जयपुर. राजस्थान विधानसभा में बुधवार को भारत के नियंत्रक एवं महालेखाकार (कैग) की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी गई. जालोर विधायक छगन सिंह राजपुरोहित ने आकोली नदी में बजरी खनन, सादुलपुर विधायक मनोज कुमार ने बाईपास के लिए जमीन अवाप्ति के मुआवजे में गड़बड़ी और कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने अफोर्डेबल हाउसिंग योजना में गड़बड़ी का मामला उठाया.
मंत्री मंजू बाघमार ने सदन में भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) का 31 मार्च 2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए अनुपालन लेखा परीक्षा प्रतिवेदन और भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) का 31 मार्च 2023 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए राज्य वित्त लेखा परीक्षा प्रतिवेदन सदन में पेश किया. साथ ही भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) का 31 मार्च 2021 को समाप्त हुए वर्ष के लिए राजस्थान में उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना के नियंत्रण एवं निष्पादन लेखा परीक्षा प्रतिवेदन सदन में पेश किया.
आकोली नदी में बजरी खनन का मुद्दा गूंजा: ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए आहोर विधायक छगन सिंह राजपुरोहित ने आकोली नदी में बजरी खनन के खिलाफ 2022 में ग्रामीणों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस के लाठीचार्ज का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि बजरी के अवैध खनन के खिलाफ ग्रामीण सड़क से हटकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. वे खुद भी वहां पहुंचे थे. पुलिस ने ग्रामीणों पर लाठीचार्ज कर दिया. ग्रामीणों की प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई, जबकि थानाधिकारी की रिपोर्ट पर ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. मंत्री गजेंद्र सिंह ने कहा कि इस मामले की नए सिरे से उपाधीक्षक से जांच करवाई जा रही है. जांच में पुलिसकर्मी दोषी पाए जाते हैं तो उन पर भी कार्रवाई होगी.
जमीन के मुआवजे में गड़बड़ी का मामला: सादुलपुर विधायक मनोज कुमार ने जमीन अधिग्रहण के मुआवजे के मामले की जांच एसीबी से करवाने की मांग की. राजस्व मंत्री हेमंत मीणा ने जवाब दिया और कहा कि सिद्धमुख तहसीलदार को कलेक्टर ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. कलेक्टर की रिपोर्ट आने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. विधायक ने आरोप लगाया कि उच्चाधिकारियों ने तहसीलदार के खिलाफ गोलमोल जांच की है. उन्होंने मामले में कार्रवाई करने और जल्द बाईपास का काम शुरू करवाने की मांग की.
अफोर्डेबल हाउसिंग योजना में गड़बड़ी का मामला: कोटा (दक्षिण) विधायक संदीप शर्मा ने कोटा यूआईटी की अफोर्डेबल हाउसिंग योजना में अनियमितता का मुद्दा उठाया. नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि कोटा यूआईटी ने दो योजनाओं में 1580 आवास के लिए अनुबंध किया था. न्यास ने डवलपर को राशि का भुगतान नहीं किया है. बल्कि जमीन दी है. विधायक ने कहा कि अनुबंध के आधार पर 15 महीने में काम पूरा करना था. आज भी पूरे आवास नहीं बने हैं. मंत्री ने जवाब में कहा कि नियमों का उल्लंघन हुआ है तो कार्रवाई की जाएगी.