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बूंदी नगर परिषद की सभापति मधु नुवाल पार्षद व सभापति पद से निलम्बित, पद का दुरुपयोग का लगा आरोप - Bundi Municipal Council

बूंदी नगर परिषद की सभापति मधु नुवाल को पद का दुरुपयोग कर कर्मचारियों की मिलीभगत से सरकारी जमीन पर कब्जा करने व अतिक्रमण कर अनुचित लाभ लेने से सम्बंधित प्रकरण में दोषी पाया गया है. ऐसे में उनको पार्षद और सभापति दोनों पदों से निलंबित किया गया है.

BUNDI MUNICIPAL COUNCIL
बूंदी नगर परिषद की सभापति निलंबित (ETV bharat BUNDI)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 29, 2024, 7:36 PM IST

बूंदी : राजस्थान स्वायत्त शासन विभाग ने नगर परिषद बूंदी की सभापति मधु नुवाल को पद का दुरुपयोग का दोषी मानकर पार्षद और सभापति दोनों पद से निलंबित कर दिया है. उन पर कर्मचारियों की मिली भगत ससरकारी जमीन पर कब्जा करने और अतिक्रमण कर अनुचित लाभ लेने का आरोप है. ऐसे में प्रथम दृष्टया जांच में वो दोषी पाई गई हैं. स्वायत्त शासन विभाग राजस्थान के निदेशक एवं संयुक्त सचिव ने यह आदेश जारी किया है. उल्लेखनीय है कि सभापति मधु नुवाल ही नहीं, उनके परिवारजन भी उनके पद की आड़ में बड़े-बड़े भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हुए हैं.

गुरुवार को स्वास्थ्य शासन विभाग निदेशक एवं संयुक्त सचिव नरेश कुमार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभापति की ओर से पद का दुरुपयोग कर सरकारी जमीन पर कब्जा करने व अतिक्रमण कर अनुचित लाभ लेने से सम्बंधित शिकायत मिली थी, जिसकी जांच स्थानीय निकाय विभाग कोटा के उपनिदेशक से करवाई गई. डीडीआर कोटा की ओर से भेजी गई जांच रिपोर्ट में प्रथम दृष्ट्या मधु नुवाल दोषी पाई गईं हैं.

इसे भी पढ़ें : राजसमंद : फर्जी पट्‌टा बनाने के आरोप में सभापति सहित 10 पर एफआईआर - fake patta

आदेश में कहा गया कि राज्य सरकार की ओर से मधु नुवाल के विरुद्ध राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (3) के तहत उपरोक्त प्रकरण की न्यायिक जांच करवाने का निर्णय लिया जाकर, प्रकरण को न्यायिक जांच के लिए विधि विभाग को भेजा जा चुका है. विभाग ने माना है कि मधु नुवाल पद पर रहते न्यायिक जांच को प्रभावित कर सकतीं हैं. ऐसे में उनको पार्षद और सभापति दोनों पदों से निलंबित किया गया है.

बूंदी : राजस्थान स्वायत्त शासन विभाग ने नगर परिषद बूंदी की सभापति मधु नुवाल को पद का दुरुपयोग का दोषी मानकर पार्षद और सभापति दोनों पद से निलंबित कर दिया है. उन पर कर्मचारियों की मिली भगत ससरकारी जमीन पर कब्जा करने और अतिक्रमण कर अनुचित लाभ लेने का आरोप है. ऐसे में प्रथम दृष्टया जांच में वो दोषी पाई गई हैं. स्वायत्त शासन विभाग राजस्थान के निदेशक एवं संयुक्त सचिव ने यह आदेश जारी किया है. उल्लेखनीय है कि सभापति मधु नुवाल ही नहीं, उनके परिवारजन भी उनके पद की आड़ में बड़े-बड़े भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हुए हैं.

गुरुवार को स्वास्थ्य शासन विभाग निदेशक एवं संयुक्त सचिव नरेश कुमार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभापति की ओर से पद का दुरुपयोग कर सरकारी जमीन पर कब्जा करने व अतिक्रमण कर अनुचित लाभ लेने से सम्बंधित शिकायत मिली थी, जिसकी जांच स्थानीय निकाय विभाग कोटा के उपनिदेशक से करवाई गई. डीडीआर कोटा की ओर से भेजी गई जांच रिपोर्ट में प्रथम दृष्ट्या मधु नुवाल दोषी पाई गईं हैं.

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आदेश में कहा गया कि राज्य सरकार की ओर से मधु नुवाल के विरुद्ध राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (3) के तहत उपरोक्त प्रकरण की न्यायिक जांच करवाने का निर्णय लिया जाकर, प्रकरण को न्यायिक जांच के लिए विधि विभाग को भेजा जा चुका है. विभाग ने माना है कि मधु नुवाल पद पर रहते न्यायिक जांच को प्रभावित कर सकतीं हैं. ऐसे में उनको पार्षद और सभापति दोनों पदों से निलंबित किया गया है.

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