नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 के मुकाबले इस बार बीएसपी के वोट प्रतिशत में भी 0.38 फीसदी की गिरावट रिकॉर्ड की गई है. इस चुनाव में बीएसपी को सिर्फ 0.70 फीसदी वोट मिला है, जो एक फीसदी से भी कम है. हैरान करने वाली बात है कि जमानत जब्त होने से बचाने वाले वोट हासिल करने की बात तो दूर एक सीट तो ऐसी सामने आई है. जहां पर बीएसपी के कैंडिडेट को नोटा (NOTA) के बराबर भी वोट हासिल नहीं हो पाए हैं.
मायावती की अगुवाई वाली बहुजन समाज पार्टी का दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश में बुरा हाल देखने को मिला है. बीएसपी अपने गढ़ वाले राज्य उत्तर प्रदेश में भी औंधे मुंह गिरी है. यूपी में 80 की 80 सीटों पर सूपड़ा साफ हो गया है. देश के किसी राज्य में भी जहां पर बीएसपी ने अपने कैंडिडेट उतारे थे, कहीं पर भी पार्टी कोई खाता नहीं खोल पायी है. देशभर में बीएसपी का मत प्रतिशत 2.04 फीसदी रिकॉर्ड हुआ है.
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BSP जमानत बचाने में नाकाम रहा: मायावती की पार्टी बीएसपी ने हमेशा की तरह इस बार भी दिल्ली में सातों सीटों पर कैंडिडेट उतारे थे जिन पर बीएसपी के प्रत्याशी इतना वोट भी हासिल नहीं कर पाए. जिससे उनकी जमानत जब्त होने से बच सके. दिल्ली की नॉर्थ वेस्ट लोकसभा सीट ऐसी है जिस पर बीएसपी को बाकी छह सीटों के मुकाबले सबसे ज्यादा वोट पड़े हैं. वहीं, वेस्ट दिल्ली लोकसभा सीट ऐसी है जिस पर कैंडिडेट को बड़े कुल वोटों के मुकाबले नोटा पर ही लोगों ने इतना बटन दबा दिया जो बीएसपी को मिले वोटों से ही ज्यादा रिकॉर्ड किया गया है.
अगर सातों सीटों पर बीएसपी कैंडिडे्स को मिले कुल वोटों की बात करें तो नॉर्थ ईस्ट लोक सभा सीट से बसपा के कैंडिडेट अशोक कुमार को 12,138 वोट हासिल हुए हैं, जो सबसे ज्यादा हैं. वहीं, दूसरे नंबर पर नॉर्थ वेस्ट सीट रही है जिस पर बीएसपी कैंडिडेट विजय बौद्ध को 11997 वोट हासिल हुए हैं. इसके बाद तीसरे नंबर पर दक्षिणी दिल्ली की लोकसभा सीट रही जहां पर बीएसपी कैंडिडेट अब्दुल बासित को 9861 वोट पड़े हैं. जबकि. पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर बसपा के प्रत्याशी मोहम्मद वकार चौधरी को सिर्फ 9197 मत प्राप्त हुए हैं.
चांदनी चौक लोकसभा सीट से बीएसपी के कैंडिडेट अब्दुल कलाम आजाद को 5829 वोट मिले हैं. जबकि. नई दिल्ली सीट ऐसी है जिस पर आम आदमी पार्टी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके राजकुमार आनंद को उनकी विधानसभा क्षेत्र वाली लोकसभा में मात्र 5629 वोट ही हासिल हुए हैं. बीएसपी को सातों सीटों पर मिले वोटों की तुलना में नई दिल्ली ऐसी सीट है जो मत प्राप्त करने वाली सबसे नीचे की श्रेणी में रिकॉर्ड की गई. नई दिल्ली सीट पर अगर नोटा को ही मिले वोटों की संख्या की बात करें तो यह कुल 4813 रिकॉर्ड हुई है.
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नोटा के बराबर ही मिला बीएसपी को वोट: सातों सीटों पर अगर नॉन ऑफ द अवॉब यानी नोटा की अगर बात की जाए तो नॉर्थ वेस्ट सीट पर यह सबसे ज्यादा 8984 रिकॉर्ड किया गया है. इसके बाद इस मामले में दूसरे नंबर पर पश्चिमी दिल्ली सीट आती है जहां पर नोटा 8699 रिकॉर्ड किया गया है. इसी तरह से दक्षिणी दिल्ली सीट पर नोटा पर 5961 वोट, नॉर्थ ईस्ट पर 5873 वोट, पूर्वी दिल्ली सीट पर 5394 वोट, चांदनी चौक सीट पर 5563 वोट और नई दिल्ली सीट पर यह 4813 वोट रिकॉर्ड किया गया है. इन सभी नोटा के आंकड़ों की बात करें तो इन सभी सातों सीटों पर करीब-करीब बीएसपी कैंडिडेट के बराबर या फिर आधे से ज्यादा वोट नोटा के रूप में रिकॉर्ड किया गया है.
2019 में बीएसपी को इन पांच सीटों मिले थे इतने वोट: गौरतलब है कि बीएसपी को 2019 के लोकसभा चुनाव में नॉर्थ ईस्ट सीट पर सबसे ज्यादा मत प्राप्त हुए थे. बसपा कैंडिडेट राजवीर सिंह को 37,831 वोट हासिल हुए थे. जबकि. ईस्ट दिल्ली सीट पर संजय गहलोत को 19,090 वोट मिले थे. इसके अलावा साउथ दिल्ली सीट पर बसपा प्रत्याशी सिद्धांत गौतम को 14572 मत, वेस्ट दिल्ली सीट से सीता सरन सैन को 13269 मत हासिल हुए थे. बीएसपी के शाहिद अली को चांदनी चौक लोकसभा सीट पर पिछले चुनाव में 8711 वोट हासिल हुए थे.
इस बीच देखा जाए तो नोटा पर पड़े इतनी संख्या में वोटों के आधार पर कहा जा सकता है कि बीजेपी के साथ-साथ सभी सातों सीटों पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के 'इंडिया गठबंधन' के प्रत्याशियों को जनता ने पसंद नहीं किया है. वहीं, बीएसपी ऐसी पार्टी रही है जो बीजेपी और आप-कांग्रेस के बाद वोट हासिल करने के हिसाब से तीसरे नंबर की पार्टी के रूप में नजर आई है.
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