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वन विभाग बूंदी का रेंजर निलंबित, अवैध खनन माफियाओं से सांठगांठ का आरोप...मंत्री के निर्देश पर हुई थी जांच

आरवीटीआर के बफर क्षेत्र में अवैध खनन के मामले में वन विभाग के रेंजर की ओर से फोरी कार्रवाई की गई. रेंजर पर माफियाओं से मिलीभगत का आरोप लगा है. इसी के तहत वन विभाग ने रेंजर को निलंबित कर दिया.

Bundi Forest Department
वन विभाग बूंदी का रेंजर निलंबित
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 8, 2024, 9:56 AM IST

बूंदी. भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत वन विभाग ने एक रेंजर को निलंबित कर दिया है. मामला बूंदी जिले के डाबी एरिया में अवैध खनन से जुड़ा हुआ है. इस मामले में रेंजर पर अवैध खान माफिया से सांठगांठ का आरोप लगा है. आरोप था कि अवैध खनन माफियाओं की जब्त करोड़ों रुपए की मशीनरी को सामान्य जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया था. मामला मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बीच में बने टाइगर कॉरिडोर वन क्षेत्र का है.

बूंदी के उपवन संरक्षक तरुण मेहरा ने बताया कि रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व व मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के बीच कॉरिडोर में आरवीटीआर (रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व) का बफर क्षेत्र है. यह क्षेत्र डाबी रेंज बूंदी के धनेश्वर वनखंड में कुंवरपुर के वन क्षेत्र से संबद्ध रखता है. यहां बीते 3 महीने से भारी अवैध खनन हो रहा था. इस अवैध खनन के जरिए वाइल्डलाइफ कॉरिडोर को नष्ट किया जा रहा था. इसमें अवैध खनन माफिया और वन विभाग के कार्मिकों की मिली भगत थी, जबकि वन विभाग के कार्मिकों पर ही रखवाली की जिम्मेदारी होती है.

इसे भी पढ़ें : राजस्थान हाईकोर्ट ने मंडोर पहाड़ियों में वन भूमि पर अतिक्रमण को लेकर मांगा हलफनामा

रेंजर पर लगे ये आरोप : डीसीएफ मेहरा ने बताया कि इस मामले में 26 अक्टूबर 2023 को बिना किसी केस डायरी के महज एफओआर काटकर 2 लाख का जुर्माना लिया गया, जबकि इस इलाके में भारी अवैध खनन हुआ था. वहीं, 23 जनवरी 2024 को तहसीलदार और खनन विभाग की जॉइंट कार्रवाई में 4 करोड़ रुपए की मशीनरी इस इलाके से जब्त की गई थी. इनमें डंपर, दो हाइड्रा क्रेन, ट्रैक्टर और कंप्रेसर शामिल हैं. तहसीलदार और खनन विभाग की टीम ने इसे डाबी रेंज के वनकर्मियों को सुपुर्द किया था, लेकिन 22 फरवरी 2024 को यहां से स्थानांतरण होने के बावजूद भी रेंजर संजय शर्मा ने महज 7 लाख रुपए के जुर्माने के साथ इन वाहनों को खनन माफिया को सौंप दिया. जबकि यह काम उपवन संरक्षक के अधीन आता है.

वन मंत्री भी उठा चुके सवाल : बता दें कि वन मंत्री संजय शर्मा ने कोटा के दौरे पर बूंदी के डाबी क्षेत्र की वन भूमि पर नीले सेंड स्टोन की अवैध खनन का जिक्र भी कर चुके हैं. इसके बाद मुख्य वन संरक्षक कोटा आरके खैरवा की विस्तृत रिपोर्ट पर 'हॉफ' जयपुर ने क्षेत्रीय वन अधिकारी डाबी संजय शर्मा को वन अपराध में जब्त वाहनों को बगैर सक्षम स्वीकृति के छोड़ना अपने पद का दुरुपयोग माना है. इसके तहत अब राजस्थान के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) मुनीश गर्ग ने राजस्थान सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस नीति के तहत रेंजर संजय शर्मा को निलम्बित कर दिया.

बूंदी. भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत वन विभाग ने एक रेंजर को निलंबित कर दिया है. मामला बूंदी जिले के डाबी एरिया में अवैध खनन से जुड़ा हुआ है. इस मामले में रेंजर पर अवैध खान माफिया से सांठगांठ का आरोप लगा है. आरोप था कि अवैध खनन माफियाओं की जब्त करोड़ों रुपए की मशीनरी को सामान्य जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया था. मामला मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बीच में बने टाइगर कॉरिडोर वन क्षेत्र का है.

बूंदी के उपवन संरक्षक तरुण मेहरा ने बताया कि रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व व मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के बीच कॉरिडोर में आरवीटीआर (रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व) का बफर क्षेत्र है. यह क्षेत्र डाबी रेंज बूंदी के धनेश्वर वनखंड में कुंवरपुर के वन क्षेत्र से संबद्ध रखता है. यहां बीते 3 महीने से भारी अवैध खनन हो रहा था. इस अवैध खनन के जरिए वाइल्डलाइफ कॉरिडोर को नष्ट किया जा रहा था. इसमें अवैध खनन माफिया और वन विभाग के कार्मिकों की मिली भगत थी, जबकि वन विभाग के कार्मिकों पर ही रखवाली की जिम्मेदारी होती है.

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रेंजर पर लगे ये आरोप : डीसीएफ मेहरा ने बताया कि इस मामले में 26 अक्टूबर 2023 को बिना किसी केस डायरी के महज एफओआर काटकर 2 लाख का जुर्माना लिया गया, जबकि इस इलाके में भारी अवैध खनन हुआ था. वहीं, 23 जनवरी 2024 को तहसीलदार और खनन विभाग की जॉइंट कार्रवाई में 4 करोड़ रुपए की मशीनरी इस इलाके से जब्त की गई थी. इनमें डंपर, दो हाइड्रा क्रेन, ट्रैक्टर और कंप्रेसर शामिल हैं. तहसीलदार और खनन विभाग की टीम ने इसे डाबी रेंज के वनकर्मियों को सुपुर्द किया था, लेकिन 22 फरवरी 2024 को यहां से स्थानांतरण होने के बावजूद भी रेंजर संजय शर्मा ने महज 7 लाख रुपए के जुर्माने के साथ इन वाहनों को खनन माफिया को सौंप दिया. जबकि यह काम उपवन संरक्षक के अधीन आता है.

वन मंत्री भी उठा चुके सवाल : बता दें कि वन मंत्री संजय शर्मा ने कोटा के दौरे पर बूंदी के डाबी क्षेत्र की वन भूमि पर नीले सेंड स्टोन की अवैध खनन का जिक्र भी कर चुके हैं. इसके बाद मुख्य वन संरक्षक कोटा आरके खैरवा की विस्तृत रिपोर्ट पर 'हॉफ' जयपुर ने क्षेत्रीय वन अधिकारी डाबी संजय शर्मा को वन अपराध में जब्त वाहनों को बगैर सक्षम स्वीकृति के छोड़ना अपने पद का दुरुपयोग माना है. इसके तहत अब राजस्थान के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) मुनीश गर्ग ने राजस्थान सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस नीति के तहत रेंजर संजय शर्मा को निलम्बित कर दिया.

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