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टूटी फूटी सड़क देख एंबुलेंस चालक ने खड़े किए हाथ, मरीज को खाट पर लिटा परिजन 1 KM पैदल चले - Burhanpur Patient Carrying On Cot - BURHANPUR PATIENT CARRYING ON COT

बुरहानपुर के माफी फालिया गांव में स्वास्थ्य सेवाओं के अच्छे दावे लगातार विफल हो रहे हैं. स्थिति यह है कि इस गांव में सड़कें इतनी खराब हैं कि एंबुलेंस गांव में नहीं पहुंचती है. ग्रामीण खाट और बैलगाड़ी के जरिये अस्पताल जाने को मजबूर हैं. ऐसा मामला फिर सामने आया. फालिया गांव में गंभीर घायल को लेने आई एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी. परिजन घाट पर मरीज को लेटाकर 1 किलोमीटर चलकर एंबुलेंस तक पहुंचे.

ambulance not reach village
घाट पर लेटाकर परिजन एक किलोमीटर तक पैदल चले (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 29, 2024, 10:58 AM IST

Updated : Jun 29, 2024, 12:56 PM IST

बुरहानपुर। जिला मुख्यालय से 45 किमी दूर आदिवासी बाहुल्य धूलकोट के माफी फालिया से शुक्रवार को मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल दित्तू पिता वेस्ता को परिजन खटिया के सहारे कांधे पर लाद कर मुख्य मार्ग तक लाये. इसके बाद घायल दितु को करीब डेढ़ घंटे की देरी से एम्बुलेंस के माध्यम से धुलकोट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया. इस घटना से सरकार के बेहतर मूलभूत सुविधाओं के बेहतर दावों की पोल खुल गई है.

मरीज को लेने गांव तक नहीं पहुंची एंबुलेंस (Etv Bharat)

गांव तक पहुंचने वाली सड़क खस्ताहाल

ग्रामीण भीम सिंह का कहना है कि, ''माफी फालिया में करीब 40 घर बनाए गए हैं, यह फालिया मुख्य मार्ग से करीब एक किमी दूर है. गांव तक पहुंचने वाला कच्चा मार्ग बरसात के दिनों में बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो जाता है, इससे मार्ग पूरी तरह खस्ताहाल हो जाता है. ग्रामीणों का पैदल चलना भी दूभर हो जाता है. लोग किसी तरह बाइक और बैलगाड़ी निकालते हैं.''

गांव में नहीं पहुंची एंबुलेंस, खाट से ले गए परिजन

प्राप्त जानकारी के मुताबिक दित्तू पुत्र वेस्ता गांव के पास ही बाइक फिसलने से गंभीर रूप से घायल हो गया था. सूचना मिलने पर ग्रामीणों ने एंबुलेंस 108 को फोन लगाया. एंबुलेंस तो समय से पहुंच गई, लेकिन मार्ग की हालत देख कर चालक ने वाहन आगे ले जाने से इनकार कर दिया. बाद में ग्रामीण एक घर से खटिया लाए, घायल दित्तू को उस पर लिटाकर कांधे पर उठाया और मुख्य मार्ग में खड़ी एंबुलेंस तक पहुंचाया.

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मूलभूत सुविधाओं से वंचित ग्रामीण

बता दें कि, बरसात के मौसम में आदिवासी गांव माफी फालिया में पहुंचने वाले कच्चे मार्ग खराब होने से यहां पर एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती है. ऐसे में अगर फालिया में किसी महिला को प्रसव पीड़ा हो, कोई मरीज गंभीर रूप से बीमार हो या फिर कोई व्यक्ति दुर्घटना में घायल हो जाए तो ऐसे मरीजों को मुख्य मार्ग तक खटिया बैलगाड़ी आदि साधनों से ले जाया जाता है. ऐसा ही एक और मामला धुलकोट के माफी फालिया से सामने आया है. यहां घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाने के लिए 108 एंबुलेंस को फोन किया. एंबुलेंस वाहन तो समय पर पहूंच गया लेकिन आगे सड़क मार्ग खराब होने से वाहन आगे नहीं जा सका. ऐसे मे घायल व्यक्ति के परिजन खटिया पर लिटाकर एक किमी तक मुख्य सड़क मार्ग तक ले गए, फिर एंबुलेंस वाहन से उसे अस्पताल पहूंचाया गया. धुलकोट के माफी फालिया में पूर्व में इस प्रकार के मामले सामने आ चुके हैं.

बुरहानपुर। जिला मुख्यालय से 45 किमी दूर आदिवासी बाहुल्य धूलकोट के माफी फालिया से शुक्रवार को मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल दित्तू पिता वेस्ता को परिजन खटिया के सहारे कांधे पर लाद कर मुख्य मार्ग तक लाये. इसके बाद घायल दितु को करीब डेढ़ घंटे की देरी से एम्बुलेंस के माध्यम से धुलकोट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया. इस घटना से सरकार के बेहतर मूलभूत सुविधाओं के बेहतर दावों की पोल खुल गई है.

मरीज को लेने गांव तक नहीं पहुंची एंबुलेंस (Etv Bharat)

गांव तक पहुंचने वाली सड़क खस्ताहाल

ग्रामीण भीम सिंह का कहना है कि, ''माफी फालिया में करीब 40 घर बनाए गए हैं, यह फालिया मुख्य मार्ग से करीब एक किमी दूर है. गांव तक पहुंचने वाला कच्चा मार्ग बरसात के दिनों में बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो जाता है, इससे मार्ग पूरी तरह खस्ताहाल हो जाता है. ग्रामीणों का पैदल चलना भी दूभर हो जाता है. लोग किसी तरह बाइक और बैलगाड़ी निकालते हैं.''

गांव में नहीं पहुंची एंबुलेंस, खाट से ले गए परिजन

प्राप्त जानकारी के मुताबिक दित्तू पुत्र वेस्ता गांव के पास ही बाइक फिसलने से गंभीर रूप से घायल हो गया था. सूचना मिलने पर ग्रामीणों ने एंबुलेंस 108 को फोन लगाया. एंबुलेंस तो समय से पहुंच गई, लेकिन मार्ग की हालत देख कर चालक ने वाहन आगे ले जाने से इनकार कर दिया. बाद में ग्रामीण एक घर से खटिया लाए, घायल दित्तू को उस पर लिटाकर कांधे पर उठाया और मुख्य मार्ग में खड़ी एंबुलेंस तक पहुंचाया.

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बता दें कि, बरसात के मौसम में आदिवासी गांव माफी फालिया में पहुंचने वाले कच्चे मार्ग खराब होने से यहां पर एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती है. ऐसे में अगर फालिया में किसी महिला को प्रसव पीड़ा हो, कोई मरीज गंभीर रूप से बीमार हो या फिर कोई व्यक्ति दुर्घटना में घायल हो जाए तो ऐसे मरीजों को मुख्य मार्ग तक खटिया बैलगाड़ी आदि साधनों से ले जाया जाता है. ऐसा ही एक और मामला धुलकोट के माफी फालिया से सामने आया है. यहां घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाने के लिए 108 एंबुलेंस को फोन किया. एंबुलेंस वाहन तो समय पर पहूंच गया लेकिन आगे सड़क मार्ग खराब होने से वाहन आगे नहीं जा सका. ऐसे मे घायल व्यक्ति के परिजन खटिया पर लिटाकर एक किमी तक मुख्य सड़क मार्ग तक ले गए, फिर एंबुलेंस वाहन से उसे अस्पताल पहूंचाया गया. धुलकोट के माफी फालिया में पूर्व में इस प्रकार के मामले सामने आ चुके हैं.

Last Updated : Jun 29, 2024, 12:56 PM IST
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