बुरहानपुर। दो माह पहले बुरहानपुर जिले में हुई तेज आंधी-बारिश से 70 से अधिक गांवों के 5 हजार किसानों की केला की खड़ी फसल को भारी नुकसान पहुंचा. जिला प्रशासन ने सर्वे कराकर शासन को 65 करोड़ राशि राहत के रूप में प्रस्ताव बनाकर भेजी थी. इसमें से आधे किसानों के खाते में मुआवजा राशि पहुंच गई है, लेकिन अभी भी कई किसानों के खातों में मुआवजा राशि नहीं पहुंची, जिससे किसान काफी परेशान हैं.
कर्ज लेकर अगली फसल की तैयारी
किसानों का कहना है "अब वे अगली फसल की तैयारी के लिए कर्ज लेकर बोवनी कर रहे हैं." किसानों ने जिला प्रशासन पर मुआवजा वितरण में भेदभाव करने का भी आरोप लगाया है. वहीं, केला किसानों को उनकी फसल नुकसानी का मुआवजा आने पर देरी को लेकर सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस ने कटाक्ष करते हुए कहा खुद को किसानों की सरकार कहने वाली बीजेपी की सरकार ने किसानों को मुसीबत और उनकी जरूरत के समय मुआवजा राशि नहीं देकर भेदभाव किया है.
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कांग्रेस ने की बड़े आंदोलन की तैयारी
कांग्रेस ने शेष बचे किसानों का भी मुआवजा जल्द से जल्द उनके खाते में देने की मांग की है. देरी होने पर कांग्रेस ने किसानों के साथ मिलकर बडे आंदोलन की चेतावनी दी है. किसानों की समस्या को लेकर खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटील ने बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल से मुलाकात की और जल्द से जल्द शेष रह गए किसानों व सर्वे में रह गए किसानों के नाम जोड़ने का अनुरोध किया है. सांसद ने कहा "जिले में हुई प्राकृतिक आपदा से प्रशासन ने 65 करोड़ राशि का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा था, जिसमे से 33 करोड़ की राशि का वितरण हो गया है."