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बुरहानपुर में टपरे में शिक्षा व्यवस्था, खस्ताहाल स्कूल की हालत, नहीं आ रहे बच्चे - Burhanpur School Condition Poor

बुरहानपुर के मलगांव फालिया में स्कूल की हालत बदहाल है. बारिश के दिनों में स्कूल की टीनशेड वाली छत से पानी टपकता है. जिसके चलते बच्चों की उपस्थिति कम हो गई है. इस ओर जिम्मेदारों का कोई ध्यान नहीं है.

BURHANPUR SCHOOL CONDITION POOR
मलगांव फालिया का प्राइमरी स्कूल खंडहर में तब्दील (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 21, 2024, 5:04 PM IST

बुरहानपुर: आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र धुलकोट में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है. फालिया में बदहाल स्कूल भवन चिंताजनक है. ताजा मामला परतकुंडिया गांव के मलगांव फालिया से सामने आया है. यहां शासकीय प्राथमिक स्कूल के बच्चों की भवन के अभाव में उपस्थिति कम हो गई है. दरअसल इस फालिया में एक साल पहले तक खुद का स्कूल भवन था, लेकिन जर्जर होने के कारण उसकी छत तोड़ दी है. एक साल बाद भी इसका नवीनीकरण नहीं कराया गया है. जिसके चलते शिक्षक बच्चों को टपरो में बैठाकर पढ़ाने के लिए मजबूर है, लेकिन जिम्मेदार बच्चों के लिए स्कूल की मरम्मत तक कराना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं. हालात यह है कि ग्रामीण के टपरे में स्कूल संचालित किया जा रहा है.

सरकारी स्कूल के भवन में नहीं है छत (ETV Bharat)

स्कूल के भवन में नहीं है छत

बुरहानपुर जिला मुख्यालय से 80 किमी दूर परतकुंडिया गांव के मलगांव फालिया में सरकारी स्कूल की स्थिति बद से बदतर हो गई है. यहां शिक्षा विभाग ने 1995 में प्राथमिक शाला का निर्माण कराया था. भवन पुराना हो गया था. इस कारण बरसात में छतों से पानी टपकता था, छत नीचे झुक गई थी. जिसके चलते शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल के छत को 15 महीनों पहले गिरा दिया था. जिसके बाद से अब तक ना ही शिक्षा विभाग और ना ही ग्राम पंचायत ने इसकी सुध ली है.

स्कूल की दीवारें जर्जर

बता दें कि नवीनीकरण के नाम पर यहां एक साल पहले ग्राम पंचायत ने टीन की चादरें बिछाई थी, लेकिन स्कूल भवन की दीवारें जर्जर हो गई है. जो कभी भी गिर सकती है, इसको देखते हुए शिक्षक ने एक ग्रामीण के टपरे में स्कूल लगा रहे हैं. स्कूल भवन की छत गिराने के बाद कई पालक तो ऐसे हैं. जिन्होंने अपने बच्चों को स्कूल भेजना ही बंद कर दिया है. अब इसका खमियाजा बच्चों और शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है.

यहां पढ़ें...

मध्य प्रदेश के स्कूलों से गायब हुए 23 लाख से अधिक छात्र, टेंशन में स्कूल शिक्षा विभाग, दी गई ये जिम्मेदारी

बच्चों के भविष्य से खिलवाड़, 14 शिक्षकों की कमी, बुरहानपुर के इस स्कूल में इन विषयों के नहीं हैं शिक्षक

पूरा स्कूल एक महिला शिक्षिका के सहारे

चारों दिशाओं से झुकती दिवारों पर पंचायत ने स्कूल भवन की छत पर टीन डाल दी है. जिससे पालक नाखुश है, उनका कहना है कि छत की तरह स्कूल की दीवारें भी जर्जर हो चुकी हैं, जो कभी भी गिर सकती हैं. जिससे बच्चों की जान को खतरा है, इसलिए बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे है. इतना ही नहीं शासकीय प्राथमिक मलगांव फालिया स्कूल में दो शिक्षक पदस्थ हैं, लेकिन लंबे समय से महज एक ही महिला शिक्षक स्कूल पहुंच रही है, जो बार बार विभागीय अधिकारियों को इस संबध में मौखिक एवं लिखित शिकायत कर चुकी है. जिससे अब वह भी बच्चों को टपरों में ही पढ़ाना एक आखरी विकल्प समझ रही है.

बुरहानपुर: आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र धुलकोट में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है. फालिया में बदहाल स्कूल भवन चिंताजनक है. ताजा मामला परतकुंडिया गांव के मलगांव फालिया से सामने आया है. यहां शासकीय प्राथमिक स्कूल के बच्चों की भवन के अभाव में उपस्थिति कम हो गई है. दरअसल इस फालिया में एक साल पहले तक खुद का स्कूल भवन था, लेकिन जर्जर होने के कारण उसकी छत तोड़ दी है. एक साल बाद भी इसका नवीनीकरण नहीं कराया गया है. जिसके चलते शिक्षक बच्चों को टपरो में बैठाकर पढ़ाने के लिए मजबूर है, लेकिन जिम्मेदार बच्चों के लिए स्कूल की मरम्मत तक कराना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं. हालात यह है कि ग्रामीण के टपरे में स्कूल संचालित किया जा रहा है.

सरकारी स्कूल के भवन में नहीं है छत (ETV Bharat)

स्कूल के भवन में नहीं है छत

बुरहानपुर जिला मुख्यालय से 80 किमी दूर परतकुंडिया गांव के मलगांव फालिया में सरकारी स्कूल की स्थिति बद से बदतर हो गई है. यहां शिक्षा विभाग ने 1995 में प्राथमिक शाला का निर्माण कराया था. भवन पुराना हो गया था. इस कारण बरसात में छतों से पानी टपकता था, छत नीचे झुक गई थी. जिसके चलते शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल के छत को 15 महीनों पहले गिरा दिया था. जिसके बाद से अब तक ना ही शिक्षा विभाग और ना ही ग्राम पंचायत ने इसकी सुध ली है.

स्कूल की दीवारें जर्जर

बता दें कि नवीनीकरण के नाम पर यहां एक साल पहले ग्राम पंचायत ने टीन की चादरें बिछाई थी, लेकिन स्कूल भवन की दीवारें जर्जर हो गई है. जो कभी भी गिर सकती है, इसको देखते हुए शिक्षक ने एक ग्रामीण के टपरे में स्कूल लगा रहे हैं. स्कूल भवन की छत गिराने के बाद कई पालक तो ऐसे हैं. जिन्होंने अपने बच्चों को स्कूल भेजना ही बंद कर दिया है. अब इसका खमियाजा बच्चों और शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है.

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पूरा स्कूल एक महिला शिक्षिका के सहारे

चारों दिशाओं से झुकती दिवारों पर पंचायत ने स्कूल भवन की छत पर टीन डाल दी है. जिससे पालक नाखुश है, उनका कहना है कि छत की तरह स्कूल की दीवारें भी जर्जर हो चुकी हैं, जो कभी भी गिर सकती हैं. जिससे बच्चों की जान को खतरा है, इसलिए बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे है. इतना ही नहीं शासकीय प्राथमिक मलगांव फालिया स्कूल में दो शिक्षक पदस्थ हैं, लेकिन लंबे समय से महज एक ही महिला शिक्षक स्कूल पहुंच रही है, जो बार बार विभागीय अधिकारियों को इस संबध में मौखिक एवं लिखित शिकायत कर चुकी है. जिससे अब वह भी बच्चों को टपरों में ही पढ़ाना एक आखरी विकल्प समझ रही है.

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