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हाड़ौती में थमे रहे 1000 बसों के पहिए, यात्री होते रहे परेशान, रोडवेज को हुआ फायदा - Private bus strike - PRIVATE BUS STRIKE

राजस्थान में बस ऑपरेटरों की हड़ताल के चलते हजारों निजी बसें खड़ी रहीं. 24 सूत्रीय मांगों को लेकर पूरे राजस्थान में बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने निजी बसों का चक्का जाम किया है. इसका खामियाजा यात्रियों को भी भुगतना पड़ा. निजी बसें नहीं चलने से रोडवेज बसों में काफी भीड़ देखी गई.

निजी बस ऑपरेटरों की हड़ताल
निजी बस ऑपरेटरों की हड़ताल (ETV Bharat Kota)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 27, 2024, 4:31 PM IST

कोटा : प्रदेश के साथ ही कोटा संभाग में भी बस ऑपरेटरों की हड़ताल है. इसके चलते हजारों निजी बसों के पहिए मंगलवार को थमे रहे. इसका खामियाजा यात्रियों को भी भुगतना पड़ रहा है और वह रोडवेज बसों में भीड़भाड़ के बीच सफर करने को मजबूर हैं. बसें नहीं चलने के चलते कई लोग दूसरे शहरों में नहीं जा पाए. बस हड़ताल के चलते डेली अप-डाउन करने वाले भी इससे खासे परेशान नजर आए.

बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सत्यनारायण साहू का कहना है कि 24 सूत्रीय मांगों को लेकर पूरे राजस्थान में बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने निजी बसों का चक्का जाम किया है. प्रदेश में करीब 30 हजार और कोटा संभाग में 1 हजार के आसपास बसें नहीं चली. कोटा संभाग में करीब 70 हजार और पूरे राजस्थान में करीब 21 लाख लोग निजी बसों में सफर करते हैं. सत्यनारायण साहू का कहना है कि बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने परिवहन विभाग के जरिए समस्याओं के समाधान के लिए कई बार ज्ञापन उच्च अधिकारियों तक भी पहुंचाएं हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, इसीलिए मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा है.

इसे भी पढ़ें- त्योहारी सीजन में बढ़ा स्लीपर-एसी बसों का किराया, जानें अब कितना करना होगा भुगतान - Bus Fares Increased

आदेश नहीं हुए जारी : सत्यनारायण साहू का कहना है कि इससे पहले जब 23 मांगों को लेकर ज्ञापन दिया गया था, उसमें से 13 मांग स्वीकार कर ली गई थी, लेकिन उसके लिए अभी तक आदेश जारी नहीं हुए हैं. इसमें लोक परिवहन सेवा के परमिट, ऑन लाइन टीपी के साथ ऑफलाइन टीपी और अस्थाई परमिट की अवधि 24 घंटे करने की मांग शामिल है. इसके साथ ही हरियाणा, पंजाब व गुजरात की तर्ज पर परिवहन व्यवसाय को उद्योग का दर्जा और जिन मार्गों पर रोडवेज बसें नहीं चल रही हैं, उन पर निजी बसों को परमिट जारी करने की मांग है.

रोडवेज बसों व ट्रेनों में देखी गई भीड़ : निजी बस ऑपरेटरों के हड़ताल के चलते रोडवेज बसों में अच्छी खासी भीड़ नजर आई. हर रूट पर रोडवेज की यात्री भार में इजाफा देखने को मिला. ट्रेनों में भी सामान्य श्रेणी के कोच में भी यात्रियों की काफी भीड़ देखी गई. हालांकि, कई रूट ऐसे थे, जिन पर ट्रेन और रोडवेज बस दोनों की ही सुविधा नहीं है. इन इलाकों के यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी.

कोटा : प्रदेश के साथ ही कोटा संभाग में भी बस ऑपरेटरों की हड़ताल है. इसके चलते हजारों निजी बसों के पहिए मंगलवार को थमे रहे. इसका खामियाजा यात्रियों को भी भुगतना पड़ रहा है और वह रोडवेज बसों में भीड़भाड़ के बीच सफर करने को मजबूर हैं. बसें नहीं चलने के चलते कई लोग दूसरे शहरों में नहीं जा पाए. बस हड़ताल के चलते डेली अप-डाउन करने वाले भी इससे खासे परेशान नजर आए.

बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सत्यनारायण साहू का कहना है कि 24 सूत्रीय मांगों को लेकर पूरे राजस्थान में बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने निजी बसों का चक्का जाम किया है. प्रदेश में करीब 30 हजार और कोटा संभाग में 1 हजार के आसपास बसें नहीं चली. कोटा संभाग में करीब 70 हजार और पूरे राजस्थान में करीब 21 लाख लोग निजी बसों में सफर करते हैं. सत्यनारायण साहू का कहना है कि बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने परिवहन विभाग के जरिए समस्याओं के समाधान के लिए कई बार ज्ञापन उच्च अधिकारियों तक भी पहुंचाएं हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, इसीलिए मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा है.

इसे भी पढ़ें- त्योहारी सीजन में बढ़ा स्लीपर-एसी बसों का किराया, जानें अब कितना करना होगा भुगतान - Bus Fares Increased

आदेश नहीं हुए जारी : सत्यनारायण साहू का कहना है कि इससे पहले जब 23 मांगों को लेकर ज्ञापन दिया गया था, उसमें से 13 मांग स्वीकार कर ली गई थी, लेकिन उसके लिए अभी तक आदेश जारी नहीं हुए हैं. इसमें लोक परिवहन सेवा के परमिट, ऑन लाइन टीपी के साथ ऑफलाइन टीपी और अस्थाई परमिट की अवधि 24 घंटे करने की मांग शामिल है. इसके साथ ही हरियाणा, पंजाब व गुजरात की तर्ज पर परिवहन व्यवसाय को उद्योग का दर्जा और जिन मार्गों पर रोडवेज बसें नहीं चल रही हैं, उन पर निजी बसों को परमिट जारी करने की मांग है.

रोडवेज बसों व ट्रेनों में देखी गई भीड़ : निजी बस ऑपरेटरों के हड़ताल के चलते रोडवेज बसों में अच्छी खासी भीड़ नजर आई. हर रूट पर रोडवेज की यात्री भार में इजाफा देखने को मिला. ट्रेनों में भी सामान्य श्रेणी के कोच में भी यात्रियों की काफी भीड़ देखी गई. हालांकि, कई रूट ऐसे थे, जिन पर ट्रेन और रोडवेज बस दोनों की ही सुविधा नहीं है. इन इलाकों के यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी.

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