बुरहानपुर। जिले के एक स्कूल मे एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने हंगामा खड़ा कर दिया. केवल 8वीं तक की मान्यता होने के बाद 12वीं तक स्कूल चलाने की सूचना पर एबीवीपी कार्यकर्ता स्कूल में पहुंचे थे. उन्होंने स्कूल प्रबंधक पर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया और उनसे मिलना चाहा लेकिन प्रबंधक के मिलने से इंकार के बाद वे हंगामा करने लगे. बात धक्का-मुक्की तक पहुंच गई. इसके बाद दोनों पक्ष ने एक दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.
मान्यता के उपर तक की कक्षाएं चलाने का आरोप
मामला लालबाग थाना क्षेत्र पातोंडा गांव रोड पर स्थित अचीवर्स नेक्स्ट बुरहानपुर एकेडमी स्कूल का है. एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को जानकारी मिली थी कि इस स्कूल में 12वीं तक की पढ़ाई होती है जबकि मान्यता सिर्फ 8वीं तक की है. बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इस बात को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता स्कूल पहुंच गएं. कार्यकर्ताओं ने मामले को लेकर स्कूल प्रबंधक और प्रिंसिपल से मिलना चाहा तो दोनों ने मिलने से मना कर दिया. इसके बाद एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरु कर दिया. इस बीच कार्यकर्ताओं और स्कूल स्टाफ के बीच धक्का-मुक्की भी हो गई.
विवाद से घबराकर एक शिक्षिका बेहोश हो गई
एबीवीपी की कार्यकर्ता ज्ञानेश्वरी ठाकुर ने आरोप लगाया है कि, 'स्कूल संचालक उन्हें पिटवाने के लिए बाहर से बदमाश बुलाए थे.' इसके अलावा विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि स्कूल में कोचिंग का भी संंचालन किया जा रहा है जो नियमों के खिलाफ है. उन्होंने यह भी कहा कि जब वे लालबाग थाने एफआईआर कराने पहुंचें तो संचालक ने नेताओं से फोन कराकर एफआईआर ना लिखने का दबाव बनाया. जिसके विरोध में काफी देर तक विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता थाना परिसर में नीचे बैठे रहें. स्कूल संचालक समीर गुप्ता का कहना है कि, 'एबीवीपी कार्यकर्ता स्टाफ से अभद्रता कर रहे थे.' प्राचार्य दीपा गुप्ता का कहना है कि, 'उनका एक कार्यकर्ता शराब के नशे में धुत होकर स्कूल पहुंचा था. विवाद से घबराकर एक शिक्षिका बेहोश हो गई.'
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प्रबंधक के खिलाफ दूसरे भी आरोप
जानकारी के मुताबिक बीते साल तक अचीवर्स नेक्स्ट स्कूल की प्राचार्य दीपा गुप्ता और संचालक समीर गुप्ता इंदिरा कालोनी में एक निजी स्कूल का संचालन कर रहे थे. अनुबंध समाप्त होने पर उनसे स्कूल वापस ले लिया गया. इस निजी स्कूल के मौजूदा प्रबंधन ने भी उनके खिलाफ पुराने विद्यार्थियों को अपने नए स्कूल में ट्रांसफर कराने का आरोप लगाया है. इस मामले की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से की गई है.