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DTC बस मार्शलों का मुद्दा संजय सिंह ने संसद में उठाने की अनुमति मांगी

-AAP सांसद संजय सिंह ने दिल्ली के बस मार्शलों की बहाली का मामला शून्य काल में संसद में उठाने के लिए नोटिस दिया.

DTC बस मार्शलों का मुद्दा गरमाया
DTC बस मार्शलों का मुद्दा गरमाया (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 17 hours ago

नई दिल्लीः दिल्ली ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (डीटीसी) व क्लस्टर बसों में महिलाओं की सुरक्षा व बुजुर्गों की मदद के लिए तैनात किए गए बस मार्शलों को नौकरी से हटाने का मुद्दा पिछले एक साल से चल रहा है. अभी तक इन बस मार्शलों की नौकरी बहाल नहीं हो पाई है. अब आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राजसभा सदस्य संजय सिंह ने बस मार्शलों और सिविल डिफेंस वालंटियर्स के मुद्दे राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान रखने की अनुमति मांगी है.

दरअसल, संजय सिंह ने राज्यसभा के जेनरल सेक्रेटरी को दिए नोटिस में कहा है कि दिल्ली सरकार ने बस मार्शलों को बहाल और नियमित करने की योजना तैयार करने का प्रस्ताव एलजी को भेजा है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इनकी बर्खास्तगी ने बस में सफर करने वाली महिलाओं की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है. साथ ही 11 हजार परिवारों को आर्थिक संकट में धकेल दिया है.

सांसद संजय सिंह ने नोटिस में कहा क्या, जानिए ...

संजय सिंह ने राज्यसभा के जेनरल सेक्रेटरी को दिए नोटिस में कहा;'दिल्ली में महिला सुरक्षा और रोजगार से जुड़े एक अत्यंत गंभीर मुद्दे की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं. दिल्ली में लगभग 11,000 बस मार्शल, जिन्हें महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियुक्त किया गया था, उनको अचानक बिना किसी नोटिस या सूचना के नौकरी से हटा दिया गया. इन बस मार्शलों ने न केवल महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की, बल्कि कोविड-19 महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर देश की सेवा भी की.

संजय सिंह ने आगे नोटिस में कहा कि आज बस मार्शलों की बर्खास्तगी ने महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था को गंभीर खतरे में डाल दिया है और लगभग 11,000 परिवारों को आर्थिक संकट में धकेल दिया गया है. दिल्ली सरकार ने इन्हें बहाल करने और नियमितीकरण की योजना तैयार करने का प्रस्ताव उपराज्यपाल को भेजा, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. कृपा करके मुझे इस अतिआवश्यक विषय पर शून्यकाल में अपनी बात रखने की अनुमति प्रदान करें.''

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बता दें, दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार बस मार्शलों को नौकरी से हटाने के लिए भाजपा पर आरोप मढ़ती आ रही है. बस मार्शल लंबे समय से नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इसको लेकर दिल्ली में लंबे समय से भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच राजनीति भी होती आई है. दिल्ली सरकार ने कहा था कि बस मार्शलों को स्थाई नौकरी मिलने तक प्रदूषण की रोकथाम के कार्यों में लगाएंगे, लेकिन अभी तक यह भी नहीं हो सका है.

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नई दिल्लीः दिल्ली ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (डीटीसी) व क्लस्टर बसों में महिलाओं की सुरक्षा व बुजुर्गों की मदद के लिए तैनात किए गए बस मार्शलों को नौकरी से हटाने का मुद्दा पिछले एक साल से चल रहा है. अभी तक इन बस मार्शलों की नौकरी बहाल नहीं हो पाई है. अब आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राजसभा सदस्य संजय सिंह ने बस मार्शलों और सिविल डिफेंस वालंटियर्स के मुद्दे राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान रखने की अनुमति मांगी है.

दरअसल, संजय सिंह ने राज्यसभा के जेनरल सेक्रेटरी को दिए नोटिस में कहा है कि दिल्ली सरकार ने बस मार्शलों को बहाल और नियमित करने की योजना तैयार करने का प्रस्ताव एलजी को भेजा है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इनकी बर्खास्तगी ने बस में सफर करने वाली महिलाओं की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है. साथ ही 11 हजार परिवारों को आर्थिक संकट में धकेल दिया है.

सांसद संजय सिंह ने नोटिस में कहा क्या, जानिए ...

संजय सिंह ने राज्यसभा के जेनरल सेक्रेटरी को दिए नोटिस में कहा;'दिल्ली में महिला सुरक्षा और रोजगार से जुड़े एक अत्यंत गंभीर मुद्दे की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं. दिल्ली में लगभग 11,000 बस मार्शल, जिन्हें महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियुक्त किया गया था, उनको अचानक बिना किसी नोटिस या सूचना के नौकरी से हटा दिया गया. इन बस मार्शलों ने न केवल महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की, बल्कि कोविड-19 महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर देश की सेवा भी की.

संजय सिंह ने आगे नोटिस में कहा कि आज बस मार्शलों की बर्खास्तगी ने महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था को गंभीर खतरे में डाल दिया है और लगभग 11,000 परिवारों को आर्थिक संकट में धकेल दिया गया है. दिल्ली सरकार ने इन्हें बहाल करने और नियमितीकरण की योजना तैयार करने का प्रस्ताव उपराज्यपाल को भेजा, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. कृपा करके मुझे इस अतिआवश्यक विषय पर शून्यकाल में अपनी बात रखने की अनुमति प्रदान करें.''

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बता दें, दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार बस मार्शलों को नौकरी से हटाने के लिए भाजपा पर आरोप मढ़ती आ रही है. बस मार्शल लंबे समय से नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इसको लेकर दिल्ली में लंबे समय से भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच राजनीति भी होती आई है. दिल्ली सरकार ने कहा था कि बस मार्शलों को स्थाई नौकरी मिलने तक प्रदूषण की रोकथाम के कार्यों में लगाएंगे, लेकिन अभी तक यह भी नहीं हो सका है.

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