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'बजट को लेकर हर 3 महीने पर ऑडिट हो', बोले पूर्व डीजीपी अभयानंद - बजट पर प्रतिक्रिया

सोमवार 12 फरवरी से बिहार विधान मंडल का सत्र शुरू हो रहा है जो 1 मार्च तक चलेगा. बजट सत्र के पहले दिन नई सरकार नीतीश कुमार और बीजेपी को अपना बहुमत साबित करेगा. बजट सत्र को लेकर आम से लेकर खास लोग उम्मीद पाल रखते हैं.

बजट प्रतिक्रिया
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 11, 2024, 6:50 PM IST

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पटना : इस बजट को लेकर नई सरकार से बिहार को कितना लाभ मिलेगा. ऐसे कई सवालों को लेकर हमने बिहार के सेवानिवृत डीजीपी अभयानंद से बात किया. उन्होंने कहा कि बिहार बजट पर अपने-अपने लोगों की सुझाव रहते. बजट में सोशल ऑडिट कम है. इंटरनल ऑडिट बहुत है. मेरा मानना है कि हर तीन महीने पर ऑडिट हो जिससे कि किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो इससे समाज को फायदा होगा. किस मध्य में कितना राशि मिला है उसे राशि का क्या कुछ हो रहा है . सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.

"साल में एक बार बजट पेश करने से नहीं बल्कि उसका ऑडिट होना बेहद जरूरी है. यही हम सरकार से रिक्वेस्ट करेंगे. हर 3 महीने पर सरकार ओपन ऑडिट करें. किस-किस प्रोजेक्ट में क्या-क्या काम हुआ कितना राशि बचा है उसे राशि का क्या हुआ इससे प्रोजेक्ट पूरा होगा और समाज को लाभ मिलेगा."- अभयानंद, सेवानिवृत डीजीपी

बजट से कोई उम्मीद नहीं : संजीव श्रीवास्तव ने कहा है कि मुझे बजट से कोई उम्मीद नहीं है. पिछले 5 साल में सरकार के बजट से किसको लाभ हुआ. मेरा मानना है कि सरकार हर 3 महीने में रिव्यू करें. बजट का पैसा खर्च हो रहा है या नही काम पूरा हो रहा है या नहीं .सपना तो सभी लोग देखते हैं लेकिन साल पूरा होते-होते समय निकल जाता है बीच का एक बड़ा गैप है इस पर बजट पर रिव्यू नहीं होता है .

"शिक्षा विभाग के लिए 5 साल में 52हजार करोड़ सरेंडर किया,52हजार करोड़ को बीच-बीच में अगर रिव्यू करते तो उस पैसा से बिहार के हर जिला में मेडिकल इंजीनियरिंग कॉलेज संस्थान खुल सकता था. यही नहीं पिछले 5 साल में 16,हजार 6सौ66 करोड़ पंचायती राज का सरेंडर किया गया .कृषि विभाग का 7,836 करोड़ सरेंडर किया है अगर इस विभाग का रिव्यू होता तो पूरे बिहार में मंदी और कोल्ड स्टोरेज से भरा होता और किसानों को लाभ मिलता." - संजीव श्रीवास्तव

बजट को लेकर है उम्मीद : संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि किसानों का जो समस्या था वह समाप्त हो जाता किसानों की आमदनी बढ़ती.उन्होंने कहा की नई सरकार के नए वित्त मंत्री आए हैं. बजट को लेकर उम्मीद है और गुहार भी है कि हर 3 महीने पर किस विभाग में कितना बजट प्रावधान किया गया उसका रिव्यू करें. जिससे कि आम से खास लोगों को लाभ मिले.

बिहार में उद्योग धंधे बढ़े ::सत्येंद्र नारायण सिंह ने कहा कि बिहार से बजट से ज्यादा केंद्र के बजट से लोगों को उम्मीद रहता है बिहार का बजट एक राज्य का बजट है लेकिन राज्य सरकार किस तरह से राज्य को विकसित बने इस मद में बजट पेश होनी चाहिए.सरकार से मेरा सुझाव है कि वास्तविक आधार पर बजट लाया जाए. रेवेन्यू जेनरेट कैसे हो सरकार को इस पर ध्यान रखकर बजट पेश करना होगा. बिहार राज्य में राजस्व की कमी है.

"बिहार को केंद्र सरकार पर आश्रित नहीं रहना पड़े इस मद में बजट पेश किया जाए. बिहार में उद्योग धंधे नहीं बढ़ेंगे तब तक बिहार को रेवेन्यू जेनरेट नहीं होगा. बिहार में कितने लोगों का रोजगार पैदा हो रहा है सरकार को वन टाइम प्रोग्राम पर फोकस करना होगा जिससे कि बिहार का राजस्व बाढ़ है और केंद्र पर आश्रित नहीं रहना पड़े." -सत्येंद्र नारायण सिंह

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