

अपने माता-पिता के साथ 1995 में पाकिस्तान से भारत में आई समदी देवी का कहना है कि पाकिस्तान में हमारे परिवारों को प्रताड़ित किया जाता था. इसी वजह से माता-पिता ने भारत में बसने का फैसला किया, लेकिन नागरिकता न मिलने के कारण सरकारी सुविधाएं नहीं मिल पा रही थी. अब सरकार ने हमारी मांगों को मान लिया है, जिससे हमें काफी खुशी है. अपने पति और बच्चों के साथ कई साल पहले पाकिस्तान से भारत आई जसोदा का कहना है कि मेरे पति ने नागरिकता पाने के काफी प्रयास किए, अब मेरे पति तो इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन जो सपना उन्होंने देखा था, वो जरुर पूरा हो गया. सरकार ने हमारे बारे में बहुत ही अच्छा कदम उठाया.

सीएए के नोटिफिकेशन पर पाक विस्थापितों का रिएक्शन

श्रीगंगानगर. देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम को मंजूरी मिल चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संबंध में घोषणा की, तो देश में रह रहे उन गैर मुस्लिमों के चेहरों पर रौनक लौट आई, जो नागरिकता के लिए कई सालों से संघर्ष कर रहे थे. नागरिकता संशोधन अधिनियम के अनुसार उन लोगों को इसका लाभ मिलेगा, जोकि 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान या बांग्लादेश से भारत में आए. इस घोषणा के बाद देशभर में करीबन दो करोड़ विस्थापितों को इसका लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.

सरहदी जिले श्रीगंगानगर में भी कई ऐसे परिवार हैं जो नागरिकता के लिए लंबे समय से जद्दोजहद कर रहे थे. सीमा के नजदीक बसे गांव कालियां में रहने वाले मनोहर राम का परिवार भी उन्ही में शामिल है, जो तकरीबन तीन दशक पहले पाकिस्तान से भारत आए थे. परिवारजनों की मानें, तो मनोहर राम पाकिस्तान के खानपुर जिले में रहते थे. वहां परिस्थितियां विपरीत हुईं, तो मनोहर राम अपनी पत्नी जसोदा और बच्चों के साथ 1995 में भारत आ गए. शुरुआती दौर में वे परिवार सहित हरियाणा के रानियां तहसील के गांव हरिपुरा रहने लगे. कुछ समय बाद वे हरियाणा से श्रीगंगानगर जिले के गांव कालियां में आकर रहने लगे.

पढ़ें: CAA के नोटिफिकेशन पर बोले मुस्लिम धर्म गुरु हाफिज मंजूर, भाजपा पर लगाया धार्मिक मुद्दों पर राजनीति का आरोप

अपने माता-पिता के साथ 1995 में पाकिस्तान से भारत में आई समदी देवी का कहना है कि पाकिस्तान में हमारे परिवारों को प्रताड़ित किया जाता था. इसी वजह से माता-पिता ने भारत में बसने का फैसला किया, लेकिन नागरिकता न मिलने के कारण सरकारी सुविधाएं नहीं मिल पा रही थी. अब सरकार ने हमारी मांगों को मान लिया है, जिससे हमें काफी खुशी है. अपने पति और बच्चों के साथ कई साल पहले पाकिस्तान से भारत आई जसोदा का कहना है कि मेरे पति ने नागरिकता पाने के काफी प्रयास किए, अब मेरे पति तो इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन जो सपना उन्होंने देखा था, वो जरुर पूरा हो गया. सरकार ने हमारे बारे में बहुत ही अच्छा कदम उठाया.

Last Updated : Mar 12, 2024, 8:35 PM IST
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