ETV Bharat / state

यूपी सरकार विकास छोड़ धर्म को आड़ बनाकर अपनी राजनीति साधने में जुटी: मायावती - BSP PRESIDENT LUCKNOW MEETING

BSP President Mayawati: बसपा सुप्रीमो का योगी सरकार पर हमला, बोलीं-, यूपी उत्तराखंड महंगाई बेरोजगारी की मार झेल रहा, लेकिन सरकार को कोई फिक्र नहीं.

ETV Bharat
बीएसपी प्रमुख मायावती की अधिकारीयों संग बैठक (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 30, 2024, 5:34 PM IST

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने राजनीतिक हमला बोलते हुए कहा कि यूपी सरकार द्वारा भी संवैधानिक दायित्वों को निभाने के वैधानिक कार्यों से अधिक धर्म को आड़ बनाकर अपनी राजनीति साधने में जुटी है. यही कारण है कि आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य यूपी और पड़ौसी राज्य उत्तराखण्ड में भी महंगाई की जबरदस्त मार झेल रहे सर्वसमाज के करोड़ों लोग गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा व पिछड़ेपन आदि का अंधकार जीवन जीने को मजबूर हैं.

बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को प्रदेश कार्यालय में उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड राज्य के वरिष्ठ पदाधिकारियों सहित पार्टी के अन्य सभी जिम्मेदार लोगों के साथ बैठक की. उन्होंने पदाधिकारियों से कहा कि देश व समाज को संकीर्ण जातिवादी एवं साम्प्रदायिक तत्वों को जड़ से निकालने के लिए अम्बेडकरवादी बहुजनों को एकजुट होकर सत्ता की मास्टर चाबी के लिए संघर्ष को और मजबूत करना होगा.

मायावती ने कहा कि देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष व सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से मुक्त साफ चुनाव कल की तरह आज भी बड़ी चुनौती है. ऐसे में आमजनता का चुनावी तंत्र पर विश्वास की कमी संविधान व लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है. इसीलिए संविधान के हिसाब से चेक एंड बैलंस की जो व्यवस्था है, उसको लेकर सभी लोकतांत्रिक व संवैधानिक संस्थाओं को अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभानी होगी.

इसे भी पढ़ें-यूपी की सत्ता पर चार बार काबिज रही BSP की हालत हो रही खस्ता, मायावती ले सकती हैं बड़ा एक्शन

इसके साथ ही मायावती ने कहा कि अडाणी समूह और संभल मस्जिद को लेकर उभरा विवाद ऐसे चर्चित मुद्दे हैं, जिसको लेकर सरकार और विपक्ष में जबरदस्त तकरार और टकराव के कारण संसद की कार्रवाई सुचारू रूप से नहीं चलेगी. वर्तमान शीतकालीन सत्र का महत्व शून्य होना कितना उचित है? संसद की कार्रवाई अवश्य चलनी चाहिए.

मायावती ने यूपी व उत्तराखण्ड दोनों राज्य में पार्टी संगठन की मजबूती तथा सर्वसमाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के लिए मण्डल और जिलावार समीक्षा में उल्लेखित कमियों को दूर करने के लिए कहा. इस दौरान उन्होंने कहा कि पूर्व में कांग्रेस की सरकार की तरह ही वर्तमान में भाजपा की गरीब-विरोधी व उनकी धन्नासेठ समर्थक नीतियों एवं कार्यकलापों के विरुद्ध लोगों में आक्रोश है. इस पर लोगों का ध्यान बांटने के लिए पार्टी नये जातिवादी, साम्प्रदायिक और संकीर्ण हथकण्डों का इस्तेमाल करती हैं और चुनाव में इसका लाभ भी ले लेती है.


इसके अलावा, विशेषकर चुनावों के समय जनहित और जनकल्याण के किए गए अनेकों प्रकार के लुभावने वादे को सरकार बन जाने पर उनको ईमानदारी से निभाने के बजाय उन्हें पूरी तरह से भुला देने की नकारात्मक व घिनौनी राजनीति से देश का कुछ भी भला नहीं होता. बल्कि देश व प्रदेश के करोड़ों लोगों की गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा व उनके अन्य पिछड़ेपन आदि की समस्यायें दूर होने का नाम नहीं ले रही हैं. जिससे देश और जनहित बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है.

यह भी पढ़ें-सपा प्रत्याशी के भाई का दावत-ए-वलीमा खाना बसपाईयों को पड़ा महंगा, बहनजी ने दिखाया तीनों को पार्टी से बाहर का रास्ता

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने राजनीतिक हमला बोलते हुए कहा कि यूपी सरकार द्वारा भी संवैधानिक दायित्वों को निभाने के वैधानिक कार्यों से अधिक धर्म को आड़ बनाकर अपनी राजनीति साधने में जुटी है. यही कारण है कि आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य यूपी और पड़ौसी राज्य उत्तराखण्ड में भी महंगाई की जबरदस्त मार झेल रहे सर्वसमाज के करोड़ों लोग गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा व पिछड़ेपन आदि का अंधकार जीवन जीने को मजबूर हैं.

बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को प्रदेश कार्यालय में उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड राज्य के वरिष्ठ पदाधिकारियों सहित पार्टी के अन्य सभी जिम्मेदार लोगों के साथ बैठक की. उन्होंने पदाधिकारियों से कहा कि देश व समाज को संकीर्ण जातिवादी एवं साम्प्रदायिक तत्वों को जड़ से निकालने के लिए अम्बेडकरवादी बहुजनों को एकजुट होकर सत्ता की मास्टर चाबी के लिए संघर्ष को और मजबूत करना होगा.

मायावती ने कहा कि देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष व सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से मुक्त साफ चुनाव कल की तरह आज भी बड़ी चुनौती है. ऐसे में आमजनता का चुनावी तंत्र पर विश्वास की कमी संविधान व लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है. इसीलिए संविधान के हिसाब से चेक एंड बैलंस की जो व्यवस्था है, उसको लेकर सभी लोकतांत्रिक व संवैधानिक संस्थाओं को अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभानी होगी.

इसे भी पढ़ें-यूपी की सत्ता पर चार बार काबिज रही BSP की हालत हो रही खस्ता, मायावती ले सकती हैं बड़ा एक्शन

इसके साथ ही मायावती ने कहा कि अडाणी समूह और संभल मस्जिद को लेकर उभरा विवाद ऐसे चर्चित मुद्दे हैं, जिसको लेकर सरकार और विपक्ष में जबरदस्त तकरार और टकराव के कारण संसद की कार्रवाई सुचारू रूप से नहीं चलेगी. वर्तमान शीतकालीन सत्र का महत्व शून्य होना कितना उचित है? संसद की कार्रवाई अवश्य चलनी चाहिए.

मायावती ने यूपी व उत्तराखण्ड दोनों राज्य में पार्टी संगठन की मजबूती तथा सर्वसमाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के लिए मण्डल और जिलावार समीक्षा में उल्लेखित कमियों को दूर करने के लिए कहा. इस दौरान उन्होंने कहा कि पूर्व में कांग्रेस की सरकार की तरह ही वर्तमान में भाजपा की गरीब-विरोधी व उनकी धन्नासेठ समर्थक नीतियों एवं कार्यकलापों के विरुद्ध लोगों में आक्रोश है. इस पर लोगों का ध्यान बांटने के लिए पार्टी नये जातिवादी, साम्प्रदायिक और संकीर्ण हथकण्डों का इस्तेमाल करती हैं और चुनाव में इसका लाभ भी ले लेती है.


इसके अलावा, विशेषकर चुनावों के समय जनहित और जनकल्याण के किए गए अनेकों प्रकार के लुभावने वादे को सरकार बन जाने पर उनको ईमानदारी से निभाने के बजाय उन्हें पूरी तरह से भुला देने की नकारात्मक व घिनौनी राजनीति से देश का कुछ भी भला नहीं होता. बल्कि देश व प्रदेश के करोड़ों लोगों की गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा व उनके अन्य पिछड़ेपन आदि की समस्यायें दूर होने का नाम नहीं ले रही हैं. जिससे देश और जनहित बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है.

यह भी पढ़ें-सपा प्रत्याशी के भाई का दावत-ए-वलीमा खाना बसपाईयों को पड़ा महंगा, बहनजी ने दिखाया तीनों को पार्टी से बाहर का रास्ता

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.