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दिल्ली: म्यूजिक कॉन्सर्ट के नकली टिकट बेचने के आरोप में बीटेक ड्रॉपआउट ठग गिरफ्तार - MAN HELD FOR SELLING FAKE TICKETS

दक्षिणी दिल्ली पुलिस ने प्रसिद्ध म्यूजिक कॉन्सर्ट का नकली टिकट बेचकर कई लोगों से लाखों रुपये की ठगी करने वाले युवक को गिरफ्तार किया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 16, 2024, 3:09 PM IST

नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली के साइबर थाना पुलिस ने एक बीटेक ड्रॉपआउट ठग को गिरफ्तार किया है. उसकी पहचान कौशिक राज उर्फ अंकित सिंह के रूप में हुई है. आरोपी दिल्ली में होने वाले दिलजीत दोसांझ के म्यूजिक कॉन्सर्ट की नकली टिकटें बेचकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहा था.

आरोपी ने एक व्यक्ति को 69 नकली टिकटें बेचकर उससे 4,76,870 रुपये ठग लिए थे. ठगी का खुलासा उस समय हुआ जब पीड़ित ने टिकटों की सत्यापन के लिए पेटीएम इनसाइडर की हेल्पलाइन से संपर्क किया. वहां उसे बताया गया कि टिकटें नकली हैं. इसके बाद पीड़ित ने साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

शिकायतकर्ता की कहानी: पीड़ित ने बताया कि वह दिल्ली में दिलजीत दोसांझ के आगामी संगीत कार्यक्रम के लिए टिकट खरीदने की कोशिश कर रहा था. इस दौरान उसके चंडीगढ़ के एक दोस्त ने उसे कौशिक राज के बारे में बताया, जिसने उसे टिकट दिलाने का आश्वासन दिया. आरोपी ने शुरुआत में ईमेल के माध्यम से कुछ पूरक टिकट भेजे और पीड़ित से पैसे लिए. उसके बाद, पीड़ित ने अपने परिवार और दोस्तों के लिए भी अतिरिक्त टिकट खरीदने का निर्णय लिया.

कुल मिलाकर, पीड़ित ने विभिन्न श्रेणियों के लिए 69 टिकटों की खरीद की, जिसका कुल मूल्य 4,76,870 रुपये था. जब शिकायतकर्ता ने इन टिकटों को सत्यापित करने का प्रयास किया, तब उसे असली टिकटों के बजाय नकली टिकटें मिलीं.

पुलिस की कार्रवाई: पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत जांच शुरू की. जांच टीम ने बैंक लेनदेन का विश्लेषण किया और ठगी की गई राशि से संबंधित एक बैंक खाता खोजा, जो आरोपी के नाम पर पंजीकृत था. इसके बाद पता चला कि 16 लेन-देन में से कार्यवाही की गई राशि 4,61,870 रुपये थी, जिसे आरोपी ने खुद के खर्चों के लिए उपयोग किया.

यह भी पढ़ें- डीएचएफएल फर्जीवाड़ा मामले में आरोपी कपिल वधावन की जमानत याचिका पर सीबीआई को हाईकोर्ट का नोटिस

पुलिस को मिली जानकारी के आधार पर आरोपी का स्थान बेंगलुरु में पाया गया. त्वरित कार्रवाई करते हुए एक टीम वहां भेजी गई. लेकिन आरोपी ने ट्रेन का सहारा लिया और गायब हो गया. अंततः पुलिस ने उसका स्थान ट्रैक करने में सफलता पाई और उसे निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया.

आरोपी की स्वीकार्यता: पूछताछ के दौरान कौशिक राज ने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया और बताया कि उसने लोगों को ठगी करने के लिए यह योजना बनाई थी. डीसीपी अंकित चौहान ने कहा कि यह गिरफ्तारी दिल्ली में ऑनलाइन ठगी की बढ़ती घटनाओं का एक उदाहरण है और पुलिस भविष्य में ऐसी घटनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है.

दक्षिणी दिल्ली साइबर पुलिस की इस सफलता ने एक बार फिर से यह साबित किया है कि वे समाज में अपराधियों पर नकेल कसने के लिए तत्पर हैं और जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. यह घटना लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता की याद दिलाती है, विशेष रूप से ऑनलाइन लेनदेन करते समय.

लुकाछिपी और ठगी के पैसे का उपयोग: गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने ठगी के पैसों का इस्तेमाल बेंगलुरु, गोवा और मुंबई के क्लबों में किया. इसके अलावा, उसने एक आईफोन और एक एप्पल वॉच भी खरीदी, जिसकी कीमत क्रमशः 1,35,000 रुपये और 50,000 रुपये थी.

यह भी पढ़ें- दिल्ली के शाहदरा में बुजुर्ग महिलाओं को ठगने वाले लिफाफा गैंग का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार

नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली के साइबर थाना पुलिस ने एक बीटेक ड्रॉपआउट ठग को गिरफ्तार किया है. उसकी पहचान कौशिक राज उर्फ अंकित सिंह के रूप में हुई है. आरोपी दिल्ली में होने वाले दिलजीत दोसांझ के म्यूजिक कॉन्सर्ट की नकली टिकटें बेचकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहा था.

आरोपी ने एक व्यक्ति को 69 नकली टिकटें बेचकर उससे 4,76,870 रुपये ठग लिए थे. ठगी का खुलासा उस समय हुआ जब पीड़ित ने टिकटों की सत्यापन के लिए पेटीएम इनसाइडर की हेल्पलाइन से संपर्क किया. वहां उसे बताया गया कि टिकटें नकली हैं. इसके बाद पीड़ित ने साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

शिकायतकर्ता की कहानी: पीड़ित ने बताया कि वह दिल्ली में दिलजीत दोसांझ के आगामी संगीत कार्यक्रम के लिए टिकट खरीदने की कोशिश कर रहा था. इस दौरान उसके चंडीगढ़ के एक दोस्त ने उसे कौशिक राज के बारे में बताया, जिसने उसे टिकट दिलाने का आश्वासन दिया. आरोपी ने शुरुआत में ईमेल के माध्यम से कुछ पूरक टिकट भेजे और पीड़ित से पैसे लिए. उसके बाद, पीड़ित ने अपने परिवार और दोस्तों के लिए भी अतिरिक्त टिकट खरीदने का निर्णय लिया.

कुल मिलाकर, पीड़ित ने विभिन्न श्रेणियों के लिए 69 टिकटों की खरीद की, जिसका कुल मूल्य 4,76,870 रुपये था. जब शिकायतकर्ता ने इन टिकटों को सत्यापित करने का प्रयास किया, तब उसे असली टिकटों के बजाय नकली टिकटें मिलीं.

पुलिस की कार्रवाई: पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत जांच शुरू की. जांच टीम ने बैंक लेनदेन का विश्लेषण किया और ठगी की गई राशि से संबंधित एक बैंक खाता खोजा, जो आरोपी के नाम पर पंजीकृत था. इसके बाद पता चला कि 16 लेन-देन में से कार्यवाही की गई राशि 4,61,870 रुपये थी, जिसे आरोपी ने खुद के खर्चों के लिए उपयोग किया.

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पुलिस को मिली जानकारी के आधार पर आरोपी का स्थान बेंगलुरु में पाया गया. त्वरित कार्रवाई करते हुए एक टीम वहां भेजी गई. लेकिन आरोपी ने ट्रेन का सहारा लिया और गायब हो गया. अंततः पुलिस ने उसका स्थान ट्रैक करने में सफलता पाई और उसे निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया.

आरोपी की स्वीकार्यता: पूछताछ के दौरान कौशिक राज ने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया और बताया कि उसने लोगों को ठगी करने के लिए यह योजना बनाई थी. डीसीपी अंकित चौहान ने कहा कि यह गिरफ्तारी दिल्ली में ऑनलाइन ठगी की बढ़ती घटनाओं का एक उदाहरण है और पुलिस भविष्य में ऐसी घटनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है.

दक्षिणी दिल्ली साइबर पुलिस की इस सफलता ने एक बार फिर से यह साबित किया है कि वे समाज में अपराधियों पर नकेल कसने के लिए तत्पर हैं और जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. यह घटना लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता की याद दिलाती है, विशेष रूप से ऑनलाइन लेनदेन करते समय.

लुकाछिपी और ठगी के पैसे का उपयोग: गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने ठगी के पैसों का इस्तेमाल बेंगलुरु, गोवा और मुंबई के क्लबों में किया. इसके अलावा, उसने एक आईफोन और एक एप्पल वॉच भी खरीदी, जिसकी कीमत क्रमशः 1,35,000 रुपये और 50,000 रुपये थी.

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