बुरहानपुर: नेपानगर थाना पुलिस ने ग्राम पंचायत मांडवा के सरपंच और सचिव को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों करीब 3 महीने से फरार चल रहे थे. उन पर संबल योजना में अपात्र हितग्राहियों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगा था. जांच में आरोप सही पाए जाने पर पुलिस ने धारा-420 सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था. इसके बाद से ही सरपंच और सचिव फरार चल रहे थे. पुलिस ने आरोपियों पर 3 हजार का इनाम भी घोषित किया था.
16 लाख के फर्जीवाड़े का था आरोप
आरोप है कि, बुरहानपुर की ग्राम पंचायत मांडवा में सरपंच तुलसीराम अलावे, उपसरपंच संजय जाधव सहित तत्कालीन सचिव सुनील पटेल ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर 8 अपात्र हितग्राहियों को संबल योजना के तहत 16 लाख का लाभ पहुंचाया था. ग्रामीणों ने इस फर्जीवाड़े की शिकायत जिला प्रशासन सहित सीएम हेल्पलाइन पर की थी. प्रशासनिक जांच में तीनों को दोषी पाया गया था. कलेक्टर के निर्देश पर जनपद पंचायत सीईओ ने नेपानगर थाने में तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.
मामला दर्ज होने के बाद से ही तीनों फरार चल रहे थे. 22 नवंबर को नेपानगर पुलिस ने उपसरपंच संजय जाधव को गिरफ्तार किया था. अब करीब 3 महीने बाद रविवार को सरपंच और सचिव को भी गिरफ्तार कर लिया. पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार पाटीदार ने आरोपियों पर 3 हजार का इनाम भी घोषित किया था.
पुलिस ने घोषित किया था 3 हजार का इनाम
नेपानगर थाना प्रभारी ज्ञानू जायसवाल ने बताया, "10 अगस्त 2023 को ग्राम पंचायत मांडवा में सरपंच, उपसरपंच और सचिव ने 8 अपात्र लोगों को 2-2 लाख के हिसाब से 16 लाख रुपये की राशि आवंटित की थी. जांच में तीनों दोषी पाए गए थे. इस पर जनपद पंचायत सीईओ ने धारा-420 सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था. उपसरपंच संजय जाधव को बीते दिनों गिरफ्तार कर लिया गया था. लेकिन सरपंच तुलसीराम अलावे और सचिव सुनील पटेल फरार चल रहे थे."
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यह है पूरा मामला
आरोप है कि, सरपंच, उपसपंच और सचिव की मिलीभगत से ग्राम पंचायत में मृतकों के नाम से समग्र आईडी ही नहीं बनाई गई, बल्कि उनके नाम से ई संबल कार्ड भी जारी किए गए थे. शिकायत के बाद जांच होने पर पता चला कि 8 मृतकों के नाम पर लाभ उठाकर दूसरों को दिया गया. जांच के बाद सरपंच तुलसीराम, उप सरपंच संजय जाधव और तत्कालीन सचिव सुनिल पटेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.