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बुरहानपुर के इस गांव में रोड नहीं होने से छूट रही बच्चों की पढ़ाई, गांव में अभी तक बिजली नहीं आई - Burhanpur No Road For Village

बुरहानपुर जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर एक आदिवासी बाहुल्य गांव है. गांव में जाने के लिए 5 किलोमीटर तक का रास्ता कच्चा है. बारिश के दिनों में बच्चे स्कूल नहीं जा पाते. इसके अलावा गांव में अभी तक बिजली नहीं आई है.

Burhanpur No Road For Village
गांव तक जाने के लिए नहीं है पक्का रास्ता (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 7, 2024, 4:49 PM IST

बुरहानपुर: जिले के एक आदिवासी बाहुल्य गांव में जाने के लिए अभी तक पक्का रास्ता नहीं बना है. गांव में जाने के लिए 5 किलोमीटर तक का रास्ता कच्चा है. बारिश के मौसम में यह पूरी तरह से खराब हो जाता है. कीचड़ से भर जाता है. चलना मुश्किल हो जाता है. इस वजह से गांव के 100 से अधिक बच्चे पूरी बरसात स्कूल नहीं जा पाते. उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है. ग्रामीणों का कहना है, वो जनप्रतिनिधियों से कई बार इसे पक्का कराने की मांग कर चुके हैं लेकिन अभी तक किसी ने इसकी सुध नहीं ली है.

आदिवासी बाहुल्य गांव में है सुविधाओं का अभाव (ETV Bharat)

5 किलोमीटर तक का रास्ता है कच्चा

जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर आदिवासी बाहुल्य गांव घावटी में लोग रास्ता नहीं होने से परेशान हैं. इस गांव में अभी तक बिजली तक नहीं आई है और न तो शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है. यहां स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी कोई प्रबंध नहीं है. बरसात के मौसम में रास्ता खराब होने की वजह से बच्चे स्कूल नहीं जा पाते. स्कूल न जा पाने वाले बच्चों की संख्या करीब 100 है. पूरी बरसात स्कूल न जा पाने के कारण कई का स्कूल छूट जाता है तो कई सिलेबस पूरा नहीं हो पाने के कारण परीक्षा में फेल हो जाते हैं. बरसात के मौसम में ग्रामीणों का गांव से बाहर निकलना दूभर हो जाता है.

गांव में अभी तक नहीं आई है बिजली

गांव तक पक्का रास्ता न होने से परेशान ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से भी की. ग्राम सरपंच ने कहा कि, 'रोड नहीं होने की वजह से हमारे गांव के बच्चे बरसात भर स्कूल नहीं जा पाते, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है. पूरा गांव अपने बच्चों को पढ़ाना चाहता है, लेकिन बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं.' इसके अलावा उन्होंने बताया कि 'अभी तक गांव में बिजली नहीं आई है. लोग अंधेरे में रहते हैं.' उन्होंने सरकार से गांव के लिए पक्का रास्ता, बिजली और गांव में एक स्कूल की मांग की. उन्होंने कहा कि, 'स्कूल गांव से 5 किलोमीटर दूर है जिस वजह से बारिश के बाद भी बच्चों को स्कूल जाने में मुश्किलें होती हैं.'

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बालाघाट में सड़क की हालत देख एंबुलेंस ने मानी हार, खाट बनी बेबस महिला का सहारा

जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच का दिया भरोसा

इस मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी संतोष सिंह सोलंकी का कहना है कि, "आपके (मीडिया) द्वारा मामला संज्ञान में आया है. बीआरसी के माध्यम से घावटी गांव की स्थिति जानने की कोशिश करेंगे, इसके बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएंगी."

बुरहानपुर: जिले के एक आदिवासी बाहुल्य गांव में जाने के लिए अभी तक पक्का रास्ता नहीं बना है. गांव में जाने के लिए 5 किलोमीटर तक का रास्ता कच्चा है. बारिश के मौसम में यह पूरी तरह से खराब हो जाता है. कीचड़ से भर जाता है. चलना मुश्किल हो जाता है. इस वजह से गांव के 100 से अधिक बच्चे पूरी बरसात स्कूल नहीं जा पाते. उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है. ग्रामीणों का कहना है, वो जनप्रतिनिधियों से कई बार इसे पक्का कराने की मांग कर चुके हैं लेकिन अभी तक किसी ने इसकी सुध नहीं ली है.

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5 किलोमीटर तक का रास्ता है कच्चा

जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर आदिवासी बाहुल्य गांव घावटी में लोग रास्ता नहीं होने से परेशान हैं. इस गांव में अभी तक बिजली तक नहीं आई है और न तो शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है. यहां स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी कोई प्रबंध नहीं है. बरसात के मौसम में रास्ता खराब होने की वजह से बच्चे स्कूल नहीं जा पाते. स्कूल न जा पाने वाले बच्चों की संख्या करीब 100 है. पूरी बरसात स्कूल न जा पाने के कारण कई का स्कूल छूट जाता है तो कई सिलेबस पूरा नहीं हो पाने के कारण परीक्षा में फेल हो जाते हैं. बरसात के मौसम में ग्रामीणों का गांव से बाहर निकलना दूभर हो जाता है.

गांव में अभी तक नहीं आई है बिजली

गांव तक पक्का रास्ता न होने से परेशान ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से भी की. ग्राम सरपंच ने कहा कि, 'रोड नहीं होने की वजह से हमारे गांव के बच्चे बरसात भर स्कूल नहीं जा पाते, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है. पूरा गांव अपने बच्चों को पढ़ाना चाहता है, लेकिन बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं.' इसके अलावा उन्होंने बताया कि 'अभी तक गांव में बिजली नहीं आई है. लोग अंधेरे में रहते हैं.' उन्होंने सरकार से गांव के लिए पक्का रास्ता, बिजली और गांव में एक स्कूल की मांग की. उन्होंने कहा कि, 'स्कूल गांव से 5 किलोमीटर दूर है जिस वजह से बारिश के बाद भी बच्चों को स्कूल जाने में मुश्किलें होती हैं.'

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जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच का दिया भरोसा

इस मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी संतोष सिंह सोलंकी का कहना है कि, "आपके (मीडिया) द्वारा मामला संज्ञान में आया है. बीआरसी के माध्यम से घावटी गांव की स्थिति जानने की कोशिश करेंगे, इसके बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएंगी."

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