बुरहानपुर। बुरहानपुर नगर निगम सीमा क्षेत्र में 200 से अधिक मकान जर्जर हालत में है. मानसून से पहले नगर निगम के मैदानी अमले ने 114 जर्जर मकान चिन्हित किए हैं. इसके बाद निगमायुक्त संदीप श्रीवास्तव ने ऐसे मकानों मालिकों को मकान गिराने का नोटिस जारी किया है, लेकिन समाज सेवियों ने नगर निगम पर केवल नोटिस देकर रस्म अदायगी का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि ''ऐसे जर्जर मकान जहां कोई नहीं रहता और चिन्हित ऐसे मकानों में जहां गरीब लोग अपनी जान जोखिम में डाल कर डर के साए में रह रहे हैं, उन्हें अन्य स्थान पर शिफ्ट कर उनके मकानों की मरम्मत व पीएम आवास योजना में निर्माण करना चाहिए. आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने नगर निगम के अफसरों को फटकार लगाई है, उन्होंने जर्जर मकान को गिराने के निर्देश दिए हैं.
बारिश में कभी भी गिर सकते हैं मकान
बता दें कि, नगर निगम ने सर्वे कर करीब 114 मकान ऐसे चिन्हित किए हैं, जो जर्जर हो चुके हैं. इनके हाल खस्ताहाल हो गए हैं. ये मकान बारिश में कभी भी गिर सकते हैं. हर साल नगर निगम सर्वे करता है, लेकिन हर बार की तरह नोटिस जारी करके उन्हें भूल जाता है. दरअसल चिन्हित जर्जर मकान तीन श्रेणी के हैं. एक ऐसे मकान है जहां कोई निवास नहीं करता, लेकिन ऐसे मकान राहगीरों व पड़ोसियों के लिए आफत का सबब बन सकते हैं.
हरीरपुरा में जर्जर मकान में रह रहे लोग
दूसरी श्रेणी के ऐसे मकान हैं जिनका कोर्ट में केस चल रहा है और तीसरी श्रेणी ऐसी है जिनके मकान मालिक काफी गरीब हैं. उनके पास अपने मकान निर्माण तो दूर मरम्मत और गिराने के लिए भी पैसे नहीं है. ऐसा ही एक घर ईटीवी भारत ने शहर के हरीरपुरा वार्ड में ढूंढ निकाला है. जहां चार परिवार के करीब 40 से अधिक लोग अपनी जान जोखिम में डाल कर रहते हैं. तेज आंधी, बारिश होने पर इस मकान में रहने वाले सभी सदस्य पडोसियों के यहां जाकर शरण लेते हैं. इन गरीब परिवारों की मांग है सरकार बारिश के दिनों में उन्हें सुरक्षित स्थान पर विस्थापित करें. साथ ही सरकारी योजना जैसे पीएम आवास योजना में लेकर उनके आवास का निर्माण करवाकर दे.
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आवास योजना के तहत मकान दे सरकार
आम आदमी पार्टी के युवा ईकाई के जिलाध्यक्ष शेख वसीम का कहना है कि ''शहर में नगर निगम ने जिन मकानों को जर्जर चिन्हित किया उनमें कुछ मकानों में कोई नहीं रहता, कुछ के कोर्ट में केस चल रहे हैं. कई जर्जर मकान ऐसे है, जहां रहने वाले लोग इतने गरीब है कि उनके पास मकान निर्माण तो दूर उसकी रिपेरिंग के लिए राशी नहीं है. नगर निगम को खाली पडे़ जर्जर मकानों को गिराने की कार्यवाही करना चाहिए और जिन जर्जर मकानों में गरीब परिवार रहते हैं, उन्हें वर्षा काल में अस्थाई रूप से शिफ्ट कर आवास योजना के तहत उनके लिए आवास निर्माण करवाना चाहिए.
114 मकान मालिकों को नोटिस
उधर नगर निगम प्रशासन ने 114 जर्जर मकानों को चिन्हित कर नोटिस दिया है. नोटिस भेजने की रस्म अदायगी से नाराज कलेक्टर ने नगर निगम को जर्जर मकानों को लेकर सख्त कार्यवाही करने की हिदायत दी है. इस पर निगमायुक्त ने दो मकानों को गिराने के लिए अमला तैयार किया है.