जोधपुर. राज्य विधानसभा में गुरुवार को शून्यकाल में विधायक हरिमोहन शर्मा की ओर से कोटा में कांग्रेस के नेताओं के प्रदर्शन के बाद उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों का मामला उठाया गया. जिस पर काफी हंगामा हुआ. विपक्ष ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. हंगामे के बीच विधासभा अध्यक्ष शून्यकाल की कार्यवाही चलाते रहे, लेकिन आखिरकार विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने आधे घंटे के लिए कार्रवाई स्थगित कर दी.
इससे पहले शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि राज्य की जनसमस्याओं को लेकर हमने प्रदर्शन किया था. उस समय प्रदेश में बिजली-पानी की स्थिति कितनी बुरी है, यह सब जानते हैं. इसके लिए कांग्रेस ने कोटा में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करते हुए प्रदर्शन किया गया. सबकुछ शांतिपूर्वक आयोजित हो रहा था, लेकिन प्रशासन ने इसके बाद हमारे नेताओं पर आक्रामक भाषण देने का आरोप लगाते हुए मुकदमे दर्ज किए. शर्मा ने कहा कि राज कार्य में बाधा सरकार के खिलाफ बगावत करने की धाराओं में मामला दर्ज कर दिया गया. जब प्रहलाद गुंजल का नाम नहीं आया तो उनको उलझाने के लिए नया मामला दर्ज कर दिया गया. जबकि लोकतंत्र में विरोध-प्रदर्शन करना हमारा अधिकार है. जनसमस्याओं के लिए लड़ने पर प्रशासन राजनीतिक दबाव में मामला दर्ज करता है तो यह हमारे अधिकारों का हनन है.
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उल्लेखनीय है कि 23 जून को कांग्रेस ने कोटा में प्रदर्शन किया था, जिसमें कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित कई नेताओं ने कोटा रेंज आईजी रविदत्त गौड के खिलाफ बयानबाजी की थी. जिसके बाद मुकदमे दर्ज हुए थे.
जवाब दिलाने पर अड़ा विपक्ष : हरिमोहन शर्मा लगातार बोलते रहे तो अध्यक्ष ने उनका माइक बंद करवाते हुए उन्हें बैठने को कहा, लेकिन वे नहीं बैठे. इस दौरान प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली ने बोलना शुरू कर दिया. उन्होंने इस पर मंत्री से जवाब दिलाने की मांग की, लेकिन अध्यक्ष ने अगला नाम पुकार लिया. इस दौरान विपक्ष के लोग पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे और वेल में आ गए. तब विधानसभा को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया. इससे पहले चित्तोड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह ने डोडा चूरी का मामला उठाया. साथ ही पर्ची के माध्यम बारां विधायक ने अस्पताल में हार्ट व न्यूरो के डॉक्टर लगाने की मांग रखी.