पलामू: जिस इलाके में नक्सलियों के फरमान के बाद लोग वोट नहीं देने जाते थे उस इलाके में वोट देने के लिए लोगों की लंबी कतार लगी है. नक्सलियों के गढ़ में बंपर वोटिंग हुई है और सुबह से ही वोट देने के लिए लोगों की लंबी कतार लगी थी. पलामू लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कई ऐसे इलाके हैं जो नक्सलियों का गढ़ माने जाते है. उन इलाकों में कई बड़े नक्सली हमले हुए हैं. 2004, 2009 और 2014 के चुनाव में नक्सली हमले का लंबा इतिहास रहा है.
2009 के चुनाव में पलामू के नावाबाजार थाना क्षेत्र में मतदान केंद्र पर नक्सल हमला हुआ था. इस हमले में दो पुलिस जवान शहीद हुए थे जबकि कई जख्मी हुए थे. नक्सलियों ने वोटिंग में भाग लेने वाले जवानों पर रात आठ बजे से सुबह के चार बजे तक फायरिंग की थी. नावाबाजार मतदान केंद्र पर सोमवार को मतदाताओं की लंबी कतार लगी रही.
नया बाजार के मतदान केंद्र पर महिला और पुरुष लंबी कतार लगाकर वोट देने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते दिखे. नावाबाजार के ग्रामीण मुश्ताक अहमद ने बताया कि वोट देने को लेकर लोग उत्साहित हैं अब किसी प्रकार का कोई खौफ नहीं है. उप प्रमुख मीर खुर्शीद आलम ने बताया कि अब नक्सल का दौर खत्म हो चुका है वोट देने के लिए लोग उत्साहित है.
वोट बहिष्कार के पोस्टर वाले इलाके में भी लंबी कतार
लोकसभा चुनाव से पहले माओवादियों ने पलामू के हुसैनाबाद, नावाबाजार, हैदरनगर, पांडू, बिश्रामपुर के इलाके में वोट बहिष्कार का पोस्टर चिपकाए था. लेकिन इन इलाकों के बंपर वोटिंग हुई है. सुबह के नौ तक पूरे पलामू में 11.47 प्रतिशत मतदान हुआ था. हुसैनाबाद नावाबाजार, हैदरनगर, पांडू, बिश्रामपुर के इलाके में वोटिंग प्रतिशत 14 के करीब पहुंच गई थी. लोक बेखौफ होकर वोटिंग के लिए घर से बाहर निकले थे.
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