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29.12 लाख की ठगी का शातिर आरोपी गिरफ्तार, इन्वेस्टमेंट पेज का लिंक भेजकर जाल में फंसाया - Cyber Thug Arrested - CYBER THUG ARRESTED

बूंदी की साइबर थाना पुलिस ने इन्वेस्ट करने के बहाने ठगी करने वाले शातिर ठग को गिरफ्तार किया है. शातिर ठग ने पीड़ित को ऑनलाइन लिंक भेजकर एप्लिकेशन डाउनलोड करवाकर 29 लाख 12 हजार रुपए की ठगी की थी. इस मामले में पुलिस ने अकाउंट फ्रीज कर आरोपी को पकड़ा है.

CYBER THUG ARRESTED
ठगी का शातिर आरोपी गिरफ्तार
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 21, 2024, 1:22 PM IST

बूंदी. साइबर थाना पुलिस ने इन्वेस्ट करने के बहाने ठगी करने वाले शातिर ठग को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने AXIS AGENCY APPLICATION डाउनलोड करवाकर पीड़ित को अपने जाल में फंसाया और फिर एक ग्रुप का एडमिन बनाकर इन्वेस्ट करने का लालच दिया. शातिर ठग ने पीड़ित को ऑनलाइन लिंक भेजकर एप्लिकेशन डाउनलोड करवाकर 29 लाख 12 हजार रुपए की ठगी की थी. इस मामले में पुलिस ने अकाउंट फ्रीज कर आरोपी को पकड़ा है.

एसपी हनुमान प्रसाद मीणा ने बताया कि 23 मार्च को फरियादी आशीष साहू ने साइबर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 22 फरवरी को फेसबुक एप से इन्वेस्टमेंट पेज के नाम से लिंक क्लिक करने पर उसने एक वॉट्सऐप ग्रुप ज्वाइन किया. इसमें आरोपी ने उसे ग्रुप एडमिन बनाया. फिर मोबाइल नम्बर 44786727445 से उसके वॉट्सऐप नम्बर पर एक लिंक भेजकर एक्सीक एजेन्सी एप्लीकेशन डाउनलोड करवाया गया. इस पर उसने उसका खाता बनाया और इन्वेस्ट करने को कहा. उसने प्रलोभन में आकर अलग-अलग तारीख में करीब 29 लाख 12 हजार रुपए की राशि उस खाते में डाल दी. बाद में उसे साइबर ठगी का अहसास हुआ. इस मामले को दर्ज कर साइबर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी के खातों को फ्रिज कर ठगी की रकम को होल्ड करवाया. बाद में पुलिस टीम ने आरोपी तोफिक खान पुत्र दीनुखान निवासी सहसन पुलिस थाना जुरहेरा जिला डीग की लोकेशन ट्रेस कर उसे गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है. वहीं इस ठगी के मामले में अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है.

इसे भी पढ़ें : ट्रेडिंग के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाली गैंग का पर्दाफाश, 3 आरोपी गिरफ्तार - Online Fraud Case

पूछताछ में आरोपी से साइबर ठगी से संबंधित कई बड़ी वारदातों के खुलासे की संभावना है. इस मामले का खुलासा करने में साइबर थाने के हेड कॉन्स्टेबल मुकेनदर पाल की विशेष भूमिका रही. बूंदी पुलिस ने आमजन से अपील की है कि -

  • साइबर काइम फ्रॉड की घटना होने पर 1930 पर कॉल /cybercrime.gov.in पर लॉगिन कर तुरन्त शिकायत दर्ज कराएं.
  • ओटीपी/पिन/सीवीवी नंबर शेयर नहीं करें.
  • ऑनलाईन अकाउन्ट्स / नेटबैंकिग के Alphanumeric special character के साथ complex पासवर्ड रखें.
  • नाम/मोबाईल नंबर / जन्मतिथि को पासवर्ड नहीं बनाएं. लॉटरी/कैशबैक/रिफण्ड/जोब्स/गिफ्ट इत्यादि ऑनलाइन प्रलोभनों से सावधान रहें.
  • यूपीआई पिन व क्यूआर कोड स्कैन का प्रयोग केवल भुगतान करने के लिए किया जाता है, न कि धन राशि प्राप्त करने के लिए.
  • सोशल मीडिया अकाउन्ट्स पर Two step verification/Two factor authentication ऑन रखे.
  • कस्टमर केयर के नंबर कभी भी गुगल से सर्च नहीं करें, केवल आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त करें.
  • मोबाइल डिवाइस का GPS/ Bluetooth/ NFC/hotspot/WiFi आवश्यक होने पर ही ऑन रखे.
  • अनजान लोगों से प्राप्त होने वाली वीडियो कॉल रिसीव नहीं करें और ना ही फ्रेन्ड रिक्वेस्ट स्वीकार करें.
  • पब्लिक WiFi में ऑनलाइन शापिंग या बैंकिग ट्रांजेक्शन नहीं करे.
  • अनजान वयूआर कोड स्केन/लिंक पर क्लिक नहीं करें.
  • अनजान व्यक्ति के कहने पर Remote access Apk Anydesk, Teamviewer, Airdrop, Meadmin, Airminer इत्यादि एप्लिकेशन इन्स्टॉल या डाउनलोड नहीं करें.
  • Automatic forwarding एप्लीकेशन इन्स्टॉल या डाउनलोड नहीं करें.
  • Whatsapp, Instagram, facebook, truecaller की DP में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की वर्दी पहने फोटो या किसी परिचित व्यक्ति का फोटो दिखाई देने पर तत्काल विश्वास नहीं करें.
  • कोई भी लेनदेन करने से पूर्व परिचित व्यक्ति से कॉल कर सत्यापन करें.
  • ऑनलाइन सोशल साइट पर पर्सनल फोटो/वीडियो शेयर नहीं करें.
  • Like/review/ratings के नाम पर घर बैठे रुपए कमाने के लालच में नहीं आये और ना ही निवेश करें.
  • आरबीआई द्वारा स्वीकृत बैंकिंग / नॉन बैंकिंग वित्तीय सस्थानों के अधिकृत लॉन ऐप से ही लॉन लें.
  • धोखे से गलत व्यक्ति के खाते में यूपीआई से राशि ट्रांसफर होने पर www.npci.org.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें. ऐसा कर कर आप ऑनलाइन साइबर ठगी से बच सकते हैं.

बूंदी. साइबर थाना पुलिस ने इन्वेस्ट करने के बहाने ठगी करने वाले शातिर ठग को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने AXIS AGENCY APPLICATION डाउनलोड करवाकर पीड़ित को अपने जाल में फंसाया और फिर एक ग्रुप का एडमिन बनाकर इन्वेस्ट करने का लालच दिया. शातिर ठग ने पीड़ित को ऑनलाइन लिंक भेजकर एप्लिकेशन डाउनलोड करवाकर 29 लाख 12 हजार रुपए की ठगी की थी. इस मामले में पुलिस ने अकाउंट फ्रीज कर आरोपी को पकड़ा है.

एसपी हनुमान प्रसाद मीणा ने बताया कि 23 मार्च को फरियादी आशीष साहू ने साइबर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 22 फरवरी को फेसबुक एप से इन्वेस्टमेंट पेज के नाम से लिंक क्लिक करने पर उसने एक वॉट्सऐप ग्रुप ज्वाइन किया. इसमें आरोपी ने उसे ग्रुप एडमिन बनाया. फिर मोबाइल नम्बर 44786727445 से उसके वॉट्सऐप नम्बर पर एक लिंक भेजकर एक्सीक एजेन्सी एप्लीकेशन डाउनलोड करवाया गया. इस पर उसने उसका खाता बनाया और इन्वेस्ट करने को कहा. उसने प्रलोभन में आकर अलग-अलग तारीख में करीब 29 लाख 12 हजार रुपए की राशि उस खाते में डाल दी. बाद में उसे साइबर ठगी का अहसास हुआ. इस मामले को दर्ज कर साइबर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी के खातों को फ्रिज कर ठगी की रकम को होल्ड करवाया. बाद में पुलिस टीम ने आरोपी तोफिक खान पुत्र दीनुखान निवासी सहसन पुलिस थाना जुरहेरा जिला डीग की लोकेशन ट्रेस कर उसे गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है. वहीं इस ठगी के मामले में अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है.

इसे भी पढ़ें : ट्रेडिंग के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाली गैंग का पर्दाफाश, 3 आरोपी गिरफ्तार - Online Fraud Case

पूछताछ में आरोपी से साइबर ठगी से संबंधित कई बड़ी वारदातों के खुलासे की संभावना है. इस मामले का खुलासा करने में साइबर थाने के हेड कॉन्स्टेबल मुकेनदर पाल की विशेष भूमिका रही. बूंदी पुलिस ने आमजन से अपील की है कि -

  • साइबर काइम फ्रॉड की घटना होने पर 1930 पर कॉल /cybercrime.gov.in पर लॉगिन कर तुरन्त शिकायत दर्ज कराएं.
  • ओटीपी/पिन/सीवीवी नंबर शेयर नहीं करें.
  • ऑनलाईन अकाउन्ट्स / नेटबैंकिग के Alphanumeric special character के साथ complex पासवर्ड रखें.
  • नाम/मोबाईल नंबर / जन्मतिथि को पासवर्ड नहीं बनाएं. लॉटरी/कैशबैक/रिफण्ड/जोब्स/गिफ्ट इत्यादि ऑनलाइन प्रलोभनों से सावधान रहें.
  • यूपीआई पिन व क्यूआर कोड स्कैन का प्रयोग केवल भुगतान करने के लिए किया जाता है, न कि धन राशि प्राप्त करने के लिए.
  • सोशल मीडिया अकाउन्ट्स पर Two step verification/Two factor authentication ऑन रखे.
  • कस्टमर केयर के नंबर कभी भी गुगल से सर्च नहीं करें, केवल आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त करें.
  • मोबाइल डिवाइस का GPS/ Bluetooth/ NFC/hotspot/WiFi आवश्यक होने पर ही ऑन रखे.
  • अनजान लोगों से प्राप्त होने वाली वीडियो कॉल रिसीव नहीं करें और ना ही फ्रेन्ड रिक्वेस्ट स्वीकार करें.
  • पब्लिक WiFi में ऑनलाइन शापिंग या बैंकिग ट्रांजेक्शन नहीं करे.
  • अनजान वयूआर कोड स्केन/लिंक पर क्लिक नहीं करें.
  • अनजान व्यक्ति के कहने पर Remote access Apk Anydesk, Teamviewer, Airdrop, Meadmin, Airminer इत्यादि एप्लिकेशन इन्स्टॉल या डाउनलोड नहीं करें.
  • Automatic forwarding एप्लीकेशन इन्स्टॉल या डाउनलोड नहीं करें.
  • Whatsapp, Instagram, facebook, truecaller की DP में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की वर्दी पहने फोटो या किसी परिचित व्यक्ति का फोटो दिखाई देने पर तत्काल विश्वास नहीं करें.
  • कोई भी लेनदेन करने से पूर्व परिचित व्यक्ति से कॉल कर सत्यापन करें.
  • ऑनलाइन सोशल साइट पर पर्सनल फोटो/वीडियो शेयर नहीं करें.
  • Like/review/ratings के नाम पर घर बैठे रुपए कमाने के लालच में नहीं आये और ना ही निवेश करें.
  • आरबीआई द्वारा स्वीकृत बैंकिंग / नॉन बैंकिंग वित्तीय सस्थानों के अधिकृत लॉन ऐप से ही लॉन लें.
  • धोखे से गलत व्यक्ति के खाते में यूपीआई से राशि ट्रांसफर होने पर www.npci.org.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें. ऐसा कर कर आप ऑनलाइन साइबर ठगी से बच सकते हैं.
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