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नक्सलियों के खौफ से बाहर निकला सारसाजोल गांव, लोग बढ़-चढ़कर कर रहे वोटिंग, 10 साल पहले पोलिंग पार्टी पर हुआ था हमला - Voting in Sarasajol village

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 1, 2024, 2:06 PM IST

Voting in Sarasajol village. दुमका के जिस सरसाजोल गांव में नक्सलियों ने 10 साल पहले विस्फोट कर सात मतदान कर्मियों की हत्या की थी, आज उस गांव में जबरदस्त वोटिंग हुई. लोग घटना को भुलकर विकास के लिए वोट कर रहे हैं.

Voting in Sarasajol village
मतदान के लिए लाइन में खड़े मतदाता (ईटीवी भारत)

दुमका: दुमका में आज लोकसभा चुनाव के लिए वोट डाले जा रहे हैं. मतदान का हाल जानने के लिए क्षेत्र भ्रमण के दौरान ईटीवी भारत की टीम शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र के सरसाजोल गांव के सुदूर इलाके में पहुंची, जहां 10 साल पहले लोकसभा चुनाव में जामकांदर बूथ से मतदान कर लौट रही पोलिंग पार्टी पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था और उनकी बस को बारूदी सुरंग विस्फोट कर उड़ा दिया था. उस घटना में सात मतदान कर्मी शहीद हो गए थे. जिसमें तीन पुलिसकर्मी थे.

पोलिंग बूथ से जानकारी देते संवाददाता मनोज केसरी (ईटीवी भारत)

आज जब हम उस गांव के बूथ पर पहुंचे तो नजारा बिल्कुल बदला हुआ था. बूथ पर मतदाताओं की लंबी कतार दिखी. हर कोई अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए लाइन में खड़ा था. लोग उन पुरानी यादों को भूलकर लोकतंत्र को मजबूत करने में लगे हुए थे.

वोटर बोले - अब बदल गए हालात

शिकारीपाड़ा के सरसाजोल के सरकारी स्कूल में बूथ संख्या 128 पर मतदान कर रहे ग्रामीणों से हमने बात की. उन्होंने बताया कि 10 साल पहले लोकसभा चुनाव के दिन हमारे गांव में नक्सली हमला हुआ था. जिसमें नक्सलियों ने वोट देकर लौट रहे मतदान कर्मियों की हत्या कर दी थी, लेकिन उस घटना के बाद सरकार और प्रशासन ने काफी मेहनत की. धीरे-धीरे हालात बदले और इलाके में शांति आ गई. अब डर का नामोनिशान नहीं है.

उन्होंने बताया कि यहां के लोग सामान्य जीवन जी रहे हैं. आज मतदान का दिन है, इसलिए हम लोग काफी उत्साह के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं. वोट देने के लिए कतार में खड़ी प्रिंसिला टुडू ने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे सांसद इस इलाके का विकास करें, क्योंकि यह काफी पिछड़ा हुआ है. यहां पीने के पानी तक की समस्या है. पीजी की छात्रा प्रिंसिला ने कहा कि रोजगार के अवसर बढ़ने चाहिए, ताकि युवा आत्मनिर्भर बन सकें.

यह भी पढ़ें: बारूद की गंध नहीं अब फिजाओं में घुल रही शहद की सोंधी महक, हथियार नहीं हेनार से पहचान बना रहा बूढ़ापहाड़! - Wild Honey Henar

यह भी पढ़ें: जिस चिलखारी में नक्सलियों ने ली थी 20 की जान, वहां जनप्रतिनिधियों से नाउम्मीदी के बीच लोगों ने किया खुलकर मतदान - Lok Sabha Election 2024

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पोलिंग बूथ से जानकारी देते संवाददाता मनोज केसरी (ईटीवी भारत)

आज जब हम उस गांव के बूथ पर पहुंचे तो नजारा बिल्कुल बदला हुआ था. बूथ पर मतदाताओं की लंबी कतार दिखी. हर कोई अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए लाइन में खड़ा था. लोग उन पुरानी यादों को भूलकर लोकतंत्र को मजबूत करने में लगे हुए थे.

वोटर बोले - अब बदल गए हालात

शिकारीपाड़ा के सरसाजोल के सरकारी स्कूल में बूथ संख्या 128 पर मतदान कर रहे ग्रामीणों से हमने बात की. उन्होंने बताया कि 10 साल पहले लोकसभा चुनाव के दिन हमारे गांव में नक्सली हमला हुआ था. जिसमें नक्सलियों ने वोट देकर लौट रहे मतदान कर्मियों की हत्या कर दी थी, लेकिन उस घटना के बाद सरकार और प्रशासन ने काफी मेहनत की. धीरे-धीरे हालात बदले और इलाके में शांति आ गई. अब डर का नामोनिशान नहीं है.

उन्होंने बताया कि यहां के लोग सामान्य जीवन जी रहे हैं. आज मतदान का दिन है, इसलिए हम लोग काफी उत्साह के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं. वोट देने के लिए कतार में खड़ी प्रिंसिला टुडू ने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे सांसद इस इलाके का विकास करें, क्योंकि यह काफी पिछड़ा हुआ है. यहां पीने के पानी तक की समस्या है. पीजी की छात्रा प्रिंसिला ने कहा कि रोजगार के अवसर बढ़ने चाहिए, ताकि युवा आत्मनिर्भर बन सकें.

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