चूरू. एसआई भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी यूनिक उर्फ पंकज भांभू के भाई विवेक भांभू के मकान को चूरू नगर परिषद के आदेश पर सोमवार को ध्वस्त कर दिया गया. कार्रवाई के दौरान मौके पर भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. वहीं, नगर परिषद ने पुलिस की सिफारिश पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया. एसपी जय यादव के निर्देशन में पूनिया कॉलोनी स्थित आरोपी के अवैध मकान पर बुलडोजर चलाया गया. डीएसपी सुनील झाझड़िया ने बताया गया कि यूनिक उर्फ पंकज भांभू एसआई भर्ती परीक्षा 2021, जेईएन भर्ती परीक्षा 2021 सहित अन्य भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक कर 500 से अधिक लोगों की सरकारी नौकरी लगवा चुका है. वहीं, फिलहाल आरोपी फरार चल रहा है. ऐसे में एसओजी ने आरोपी यूनिक उर्फ पंकज भांभू पर एक लाख का इनाम घोषित किया है.
भांभू एसआई भर्ती परीक्षा पेपर लीक कर करीब 10 भर्तियों में फर्जीवाड़ा कर लोगों को नौकरी लगवा चुका है. यूनिक उर्फ पंकज भांभू पुत्र जगदीश जाट (36) निवासी पूनिया कॉलोनी चूरू का रहने वाला है. खुद नकल करके वनपाल पद पर नौकरी हासिल करने वाले यूनिक भांभू ने पत्नी, भाई और बुआ के दो बेटों को भी लाभ पहुंचाया. यह सरकारी नौकरियों में पिछले छह साल से फर्जीवाड़ा कर रहा था.
इसे भी पढ़ें - पेपर लीक में फाइनेंस मैनेजमेंट : अभ्यर्थियों को पेपर खरीदने को ब्याज पर रुपए देता था विश्नोई, अब चढ़ा एसओजी के हत्थे - SI Paper Leak
पुलिस ने 12 आरोपियों पर घोषित किया इनाम : पुलिस ने यूनिक उर्फ पंकज भांभू पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है. साथ ही आरोपी ओमप्रकाश ढाका पर 75 हजार, पोरव कालेर पर 50 हजार, हनुमान मीणा और शैतान राम विश्नोई पर 50 हजार, सम्मी उर्फ छम्मी विश्नोई पर 50 हजार, रिंकू और विनोद कुमार पर 50 हजार, भंवरलाल और दीपक राहड पर 25-25 हजार, वर्षा विश्नोई और सुनील बेनीवाल पर 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है. एसओजी ने इस मामले में 33 थानेदारों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से तीन ने चयन होने के बाद भी जॉइन नहीं किया था. गिरफ्तार अन्य 12 आरोपी गैंग के सक्रिय सदस्य हैं. अब फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मामले में और नए नाम सामने आ सकते हैं.
आरोपी पंकज भांभू पर 1 लाख का इनाम : आरोपी यूनिक उर्फ पंकज भांभू (36) ने 10 लाख रुपए देकर पेपर लीक करवाया था. हसनपुरा की रवीन्द्र बाल भारती स्कूल से एसआई भर्ती का पेपर चुराया गया था. इसके लिए स्कूल के कर्मचारी राजेश को 10 लाख रुपए दिए थे. पेपर चुराने के बाद गिरोह के सदस्य जगदीश विश्नोई को वाट्सऐप के माध्यम से पेपर भेजा गया. वहां से पेपर सॉल्व करने वाले हैंडर्स के पास पेपर को पहुंचा गया.
वहीं, एसओजी इस मामले की जांच में लगातार कार्रवाई कर रही है. इस मामले में कई ट्रेनी सब इंस्पेक्टरों को भी गिरफ्तार किया गया है. वहीं, पेपर लीककांड में बड़ी भूमिका निभाने वाले मास्टरमाइंड को पकड़ने के लिए एसओजी टीम लगातार कार्रवाई कर रही है, लेकिन इस खेल के बड़े खिलाड़ी जांच एजेंसी की जद से अब भी बाहर हैं. ऐसे में अब जांच एजेंसी ने इन सभी पर इनाम घोषित कर लोगों से मदद की अपील की है.
किसको कहां लगवाई नौकरी : आरोपी यूनिक उर्फ पंकज भांभू ने झुंझुनू निवासी बुआ के बेटे नवीन को बिजली विभाग में तकनीकी सहायक और दूसरे बेटे अनिल को ग्रेड थर्ड टीचर में लगवाया. उसके बाद आरोपी ने अपने भाई विवेक भांभू को फौज से रिटायरमेंट दिलवाकर एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में पास करवाया.
चूरू की पूनिया कॉलोनी निवासी एकता राहत और भूदा का बास मलसीसर के रोहिताश खींचड़ को भी एसआई भर्ती परीक्षा में पास करवाया. साथ ही मालीगांव के राकेश भांभू को एसआई भर्ती परीक्षा में 13वीं रैंक दिलाई. वहीं, अपनी पत्नी को सेकंड ग्रेड शिक्षिका बनवाया तो साला नरेंद्र व उसकी पत्नी को वनपाल बनवाया. इसके अलावा मौसी आंगनबाड़ी में महिला सुपरवाइजर हैं. मौसी के दोनों बेटे और चाचा मनीराम व उनके बेटे को नौकरी दिलवाई.
इनको भी यूनिक भांभू ने दिलाई नौकरी : चूरू के सुरेंद्र खराड़िया को पटवारी, उनकी बहन व पत्नी को महिला सुपरवाइजर, चूरू के गोपीराम के बेटे विजेंद्र को लैब असिस्टेंट, एएसपी ओमप्रकाश गोदारा के बेटे करणपाल को एसआई, अजमेर के रवि भाटी को पटवारी, चूरू के रमेश कालेर की पत्नी व भांजी को आंगनबाड़ी में महिला सुपरवाइजर, झुंझुनू के सत्यवीर सिंह को वनपाल, चूरू के श्रवण सिंह राठौड़, उदयपुरवाटी के दिनेश कुमार, बाटेड के नरेंद्र कुमार धतरवाल, शेखपुर के प्रदीप कुमार, अलसीसर के राजेश कुमार और बीनासर के सुरेंद्र कुमार पूनिया की भी नौकरी लगवाई.