बुरहानपुर। जिले के बिरोदा, पातोंडा, भोलाना गांव के दर्जनों किसानों के साथ सरकार ने मुआवजा राशि वितरण में मजाक किया है. प्राकृतिक आपदा से केला फसल चौपट हो गई. किसानों को भारी नुकसान हुआ. किसानों को केवल 7 से लेकर 35 हजार का मुआवजा दिया गया है, जबकि उन्हें खेत साफ कराने में ही 30 हजार खर्च आया है. इससे मजदूरी की भरपाई तक नही हो पाई. किसानों ने सरकार पर मुआवजा वितरण में मजाक का आरोप लगाया है.
गुस्साए किसानों ने अपर कलेक्टर को सुनाई व्यथा
किसानों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर धरना दिया. जैसे ही उनके प्रदर्शन की जानकारी अपर कलेक्टर अशोक कुमार जाधव को मिली चो उन्होंने किसानों से बात की. अपर कलेक्टर ने किसानों को भरोसा दिया कि मामले की जांच कराई जाएगी. कांग्रेस युवा नेता हर्षित ठाकुर भी पीड़ित किसानों के साथ जमीन पर बैठ गए. उनका कहना है कि जिला प्रशासन ने सर्वे सही तरीके से नहीं किया. किसानों को मुआवजा राशि के एवज में केवल 7 से 35 हजार मिले हैं, जबकि भाजपा सरकार किसान हितेषी होने का ढोंग करती है. मुआवजा के नाम पर किसानों से मजाक किया गया है, हम किसानों के साथ है.
मुआवजा वापस करने को तैयार किसान
किसान ओमराज बावस्कर ने बताया कि हमारा 50% नुकसान हुआ है, लेकिन हमें 7 से लेकर 35 हजार तक का मुआवजा दिया है, जोकि अनुचित है. हमने विरोध स्वरूप कलेक्ट्रेट कार्यालय पर धरना दिया. हम मुआवजा लौटने को तैयार हैं. इतने मुआवजा में खेतों की सफाई की मजदूरी तक निकल पा रही है. इससे अच्छा है कि हम सरकार को मुआवजा लौटा दें. अपर कलेक्टर अशोक कुमार जाधव ने कहा कि विगत दिनों आई आंधी तूफान से हुए किसानों के नुकसान का सही तरीके से मुआवजा नहीं मिलने के कारण किसान आए थे. उनकी समस्या सुनी है, अब इसकी जांच कराएंगे.