झांसी: बुंदेलखंड विवि और उससे संबद्ध महाविद्यालयों के विधि छात्र अधर में फंस गए हैं. विवि की प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित हो चुका है, लेकिन प्रवेश कब होंगे, कुछ पता नहीं चल रहा. बताया जा रहा है, कि बीयू को बार काउंसिल ऑफ इंडिया से कोर्स संचालित करने की स्वीकृति नहीं मिली है. जिसके कारण इस मामले में देरी हो रही है. यह स्वीकृति पिछली बार भी नहीं मिली थी. लेकिन, छात्रों से हलफनामा लेकर प्रवेश दे दिया गया था. अब सवाल यह भी उठता है, कि अगर स्वीकृति नहीं है, तो प्रवेश परीक्षा करायी क्यों जा रही है. कुल मिलाकर जो छात्र प्रवेश परीक्षा में पास हो चुके हैं, अब उनके पास इंतजार करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है.
बुंदेलखंड विवि के बाबू जगजीवन राम विधि विभाग में एलएलबी की 240 सीटें हैं. इसके अलावा बुंदेलखंड महाविद्यालय और उरई के बुंदेलखंड विधि महाविद्यालय की 240-240 सीटें हैं. कुछ प्राइवेट महाविद्यालय भी बीयू से संबद्धता के जरिए एलएलबी कोर्स संचालित करते हैं. इनमें प्रवेश के लिए बीयू प्रवेश परीक्षा कराता है, जोकि हो चुकी है. उसका परिणाम भी घोषित किया जा चुका है, जहां अन्य सभी कोर्स में प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है.
वहीं, एलएलबी छात्रों के प्रवेश को लेकर अभी तक विवि प्रशासन द्वारा कोई सूचना नहीं दी गई है. ऐसा इसलिए, क्योंकि एलएलबी कोर्स संचालित करने के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया से स्वीकृत लेनी पड़ती है, जो अभी तक मिल नहीं पायी है. पिछली बार वर्ष 2015 में 8 साल के लिए बार काउंसिल ने बीयू को स्वीकृति प्रदान की थी, जोकि वर्ष 2022 में
समाप्त हो गई.
पिछले वर्ष एलएलबी में प्रवेश के लिए बार काउंसिल से स्वीकृति मांगी गई थी, पर मिली नहीं थी. तब विवि प्रशासन दिसंबर तक इंतजार करता रहा और स्वीकृति न मिलने पर छात्रों से हलफनामा मांगा. इसमें छात्रों से लिखकर लिया गया कि यदि उनका प्रवेश निरस्त होता है, तो विवि की इसमें कोई जिम्मेदारी नहीं होगी. इस वर्ष भी बीयू को अभी तक बार काउंसिल से स्वीकृति नहीं मिल पायी है. इसलिए, इस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया है. ऐसे में प्रवेश परीक्षा पास कर चुके छात्र विवि की ओर से कोई निर्देश मिलने का इंतजार कर रहे हैं.
विवि के कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने बताया, कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया से अभी स्वीकृति नहीं मिली है. जल्द ही स्वीकृति मिलने की उम्मीद है. उसके बाद प्रवेश शुरू करा दिए जाएंगे.