रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सीएए लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की अधिसूचना के तहत अब तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी.
तीन देशों के लोगों को मिलेगा फायदा: सीएम साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृढ़ संकल्प से अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आये अल्पसंख्यकों की बड़ी बाधा दूर हुई. सीएए के लागू होने से इन तीनों देशों में उत्पीड़न का शिकार हो रहे लोगों को संबल मिलेगा. उन्हें नागरिकता का लाभ मिलेगा और वे सारी सुविधाएं हासिल कर सकेंगे जो भारत के नागरिक को मिलती हैं.
सीएम ने आगे कहा-"छत्तीसगढ़ में भी बड़ी संख्या में लोग 2014 से पूर्व धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होकर बसे हैं. Citizenship Amendment Act उनके जखमों में मरहम का काम करेगा."
देश में सीएए लागू कर दिया है. इससे पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के ऐसे लोग जिन्हें धर्म के नाम पर प्रताड़ित किया गया उन्हें भारत में नागरिक्ता मिलेगी. जिससे उनका जीवन सफल हो जाएगा- विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़
रमन सिंह ने दी बधाई: छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को सीएए लागू करने पर बधाई दी. उन्होंने कहा-" भारतीय जनता पार्टी ने गारंटी देते हुए देश से एक बड़ा वादा किया था कि सीएए बनाकर लाखों लोगों के जीवन मे परिवर्तन लाएंगे. इस कानून के बनने से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर आने वाले लोगों को वैधता के साथ भारत की नागरिक्ता मिलेगी. स्वाभिमान से जी सकेंगे.
किसी की नागरिक्ता को खत्म करने की नहीं बल्कि उन्हें नागरिक्ता देने का कानून है- रमन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष, छत्तीसगढ़
टीएस सिंहदेव ने कहा-भाजपा में वापस ना चुने को लेकर डर : CAA लागू करने की घोषणा पर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने पीएम मोदी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि-" पीएम मोदी और उनकी टीम किसी बात को लेकर काफी असुरक्षित नजर आ रही है. यही वजह है कि किसी भी तरह लोकसभा चुनाव और कुछ वोटरों को प्रभावित करने के लिए जल्दबाजी में ये कदम उठाया गया है."
क्या है सीएए: CAA यानी सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (नागरिकता संशोधन अधिनियम) को देशभर में लागू कर दिया गया है. इस कानून के अंतर्गत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आने वाले उन 6 अल्पसंख्यक समुदायों के ऐसे प्रवासियों और विदेशियों को भारत की नागरिकता मिलेगी जो धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत पहुंचे हैं. छह अल्पसंख्यक समुदायों में हिंदू, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और पारसी धर्म के लोगों को रखा गया है. इसमें मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया है.