बुरहानपुर। लालबाग रेलवे स्टेशन समीप स्थित 'बुरहानपुर ताप्ती मिल' कोरोना काल से बंद पड़ी है. कोरोना काल बीत जाने के बावजूद मिल को दोबारा शुरू नहीं किया गया है. इस मिल में कार्यरत श्रमिक परेशान हैं और उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है. श्रमिकों के लिए राहत की बात है कि मिल प्रबंधन कार्यरत श्रमिकों को आधा वेतन दे रहा है. लेकिन अब यहां कार्यरत 900 से अधिक श्रमिकों को मिल शुरू होने का इंतजार है. इसके लिए श्रमिक संगठनों के साथ मिलकर कई बार आंदोलन भी किया गया, लेकिन एनटीसी यानी नेशनल टेक्सटाइल कॉरपोरेशन और मिल प्रबंधन पर कोई खास असर नहीं हुआ.
मिल के निजीकरण से श्रमिकों ने जताई नाराजगी
18वीं लोकसभा का गठन होने के बाद नई केंद्र सरकार में गिरिराज सिंह को कपड़ा मंत्री बनाया गया तो सैकड़ों श्रमिकों को अपनी मिल शुरू होने की आस बंध गई. लेकिन इस बीच श्रमिकों को जानकारी मिली कि इस मिल को निजी हाथों में दिया जा सकता है. इस पर श्रमिकों ने नाराजगी जताई और मिल पहुंच कर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, खंडवा के के सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह से मुलाकात कर मिल को सरकारी या निजी स्तर पर शुरू करने की मांग रखी है.
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'निजीकरण किए जाने पर होगा विरोध प्रदर्शन'
इस पूरे मामले में विपक्षी दल कांग्रेस के समर्थित श्रमिक संगठन इंटक के अध्यक्ष रफीक गुल मोहम्मद ने कहा है कि "ताप्ती मिल मुनाफे में है. जिसके चलते मिल प्रबंधन द्वारा श्रमिकों को आधा वेतन का भुगतान किया जा रहा है. बावजूद इसके मिल को निजी हाथों में दिया जाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इंटक ने मांग की है कि श्रमिकों के हित में केंद्र सरकार फैसला लेकर बुरहानपुर ताप्ती मिल को जल्द शुरू करें, यदि सरकार इस मुनाफे वाले मिल को निजी हाथों में देती है तो इसका श्रमिक और इंटक पूरी ताकत से विरोध प्रदर्शन करेगा.